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नरेला तक मेट्रो नहीं आने से इस क्षेत्र के विकास को बडा झटका लगा है—-थान सिंह यादव 

दिल्ली देहात नरेला तक मेट्रो की मांग ने पकड़ी जोर

दिल्ली देहात और एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी का सबसे बड़ा बाजार कहे जाने वाले नरेला में आज तक मेट्रो नहीं आने से दिल्ली देहात ठगा सा महसूस कर रहा है ।जिस को लेकर रिठाला बवाना नरेला मेट्रो रूट संघर्ष समिति व नरेला चेतना मंच ने आज शासन प्रशासन को जगाने के लिए मंगला चोक नरेला में सांकेतिक उपवास रखा ।जिसको दिल्ली पंचायत संघ और दिल्ली आदर्श मूल ग्रामीण समाज का भी समर्थन हासिल है। पंचायत संघ ने कहा है कि दिल्ली देहात के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं होगा । रिठाला बरवाला बवाना नरेला मैट्रो रूट संघर्ष समिति के अध्यक्ष हेमराज बंसल व उपाध्यक्ष दयानंद वत्स ने कहा है कि हम लम्बे समय से मांग करते आ रहे हैं कि हमारे ऐतिहासिक व दिल्ली देहात के सदर बाजार कहे जाने वाले नरेला तक मेट्रो लाई जाएं । परंतु शासन खामोश है । लेकिन अब हम बड़े आंदोलन के लिए तैयार हो रहे हैं।

पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली के गांवों ने दिल्ली बसाने में अपना बलिदान दिया वहीं दूसरी ओर गांवों की कमजोरी समझ शासन प्रशासन दिल्ली देहात को नजरअंदाज कर रहा है ।जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तरी पश्चिमी लोकसभा में आने वाले नरेला तक मेट्रो नहीं आने से इस क्षेत्र के विकास को बडा झटका लगा है जिसमें बवाना,नरेला ओद्योगिक क्षेत्र व डी डी ए द्वारा आवासीय कालोनी को भी नुकसान हो रहा है। 23 सालों से यह मैट्रो रुट पेंडिंग हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी ज्ञापन दिया परन्तु आज तक कोई मदद नहीं मिली।

नरेला चेतना मंच के प्रधान मनोज बंसल ने कहा कि दिल्ली तक पहुंने में हमें कई घंटे लग जाते हैं कयोंकि अकसर जाम लगा रहता है जिसके कारण व्यापारी वर्ग बड़ा परेशान हैं उनका काफी नुकसान हो रहा है ।

इस धरने में क्षेत्र के सभी संगठनों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई । ओर एक आवाज़ में दिल्ली देहात के विकास के लिए आवाज बुलंद करने की जरूरत बताई ।

पंचायत संघ व रिठाला बवाना नरेला मेट्रो रूट संघर्ष समिति जल्द ही मेट्रो व दिल्ली गांवों की 18सूत्रीमांगो को नरेला में महा पंचायत करेगा जिसमें शासन प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी पर बात होगी ओर क्षेत्रीय सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को भी आह्वान किया है कि वे इन मांगो को लेकर अपने अपने दलों पर दबाव बनाएँ । अन्यथा लोगों का कहना है अबकी बार आर या पार। नरेला तक मैट्रो नहीं तो आगामी लोकसभा चुनावों में वोट भी नहीं देंगे उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के मतदाता।

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