पौड़ी विधानसभा क्षेत्र का चौमुखी विकास मेरे जीवन का मूल मकसद—- इंजीनियर गणेश चंद्रा

पौड़ी। इंजीनियर गणेश चंद्रा (आईआईटीएन रुडकी) जो विदेशों में रहकर अपनी सेवाएं देकर भारतीय इंजीनियरिंग का लोहा मनवा चुके हैं,अपनी देवभूमि उत्तराखंड से उनका लगाव, प्रदेश की चिंता उन्हें सदैव अपनी भूमि से दूर रहकर भी रही।

गणेश चंद्रा समाज हित में उत्तराखंड देव भूमि के लोगों के हित में सदैव समर्पित होकर कार्य करते रहते हैं। आपका मूल निवास ग्राम सिमखेत, पाबौ ब्लॉक, पौड़ी गढ़वाल है। आप उत्तराखंड मे श्री नारायण दत्त तिवारी जी की सरकार में विदेशी निवेश के पूर्व राज्यमंत्री रह कर हल्द्वानी मेडिकल कालेज के लिए करोडों रुपये का निवेश लाये। जब भी उनसे मुलाकात होती है तो, आप हमेशा समाज के लोगों के बीच समाज हित, देवभूमि उत्तराखंड के हित के लिए एवम् प्रदेश के युवाओं के भविष्य के बारे मे बड़े ही चिंतित रहते हैं। वह कहते हैं कि देश के युवाओं को अपनी study के दौरान ही सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए ताकि वे अपने भविष्य को कैसे संवारें, यह आभास समय पर हो जाय तो, इससे उन्हें अपने रोजगार पाने में आसानी हो सकती है।
शिक्षा हर युवा तक पहुंचे यह प्रयास हमारी सरकारों को निश्चित करना ही चाहिए।
श्री चंद्रा, देवभूमि उत्तराखंड के प्रति नया जज्बा लेकर इस बार पौड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक की दावेदारी कर रहे हैं। उनका और उनके साथियों का मानना है कि श्री गणेश चंद्रा जी की विकास की सोच, ईमानदार छवि और इंजीनियरिंग के साथ साथ कारपोरेट लेवल के लम्बे अनुभव का पौडी विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे उत्तराखण्ड राज्य को भी भरपूर लाभ मिलेगा। और प्रदेश इस नई ऊर्जा से नये मुकाम की ओर अग्रसर होगा।
श्री गणेश चंद्रा जी ने बताया कि क्षेत्र की जनता से घर-घर जाकर मिलूंगा और उनको अपनी योजनाएं बताऊंगा जिससे कि विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश का विकास कैसे हो, हमारी युवा शक्ति को रोजगार कैसे उपलब्ध हो तथा प्रदेश मे खुशहाली (Happiness Index) कैसे बडे, यह मेरा मूल उद्देश्य रहेगा।
उन्होंने कहा जब बच्चे शिक्षित होंगे तो उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेंगे और साथ ही उनके रोजगार के लिए सही मार्गदर्शन के साथ साथ हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था करनी ही पडेगी। स्वास्थ्य सेवाओं मे बहुत बडे पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। इसे हमे ब्लाक स्तर तक ले जाना होगा। Superspecoality facility को ब्लॉक स्तर पर ले जाना ही होगा। पौडी मे मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रयास करने होंगे। सडकों को दुरुस्त करना पडेगा। ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को भी चुस्त दुरुस्त करने की आवश्यकता है। शहरों की भीड को नियंत्रित करने के लिए फ्लाईओवरों का निर्माण अति आवश्यक होंगा। साथ ही कई क्षेत्र जो पुलों से अभी तक याने स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी नहीं जुडे उन्हे प्रमुखता देनी ही पडेगी। यह मानव कल्याण के सम्मान के साथ ही प्रदेश को भी आगे बढायेगा।
पौडी क्षेत्र मे मेडिकल टूरिज्म आईटी पार्क को set up करने के प्रयास करने होंगे, बच्चों के लिए स्पोर्ट्स कंपलेक्स स्पोर्ट्स एकेडमी बनवाने होंगे, ताकि पौडी व प्रदेश में कमर्शियल एक्टिविटी बढे। इससे लोगो के लिए रोजगार के अवसर बढेगे। पौडी के बस अड्डे को top priority देकर चालू करवाना होगा। अलकनंदा के पानी का इस्तेमाल केवल पीने तक ही सीमित न कर, उसे क्षेत्र में जैविक खेती के लिए मुहैया करवाना पडेगा। परमपरागत खेती मे बदलाव लाकर medicinal plant या अन्य आर्थिकी बढाने वाली खेती की ओर कार्य करना पडेगा। PDS (Public Distribution system) की ओर विशेष ध्यान देना होगा। 10 किमी क्षेत्र मे कोल्ड स्टोरेज सुविधा मुहैया करवानी होगी। फ्रूट प्रोसीजर प्लांट लगवाने होंगे। इन तमाम योजनाओं के लिए धन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए वर्ल्ड बैंक या अन्य निवेश की संस्थाओं से सहायता लेनी पडेगी।
ऐसे तमाम अन्य प्रयास करने पडेगे, तभी क्षेत्र तथा प्रदेश का भला होगा और प्रदेश चौमुखी विकास की राह पकडेगा।

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