किसानों का समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता—-प्रदीप चौधरी
दिल्ली। 1 फरवरी 2022 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा और मोदी सरकार का दसवां बजट आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार बजट है। विकासोन्मुखी उत्पादन क्रांति का जनक और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाला यह बजट हर वर्ग के लोगों का के विकास का अमृत होगा।
उक्त बातें कैराना लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रदीप चौधरी ने मोदी सरकार के वर्ष 2022-23 के पेश आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वाले वर्ष में विद्यार्थियों, युवाओं, कृषकों और देश की चहुमुंखी प्रगति को व्यावहारिक आयाम देने वाला है बजट जो आत्मनिर्भर भारत के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि खेती व्यवस्था में ड्रोन तकनीक का उपयोग और जैविक खेती को बढ़ावा क्रांतिकारी बदलाव लायेगा। उन्होंने कहा कि फसल का मूल्यांकन करने, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
साथ ही सरकार के प्राकृतिक, जैविक खेती को बढ़ावा देना और 1000 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद किसानों के समावेशी विकास के सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट रूप से दिखती है। श्री प्रदीप ने कहा कि कहा कि गंगा नदी के पांच किमी चौड़े कोरिडोर्स की कृषि भूमि पर पहले चरण में प्रावधान से इससे किसानों को विशेष लाभ होगा।
सांसद चौधरी ने कहा कि अब भारत में नए डिजिटल युग की शुरूआत होगी। केंद्रीय बजट में डिजिटल करंसी को बढ़ावा देने के प्रावधान किए गए हैं। डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्हों ने कहा कि दूरदर्शी सरकार ने बदलते युग में डिजिटल शिक्षा इससे छात्रों को होने वाले फायदे को पहचाना है। सरकार का प्रयास है कि डिजिटल माध्यमों से देश का बच्चा-बच्चा शिक्षित हो। वैसे भी कोरोना महामारी के कारण बच्चों को पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है। आगे ऐसा न हो इसलिए ई-कंटेंट और ई-लर्निंग को बढ़ावा बजट में बढ़ावा देने और देश में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई है। इसके माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में घर-घर शिक्षा पहुंचेगी और विद्यार्थियों को विश्व स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। साथ ही गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की गई है जिसमें एक से 12 तक की क्लास के लिए प्रदेश क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करेंगे।
श्री चौधरी ने कहा कि बजट दीर्घकालिक परिणाम देगा। भारत महाशक्ति के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में काम कर रहा है। बजट में जो भी प्रावधान किए गए हैं वह दीर्घकालीन है। पिछले दो साल से हर कोई कोरोना से जूझ रहा है। लोगों की जिंदगी के साथ-साथ व्यापार, कारोबार, नौकरी पर इसका बुरा असर पड़ा है। ऐसे में लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें थीं। इस बजट से सरकार ने एक करोड़ से कम आय वाली कंपनियों के सरचार्ज 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करना, प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना और डिजिटल विश्वविद्यालय, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख और मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख रोजगार के अवसर की घोषणा कर छात्रों, युवाओं, किसानों सबकी उम्मीदों को पूरा किया है। इसके अलावा कोविड के कुप्रभाव के कारण मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके तहत देश में 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर शुरू किए जाएंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहंस) इसका नोडल सेंटर होगा और आईआईटी बैंगलोर इसके लिए प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि 39.45 लाख करोड़ का बजट कोरोना काल में भी भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। इस वैश्विक महामारी काल में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत करना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सांसद प्रदीप चौधरी ने कहा कि राष्ट्रगौरव को समर्पित आम बजट से रक्षा क्षेत्र को नए पंख लगेंगे। स्टार्टअप सहित ड्रोन तकनीकी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में भी इसका उपयोग संभावित है। क्योंकि बजट में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। कुल खरीदी बजट में से 68 प्रतिशत को घरेलू बाजार से खरीदी पर खर्च किया जाएगा। इससे रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भता कम होगी।
पीएम गतिशक्ति योजना पर चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि इसके जरिए रेलवे कार्गाे हैंडलिंग क्षमता 1200 मिट्रिक टन सेे बढ़कर 1600 होगा। इसके साथ ही सड़कों के नेटवर्क में भी 1 लाख किलोमीटर नेशनल हाईवे रूट को बढ़ाकर 20 लाख किमी किया जाएगा। दूरसंचार विभाग को भी गति मिलेगी और साल 2024 और 25 तक देश में 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बनाया जायेगा। इन सभी योजनाओं से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, और देश की अर्थव्यस्था में सुधार होगा। इस योजना से हॉलिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की नींव के जरिए युवाओं को रोजगार मिलेगा, जो लोकल उत्पादक होगा उसे विश्व स्तर पर ले जाया सकेगा, जिससे देश में उद्योग के अवसर बढ़ेंगे। इतना ही नहीं इस योजना के जरिए यातायात के संसाधनों में तालमेल बन सकेगा और योजना के जरिए सभी मंत्रालय डिजिटल मंच पर एक साथ होंगे और देश के विकास के लिए एक साथ काम कर सकेंगे।