हरित ऊर्जा-हाइड्रोजन से बदलेगी देश की सूरत— नरेंद्र मोदी
यशोभूमि दिल्ली में आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह 2025
अमर चंद्र दिल्ली। दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि में आज भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के तीसरे संस्करण के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचार वीडियो संदेश के माध्यम से व्यक्त किए। आज देश विदेश से आई कंपनियों एवं मीडिया को यशोभूमि में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपस्थित लोग न केवल ऊर्जा सप्ताह का हिस्सा हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का अभिन्न अंग भी हैं।
भारत ऊर्जा सप्ताह की परिकल्पना अन्य उद्योग सम्मेलन से कहीं अधिक के रूप में की गई थी- इसे वैश्विक ऊर्जा संवादों को फिर से परिभाषित करने वाले एक गतिशील मंच के रूप में डिजाइन किया गया था। केवल दो वर्षों में, इस स्व-वित्तपोषित पहल ने यह हासिल किया है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा कार्यक्रम बन गया है। 11-14 फरवरी, 2025 को यशोभूमि, नई दिल्ली में निर्धारित भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 वैश्विक ऊर्जा को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 21वीं सदी भारत का है, श्री मोदी ने कहा, “भारत न केवल अपने विकास को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ दुनिया के विकास को भी आगे बढ़ा रहा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर टिकी हैं: संसाधनों का दोहन, प्रतिभाशाली के बीच नवाचार को प्रोत्साहित करना, आर्थिक मजबूती और राजनीतिक स्थिरता, ऊर्जा व्यापार को आकर्षक और आसान बनाने वाली रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कारक भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहे हैं। बहुत ही विशाल और सुंदर बने यशोभूमि भूमि में देश-विदेश की कई कंपनियां ग्रीन एनर्जी के विषय पर विचार गोष्ठी एवं अन्य आयोजन पर चर्चा के साथ-साथ अपने मंडपों पर आने वाले भविष्य के फ्यूल के बारे में भी बात भी कर रहे है।
भारत ऊर्जा सप्ताह में कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्र-विशिष्ट मंडपों का आयोजन किया जाता है, जो वैश्विक ऊर्जा समुदाय की विविध रुचियों को प्रदर्शित करते हैं। यह व्यवस्था प्रतिभागियों को बातचीत करने और वैश्विक अत्याधुनिक नवाचारों और पहलों का लाभ उठाने का अवसर देती है, जिससे सीमा पार सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के अवसर बढ़ते
इस मौके पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में इस आयोजन के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला, जो महज तीन वर्षों में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा सम्मेलन बन गया है। इस वर्ष के आयोजन में 50 से अधिक देशों के 70,000 से अधिक ऊर्जा पेशेवरों ने हिस्सा लिया है, जिसमें फॉर्च्यून 500 ऊर्जा कंपनियों के 20 से अधिक मंत्री और 100 सीईओ शामिल हैं, जिससे यह उभरते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य पर चर्चा के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है।
श्री पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 वैश्विक ऊर्जा व्यवस्था को नया रूप देने वाले प्रमुख भू-राजनीतिक बदलावों के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सम्मेलन नीति निर्माताओं, प्रसिद्ध उद्योगपतियों और हितधारकों को सार्थक संवाद में शामिल होने, विचारों का आदान-प्रदान करने और संतुलित और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए एक मार्ग तैयार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवर्तन व्यावहारिक होना चाहिए, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन और जैव ईंधन के साथ-साथ हाइड्रोकार्बन की निरंतर भूमिका को मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2024 तक वैश्विक ऊर्जा निवेश 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा, जिसमें से 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए समर्पित होंगे, जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर तेजी से हो रहे बदलाव का स्पष्ट संकेत है।
भारत ऊर्जा सप्ताह में विशेष
11-14 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला भारत ऊर्जा सप्ताह भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संरक्षण में संचालित होता है और इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (FIPI) और dmg इवेंट्स द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। यह वैश्विक सम्मेलन दुनिया भर के ऊर्जा नेताओं, नीति निर्माताओं और नवप्रवर्तकों को इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करने और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य के लिए कार्रवाई योग्य समाधान निकालने के लिए एकत्रित करेगा।