आईआरसीटीसी ने शुरू की बेस किचन व्यवस्था, सख्त निगरानी और उच्च गुणवत्ता की गारंटी
Amar sandesh नई दिल्ली, यात्रियों को ट्रेन यात्रा के दौरान होटल जैसी गुणवत्तापूर्ण और स्वच्छ खानपान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेल मंत्रालय ने बड़े सुधार लागू किए हैं। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेल अब ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और समय पर आपूर्ति को और बेहतर बनाने के लिए होटल इंडस्ट्री के मानकों पर काम कर रही है।
रेल मंत्रालय ने 2023 के वाणिज्यिक परिपत्र संख्या 24 के तहत एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत अब किसी एक ट्रेन की बजाय ट्रेनों के समूहों के लिए अनुबंध दिए जा रहे हैं। इससे खानपान सेवाओं की संपूर्ण जिम्मेदारी तय होगी और बुनियादी ढांचे में सुधार आएगा।
आईआरसीटीसी ने देशभर में बेस किचन शुरू करने के लिए स्थानों की पहचान की है और रूटवार ट्रेनों के समूह बनाए हैं। पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के तहत 24 बोलीदाताओं में से 20 को अनुबंध दिए गए हैं। सभी अनुबंध आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए गए हैं, जिससे किसी भी अनैतिक लाभ की संभावना समाप्त हो सके।
सख्त निगरानी और जुर्मान
यात्रियों की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए रेल मदद पोर्टल और अन्य माध्यमों से लगातार निगरानी की जा रही है। वर्ष 2024-25 में नियमों के उल्लंघन पर 13.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
16.5 लाख भोजन रोज़ भारतीय रेल रोजाना औसतन 16.5 लाख भोजन यात्रियों को उपलब्ध कराती है। इस विशाल पैमाने पर भी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए होटल प्रबंधन स्नातक और हॉस्पिटैलिटी मॉनिटर तैनात किए गए हैं।
रसोई संचालन की निगरानी के लिए 819 मॉनिटर
ट्रेनों में ऑन-बोर्ड खानपान निगरानी के लिए 876 मॉनिटर
कर्मचारियों की ट्रेनिंग और योग्यता पर जोर
नई नीति के तहत खानपान सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों की योग्यता, प्रशिक्षण और व्यवहार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि यात्री होटल जैसी सेवा का अनुभव कर सकें।
रेल मंत्री ने कहा “भारतीय रेल का लक्ष्य है कि यात्रियों को ट्रेन में वही स्वाद, स्वच्छता और सेवा मिले, जो उन्हें एक अच्छे होटल में मिलती है। इसके लिए हम न सिर्फ बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि सख्त निगरानी और पारदर्शी व्यवस्था भी लागू कर रहे हैं।”