जनविरोधी सर्कुलर को सरकार तुरंत वापस ले- राजीव शुक्ला
नई दिल्ली।आज मैं आपका एक बहुत ही गंभीर विषय की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार ने कल एक सर्कुलर जारी किया और उस सर्कुलर में आगे कोई भी नया सरकारी पद बनाने पर रोक लगा दी है, मौजूदा जो खाली पद हैं, उनको भरने पर रोक लगा दी है और इसके अलावा सलाहकार नियुक्त करने पर रोक है, तथा किसी भी किस्म का रोजगार लोगों को देने पर एक प्रकार से रोक लगा दी है। ये सर्कुलर आपके सामने है, जो भारत सरकार ने जारी किया है, तो इसको आप देख लें, तो ये बहुत ही गंभीर मामला है।
आज देश की आर्थिक हालत बहुत ही बुरी है। 45 साल में पहली बार जीडीपी में इतनी गिरावट आई है। इसे मैं आर्थिक संकट कहूंगा, घनघोर आर्थिक संकट है, इससे उबरने के लिए सरकार को एक कदम आगे बढ़कर आना चाहिए था, जैसे दुनिया के बाकी देश कर रहे हैं, जहाँ लॉकडाउन लागू हुआ है कि वो हर तरह से रोजगार बचाए रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लोगों की प्राईवेट कंपनियों तक में सरकार तनख्वाह भेज रही हैं ताकि लोगों को तनख्वाह दी जा सके और उनको नौकरी से ना निकाला जा सके। यहाँ हालत ये है कि प्राईवेट सेक्टर में तो छंटनी चल रही है, क्योंकि उनकी हालत बहुत खराब है, हर तरफ से उनकी हालत खराब हो रही है। अब सरकार ने भी अपनी नौकरियों पर रोक लगा दी है, तो इस तरह से युवा जाएगा कहाँ? ढाई प्रतिशत की दर से इस देश का युवा बढ़ रहा है हर साल, इन्हें कहाँ नौकरियां मिलेंगी, लोगों को कहाँ नौकरियां मिलेंगी? CMIE के डेटा से पता चला है कि किस तरह से 15 से 29 साल के लोगों के बीच में 17.8 प्रतिशत नौकरियां चली गई, बेरोजगारी आ गई और इसके अलावा 20 अगस्त तक 1.89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी, कहाँ 2 करोड़ नौकरी का वायदा किया गया था हर साल, 2014 के चुनाव से पहले। 2 करोड़ नौकरी देना तो दूर, अब मेरे ख्याल से 2 करोड़ नौकरियाँ जा रही है हर साल। ये नया रिकोर्ड ये सरकार कायम कर रही है कि बजाए इसके कि 2 करोड नौकरी हर साल देने के, जो वायदा किया था, 2 करोड़ नौकरी हर साल लोगों की जा रही है। त्राही-त्राही मची हुई है। प्राईवेट सेक्टर हो, पब्लिक सेक्टर हो, हर तरफ बुरा हाल है। इस हालत में मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ये सरकार ने ऐसा सर्कुलर क्यों जारी किया है कि जिसमें जो सारी किसी भी किस्म की पोस्ट, सरकारी पोस्ट क्रियेट करने पर मना कर दिया है, सरकारी विभागों को और जो मौजूदा खाली पोस्ट हैं, उनको भरने के लिए मना कर दिया है, तो ये कैसे चलेगा? ये सरकारी नौकरी ठप करने का जो सरकार का आदेश है, उस पर कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उसको तत्काल वापस लेना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देनी चाहिएं।
अभी आपको एक बात याद हो तो प्रधानमंत्री जी ने कहा था अपने एक भाषण में, यूथ को आश्वासन दिया था कि 2 लाख नौकरियां रेलवे में और एसएससी में दी जाएंगी और आप भी देखिए कि वो नौकरी तो छोड़ दी, उसकी जगह प्रधानमंत्री की घोषणा तो झूठी साबित हुई। वो कहते हैं कि किसी किस्म की नौकरी लोगों को मिलेगी नहीं, तो ये बेहद चिंता का विषय है। जो सरकार का नया फरमान है, नया आदेश है, कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इसको तत्काल वापस लेना चाहिए, सरकार को रोजगार के नए पद और सृजन करने चाहिए बजाए इसके कि इन पर रोक लगाए, क्योंकि अगर सरकार आगे बढ़कर खर्च नहीं करेगी, तो ये इकोनॉमी निकल नहीं पाएगी और नीचे डूबती चली जाएगी। ये जो माईनस 23.9 प्रतिशत पर जीडीपी आई है, ये और नीचे चली जाएगी। तो इसलिए बहुत जरुरी है, हम मांग करते हैं कि सरकार ने ये जो प्रतिबंध लगाया है, इसको रोके और पद सृजन करे, ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दे। दूसरे क्षेत्रों में, तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जिनका बहुत बुरा हाल है, उन सेक्टर को मदद करे, वहाँ नौकरियां ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिलवाएं, क्योंकि जैसा कि आपको पता है कि 12-13 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी है। जब सरकार ही मान रही है कि इतनी नौकरियां चली गई हैं और ILO का डेटा है कि 48 लाख डेली वेजिस जो हैं, जो लोग दिहाड़ी मजदूर हैं, 48 लाख, उनका काम चला गया। मेरे ख्याल से संख्या और भी ज्यादा है, 48 लाख नहीं, 68 लाख है, 68 लाख तो CMIE के डेटा में कहा गया है कि 68 लाख है, अगर आप ILO की रिपोर्ट देखें तो उनके हिसाब से 40 करोड़ लोग भारत में गरीबी की रेखा से नीचे आने वाले हैं।
मैं देश का योजना मंत्री था, मुझे याद है, मैंने पार्लियामेंट में भी वो डेटा बोला था कि ये पहली बार है 2005 से 2014 तक और 15 तक, करीब 27 करोड़ लोगों को हम गरीबी की रेखा से निकाल कर बाहर लाए थे, ऊपर लेकर आए थे, जिसमें मनरेगा की बहुत बड़ी भूमिका थी। ये संसद में हमारा बयान भी है और इसके अलावा उस समय के आंकड़े हैं, जो संयुक्त राष्ट्र संघ ने जारी किए थे कि 2005 से 2015 के बीच में जो 27 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर उठे हैं भारत में। आज अब ILO क्या कह रहा है कि 40 करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे भारत में चले गए हैं, ये तो किया कराया चौपट हो गया। जो मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने किया था, जितने लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर लाए थे, वो सब नीचे चले गए और इसके अलावा सरकार पीछे हट रही है, बजाए कोई कदम बढ़ाने के, लोगों को रोजगार की व्यवस्था कराने के लिए, चाहे पब्लिक सेक्टर हो, चाहे प्राईवेट सेक्टर हो, सरकार लगातार पीछे हटती चली जा रही है।
उस समय डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, उन्होंने कहा था कि ढाई प्रतिशत की दर से देश में यूथ बढ़ रहा है, इसलिए नौकरी का इंतजाम करना चाहिए, उस समय फिर योजना आयोग की तरफ से स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम का प्रपोजल आया था, वो स्किल डेवलपमेंट लागू किया था और फिर वो बढ़ता चला गया था। आज उस प्रोग्राम की क्या हालत है, पता नहीं, जगह – जगह उसमें भी शिकायतें आ रही हैं। इसलिए हमारा सरकार से आग्रह है कि हाथ पर हाथ धरकर बैठने से काम नहीं चलेगा, सरकारी दफ्तरों में ताला लगाने से काम नहीं चलेगा कि आप नौकरी नहीं देंगे। सरकार पीछे हट जाएगी, तो बहुत बड़ी समस्या देश में पैदा होने वाली है।
फिर इसी सर्कुलर में अगर आप देखें तो उन्होंने छोटी-छोटी चीजों पर रोक लगाई है, इतने कागज का इस्तेमाल मत करो, इतना फाउंडेशन दिवस अपने विभाग ना मनाएं। कोई कंसल्टेंट मत रखो, इन सब चीजों से ये छोटे-छोटे खर्चे बचाने से जो हजारों रुपए बचेंगे, एक फाउंडेशन डे पर किसी विभाग का कितना खर्च होगा, कुछ हजार खर्च होता है, 1 लाख खर्ज होगा। उससे नहीं होने वाला, आज जो बेफिजूल के हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स हैं, उनको रिव्यू करिए, उनको रिव्यू करने से काम चलेगा। जो बेफिजूल के प्रोजेक्ट आपने सिर्फ अपनी पब्लिसिटी के लिए घोषित किए हुए हैं, उनको रिव्यू करिए, उनको रोकिए, बजाए इसके कि कहीं आपने 10 हजार रुपए बचाए, कहीं 50 हजार बचा लिए, कहीं 1 लाख बचा लिए।
इसलिए जो सर्कुलर जारी हुआ है, ये बेहद मुझे लगता है कि जन विरोधी सर्कुलर है, कांग्रेस पार्टी इस सर्कुलर को तत्काल वापस लेने, नए रोजगार सृजन करने, ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने और इसके अलावा दूसरे सेक्टर के लिए सरकार को आगे बढ़कर मदद देने की अपील करती है। आज राहुल जी ने भी अपने ट्वीट में इस बात को स्पष्ट किया कि सरकार बजाए इसके कि लोगों को रोजगार दे, लोगों का रोजगार छीन रही है। इसलिए हम आपके माध्यम से निवेदन करते हैं कि इस सर्कुलर को तत्काल वापस लिया जाए और जो खाली पद पड़े हैं सरकारी विभागों में, वो तत्काल भरे जाएं और इसके अलावा नए पद सृजित किए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके।