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प्रथम ‘सबला उत्कर्ष राष्ट्रीय गौरव अवार्ड 2020’ सम्पन्न

सी एम पपनैं
नई दिल्ली, । प्रतिष्ठित बहुभाषीय पाक्षिक समाचार पत्र सबला उत्कर्ष का एक वर्ष पूर्ण होने पर स्पीकर हाल कंस्टीट्यूसन क्लब नई दिल्ली मे विभिन्न राज्यो के विभिन्न क्षेत्रों मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रबुद्ध प्रतिष्ठित जनों को वालीवुड सिंगर अमित जैन की अध्यक्षता मे ‘सबला उत्कर्ष राष्ट्रीय गौरव अवार्ड 2020’ प्रदान किए गए।
आयोजन अतिथियो लता रानी शेखावत, छाया भोंसले, डॉ राजीव मेनन, जय प्रकाश, डॉ शक्ति शरद, नरेन्द्र चावला, अमित जैन, संजय उपाध्याय, नरेंद्र भंडारी, मो.शाहिद सिद्दकी, फिरदोस खान के करकमलों आयोजन संयोजक राजश्री राहुल चौधरी संपादक सबला उत्कर्ष समाचार पत्र के सानिध्य में दीप प्रज्वलन की रश्म अदा कर छत्रपति शिवाजी तथा भारत रत्न बाबा साहिब अंबेडकर के चित्र पर फूल अर्पित कर, देश के लिए शहीद हुए शहीदो के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। सबला उत्कृष्ट समाचार पत्र के दूसरे वर्ष के प्रथम अंक का लोकार्पण मंचासीन प्रबुद्ध अतिथियो द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथियो को शाल, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह संयोजिका राजश्री राहुल चौधरी द्वारा स्पीकर हाल मंच से देश के विभिन्न राज्यो से आये पत्रकारो, समाज सेवियो, होमगार्ड कर्मियों, पर्यावरण तथा जनसरोकारों को समर्पित  उपस्थित प्रबुद्ध जनो का स्वागत कर अवगत कराया गया, वे संपादक के नाते पहली बार प्रतिष्ठित मंच से लोगों के सम्मुख मुखातिब हो रही हैं। सबला उत्कर्ष रंगीन पृष्ठों मे पाक्षिक बहुभाषी समाचार पत्र  है। विगत एक वर्ष से महिला सशक्तिकरण व बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रमुखता दे, नियमित तौर पर हिंदी, अंग्रेजी व मराठी में प्रकाशित हो रहा है। व्यक्त किया गया, परिजनों द्वारा अखबार के प्रकाशन कार्य में उन्हे पूर्ण सहयोग मिल रहा है, जिस बल उनका मनोबल सदा ऊंचा व जनसरोकारों के लिए तत्पर रह, सपर्पित रहा है। इसीलिए वे आज एक सफल महिला के रूप में खड़ी है।
सबला उत्कृष्ट राष्ट्रीय गौरव अवार्ड 2020 पाने वालो मे एसिड पीड़ित महिलाओ मे  शबनम, शाइना, अंजू, विमला तथा पूजा गुप्ता को असहनीय पीड़ा सहने के बाद भी मजबूती से समाज के मध्य खड़े रहने पर सम्मानित किया गया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के क्षेत्र मे समाज में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु कौशल्या गाड़े (औरंगाबाद), वंदना कासरे (महाराष्ट्र) तथा चार वर्षीय श्रुति गुलाटी दिल्ली को सम्मान प्रदान किया गया।
