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गौ कथा वाचक श्री गोपलमणि महाराज जी से प्रेरित होकर इस गौशाला की स्थापना की:अग्रवाल

श्री गोपाल गोलोकधाम सेवा संस्थान द्वारा वर्तमान में उत्तराखण्ड की मूल प्रजाति की गायों को संरक्षित कर गौमूत्र, गोबर आदि से अनेक उत्पाद तैयार करने की मुहिम पर कार्य कर रहा है। गौरतलब है कि धर्मपरायण समाज सेवी गोपाल कृष्ण अग्रवाल द्वारा उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जनपद में गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार नगर के नजदीक झूला पुल गाड़ीघाट में उत्तराखण्ड की मूल प्रजाति की गायों को संरक्षित करने के उदेश्य से श्री गोपाल गोलोकधाम सेवा संस्थान नाम से गौशाला की स्थापना की गयी है।
श्री अग्रवाल ने अपने कुछ सहयोगियों की सहयता से काफी अल्प संसाधनों के साथ सन् 2009 में गउशाला की स्थापना की। 2012 में कोटद्वार नगर पालिका द्वारा संस्थान को गउशाला के संचालन हेतु जमीन उपलब्ध करायी गयी थी। वर्तमान में लगभग 90 गायों का पालन-पोषण इस गौशाला में किया जा रहा है। परंतु स्थानाभाव के कारण और अधिक गायों को यहॉ पर आश्रय न दिया जाना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। श्री अग्रवाल ने बताया कि गौ कथा वाचक श्री गोपलमणि महाराज जी से प्रेरित होकर इस गौशाला की स्थापना की।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अमर संदेश को यह भी बताया कि, संस्थान द्वारा गाय के गौमूत्र एवं गोबर से धूप-अगरबत्ती, गौमूत्र औषधि का निर्माण करने की इकाई स्थापित करने की योजना तैयार की गयी है। यदि गौ-उत्पादों की इकाईयां स्थापित की जाती है तो एक और जहॉ रोजगार का सृजन होगा वहीं दूसरी और गायों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। गोपाल कृष्ण अग्रवाल सहित संस्थान से जुड़े समाज सेवियों तथा स्थानीय नागरिकों ने उत्तराखण्ड सरकार से संस्थान को गौ संरक्षण एवं गौ-उत्पादों की इकाईयां स्थापित करने के लिये भू-संसाधन एवं अन्य वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की अपील की है। श्रद्धालुजन संस्थान के बैक खाता संख्या 168910100017937 आई एफ एस सी नं. एएनडीबी 0001689, आंध्रा बैंक कोटद्वार गढ़वाल उत्तराखण्ड में सीधे भी अपनी सहायता राशि जमा करा सकते है।
वर्तमान में संस्थान के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल, सचिव महाबीर सिंह रावत, सहसचिव भगवती प्रसाद काण्डपाल, कोषाध्यक्ष कैलाश चंद अग्रवाल, गौग्रास योजना प्रमुख श्रीमती आशा विंजोला, श्रीमती अनुसूया मुण्डेपी, गौरक्षा प्रमुख बृजपाल राजपूत सहित अन्य अनेक स्थानीय गौसेवकों ने उत्तराखण्ड ‘ाासन से संस्थान को समुचित सहायता प्रदान करने की अपेक्षा की है।
संस्थान की गौ-सेविका श्रीमती भागीरथी देवी द्वारा इस संस्थान में एक ऐसी अनूठी गाय लायी गयी है, जिसके जूड़े पर गौ के बछिया का स्वरूप स्पष्ट नजर आता है। इस गाय के दर्शन करने अनेक लोग यहां आते हैं और स्वयं को धन्य समझते है।

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