सामाजिक कार्यो हेतु मीना सूर्यवंशी (दिल्ली), वी के सिंह चंडेल (दिल्ली), मनोहर युवराज अहीरे (धूले, महाराष्ट्र), डॉ विवेक मवाडे (नांदेड़, महाराष्ट्र), मनोज मोडक (चंद्रपुर, महाराष्ट्र), संदीप महादेव राव, सुशिर (अमरावती, महाराष्ट्र), विना विजय पटनी (औरंगाबाद महाराष्ट्र), मनीष खर्चे (अकोला महाराष्ट्र), पिराजी प्रल्हाद बाघमारे (खानापुर लातूर), रामकृष्ण सहदेव गावड़े (महाराष्ट्र सुरक्षा बल), दिगंबर गुलाबराव नवलकर (अमरावती, महाराष्ट्र) तथा स्वाति राजेश धोटकर (चन्द्रपुर महाराष्ट्र) को सम्मान प्रदान किया गया।
पर्यावरण संरक्षण व सुरक्षा के क्षेत्र मे दिल्ली के विवेक श्रीवास्तव को वन रचना के क्षेत्र मे, सहारनपुर उ.प्र. के विवेक नैन खेणी गांव को इको विलेज व  जैविक खेती मे तथा चंदरपाल होमगार्ड (हरियाणा वेलफेयर ऐसोसिऐशन), जसबीर सिंह होमगार्ड (धारसूल कला), विनोद कुमार होमगार्ड (सिरसा हरियाणा) को सम्मान प्रदान किया गया।
राज्य स्तरीय प्रिंट व टेलीविजन पत्रकारिता के क्षेत्र मे जिन पत्रकारो को सम्मानित किया गया, उनमे संतोष पोपट जाधव संपादक (बारामती, पूना),
अजित कुमार (लखनऊ), विजय शर्मा (दिल्ली), सी एम पपनैं (दिल्ली) तथा अन्य पत्रकारों मे भारत, मनोज, राजीव तिवारी, पुरुषोत्तम, दीपांशु, नीरज अवस्थी, अशोक पटवाल, अनिल सिंह चौहान, अशोक खरब, सुनील मिश्रा, रेशम दयाल, सुनील मिश्रा, उदय कुमार मन्ना, संजय शर्मा, भाष्कर, शबीर, जमीर अरोरा, महेंद्र सिंह, शिवा, बंसीलाल, सिद्दकी, कुलवंत, ओमपाल शर्मा, महेश कोड़ियाल, शहजाद, ऋषिपाल चौधरी, सुधीर कोहली, अशोक धवन, उपेंद्र कुमार, रामप्रसाद तथा अरविन्द सिंह तोमर (जल शक्ति मंत्रालय), प्रदीप खंडेलवाल (एमसीडी दिल्ली) इत्यादि मुख्य थे।
सम्मान समारोह को वरिष्ठ पत्रकारों नरेंद्र भंडारी, संजय उपाध्याय, मो.शाहिद सिद्धकी, ओमकार प्रसाद तथा अन्य सम्मानित अतिथियो मे चंद्रपाल (होमगार्ड एशोसिएसन), लता रानी सहरावत (महाराष्ट्र), छाया भोंसले (महाराष्ट्र), अमित जैन तथा रामशंकर कांवडे (महाराष्ट्र) द्वारा संबोधित किया गया। वक्ताओ द्वारा पत्रकारों की ज्वलंत समस्याओं पर प्रकाश डाला गया, तथा उनके निराकरण हेतु केंद्र सरकार से पत्रकारों के हित मे दीर्घकालीन नीतियां बना पत्रकारों के उज्ज्वल भविष्य हेतु पहल करने का आह्वान किया गया। व्यक्त किया गया, अच्छी नीतियों के बल ही लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भारत की लोकतांत्रिक परिपाठी मे स्वतंत्र रूप से अपनी साख कायम रख सकेगा, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को चौथे स्तंभ के नाते मजबूती प्रदान कर सकेगा।
देश मे कार्यरत छह लाख होमगार्ड कर्मियों की बिगड़ती आर्थिक हालातों पर भी अन्य वक्ताओ द्वारा चिंता व्यक्त कर, पत्रकारों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने की पहल की गई।
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