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गढ़वाल हितैषिणी सभा शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह सम्पन्न


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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। उत्तराखंड प्रवासियों की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था ‘गढ़वाल हितैषिणी सभा’ द्वारा 25 नवम्बर को शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 के सु-अवसर पर तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे हजारो प्रवासियों की गौरवमयी भव्य उपस्थिति में सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ-साथ उत्तराखंड के प्रतिष्ठित समाज सेवियो तथा राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर विभिन्न कार्य क्षेत्रों मे दक्ष प्रबुद्धजनो व संस्थाओ तथा गढ़वाल हितैषिणी सभा पूर्व कार्य कारिणी सदस्यों को सम्मानित किया गया।

सभा के सौ वर्षो के गौरवपूर्ण इतिहास (1923-2023) पर आयोजित महोत्सव का श्रीगणेश सभा पदाधिकारियों व प्रबुद्ध विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व गायक कलाकारो द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत कर किया गया। गढ़वाल हितैषिणी सभा अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट व महासचिव मंगल सिंह नेगी द्वारा तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे उपस्थित सभी अतिथियों, कलाकारों, सम्मानित हो रहे प्रबुद्धजनो, संस्थाओ व श्रोताओं का स्वागत अभिनंदन कर सभा के विगत सौ वर्षों के इतिहास, किए गए कार्यो, मिली सफलता व भविष्य के क्रिया-कलापो के बावत अवगत कराया गया। सभा की 100 वर्ष की यात्रा पर वृतचित्र का प्रस्तुतिकरण, सभा द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘विरासत’ का लोकार्पण तथा मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया। सम्मान स्वरूप सभी अतिथियों, व कलाकारों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा आयोजित महोत्सव के इस अवसर पर जिन अति विशिष्ट अतिथियों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुधांशु धुलिया की उपस्थिति मे सम्मानित किया गया उनमे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, किशोर उपाध्याय (विधायक), मोहन सिंह बिष्ट (विधायक) जुबिन नोटियाल (गायक), अनिल कुमार भट्ट, के डी थपलियाल इत्यादि इत्यादि के साथ-साथ गढ़वाल हितैषिणी सभा पूर्व अध्यक्ष व महासचिवो मे क्रमश: विक्रम सिंह अधिकारी, गम्भीर सिंह नेगी, सूरत सिंह नेगी व पवन मैठाणी तथा प्रभात डबराल के साथ-साथ अन्य सम्मानित किए गए प्रबुद्ध जनो व समाज सेवियों मे दुर्गा सिंह भंडारी, बच्चन सिंह रावत, वीना बोरा, संजय दरमोड़ा, रामशरण नौटियाल, रोशन धस्माना, गजेद्र भंडारी, डाॅ मधुकर द्विवेदी, एच एस परिहार, जे एस रावत, रवि घिन्डियाल, इंद्रेश जी, टी पी राय, विनोद शर्मा, संजय शर्मा, जीत राम भट्ट व गणेश नेगी इत्यादि इत्यादि प्रमुख रहे।

आयोजित महोत्सव के इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आन लाइन लाइव संदेश देकर सभा के सौ वर्ष पूर्ण होने पर हर्ष व्यक्त कर सभा कार्यकारिणी व जुड़े सभी सदस्यों व उपस्थित अपार जन समूह को बधाई देकर व्यक्त किया गया, “मुझे महोत्सव में शामिल होना था 41 श्रमिक टनल के अंदर हैं, तमाम ऐजेंसिया राहत मे लगी हुई हैं, श्रमिक बाहर आऐ। प्रधान मंत्री जी समय-समय पर श्रमिको की कुशल ले रहे हैं। केन्द्रीय ऐजेंसिया सहयोग कर रही हैं। कठिन परिस्थितियों मे काम चल रहा है। दिल्ली मे बसे सभी उत्तराखंड वासियो का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करता हूं। गढ़वाल हितैषिणी सभा का अभिनंदन हुआ है, खुशी की बात है। सभा द्वारा जनहित व समाज हित के कई प्रयास व प्रोत्साहन के लिए काम किया जा रहा है, जितने कार्य किए जा रहे हैं आप सभी को साधुवाद। सभी माताओ को प्रणाम जिनके प्रयास से लोक संस्कृति का संवर्धन हो रहा है। गढ़वाल सभा की स्थापना 1923 लाहोर मे हुई थी, सभी संगठन के लिए काम कर रहे हैं। संगठन मे शक्ति होती है। देवभूमि मे संस्कृति व साहित्य में काम हो रहा है। राज्य की सांस्कृतिक विशेषता सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है, जो और कही नहीं है। हम सभी का अपनी लोक संस्कृति से भानात्मक लगाव है। इस प्रकार के कार्यक्रमो मे जब भाग लेता हूं, अच्छा लगता है। जितना भी विकास हो रहा है, उच्च स्तरीय हो रहा है। केन्द्र के सहयोग से काम किए जा रहे हैं। ….प्रयास तभी सफल होंगे जब सबका योगदान मिलेगा। सभी अतिथियों, कलाकारों का धन्यवाद सभी को बधाई।

शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 के इस अवसर पर उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों मे
अद्वितीय कार्य कर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय क्षितिज पर‌ जिन विभूतियों ने मान-सम्मान बढ़ाया है उनमे पर्यावरण के क्षेत्र मे वृक्षमित्र गौरा देवी ‘पर्यावरण प्रहरी’ सम्मान सच्चीदा नंद भारती को, खेल के क्षेत्र मे पद्मश्री बछे‌न्द्री पाल ‘खेल’ सम्मान कीर्ति गुसाई को, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र मे विश्व मोहन बडोला ‘कला एवं संस्कृति’ सम्मान डाॅ माधुरी बर्थवाल को, कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र मे गोबिंद चंदोला स्मृति सम्मान गोपाल उप्रेती को तथा स्वरोजगार के क्षेत्र मे वीर सिंह कंडारी ‘कर्मवीर’ सम्मान हर्षपाल चौधरी को प्रदान किया गया।

जिन संस्थाओ को शताब्दी वर्ष महोत्सव पर गढ़वाल हितैषिणी शताब्दी ‘स्वरोजगार’ सम्मान 2023 से नवाजा गया उनमे विन्सर फार्मा के सुशील नवानी, आचार्य जोध सिंह रावत स्मृति ‘स्वास्थ एवं शिक्षा’ सम्मान से सूरदास चेरिटेबल ट्रस्ट, गढ़वाल हितैषिणी शताब्दी ‘कला एवं संस्कृति’ सम्मान, उत्तराखंड की राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली के अध्यक्ष चंद्र मोहन पपनैं व संस्था मुख्य सलाहकार के सी पांडे व संस्था टीम सदस्यों को तथा इन सम्मानों के साथ-साथ गढ़वाल हितैषिणी शताब्दी ‘पर्यावरण’ सम्मान तथा गढ़वाल हितैषिणी शताब्दी ‘खेल’ सम्मान 2023 भी प्रदान किए गए।

महोत्सव को यादगार बनाने के लिए अंचल की तीनों बोली-भाषाओं के गायक कलाकारों रेशमा शाह, प्रकाश पांडे, रेखा धस्माना उनियाल, इंदु आर्या, रोहित चौहान, कल्पना चौहान, दीपा नागरकोटी व नरेन्द्र नेगी द्वारा गाए उत्तराखंड के सुपरहिट गीत संगीत मे सैकडो श्रोताओं को जम कर नाचने को मजबूर किया।

सु-विख्यात गायक जुबिन नौटियाल के गाए प्रभावशाली गीतों मे पूरा आडिटोरियम ही झूम उठा, प्रशंसको को जुबिन नौटियाल के नजदीक जाता देख आयोजकों को भीड़ को दूर करने मे मसक्कत करते देखा गया।

गायक गायिकाओ द्वारा प्रस्तुत लोकगीतों मे संगीतकार राजेन्द्र चौहान के संगीत मे बांसुरी मे महेंद्र रावत, की-बोर्ड मे गौरव नेगी, ढोलक सतेन्द्र सिंह, तबला अनुराग नेगी, साइड रिदम सुभाष पांडे, आक्टोपैड हृदय बिष्ट, गिटार मे सहगल द्वारा प्रभावशाली संगत की गई।

मंचित सभी नृत्यों की प्रभावशाली कोरियोंग्राफी नृत्यकारा व अदाकारा लक्ष्मी पटेल के निर्देशन मे मंचित की गई। श्रोताओं द्वारा नृत्य निर्देशन की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। रंगारंग कार्यक्रम की सराहना की गई। इस भब्य समारोह के अवसर पर गढ़वाल हितैषिणी सभा शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह सम्पन्सभा के सौ वर्षो के गौरवपूर्ण इतिहास (1923-2023) पर आयोजित महोत्सव का श्रीगणेश सभा पदाधिकारियों व प्रबुद्ध विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व गायक कलाकारो द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत कर किया गया। गढ़वाल हितैषिणी सभा अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट व महासचिव मंगल सिंह नेगी समस्त कार्यकारिणी सदस्यो द्वारा तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे उपस्थित सभी अतिथियों, कलाकारों, सम्मानित हो रहे प्रबुद्धजनो, संस्थाओ व श्रोताओं का स्वागत अभिनंदन कर सभा के विगत सौ वर्षों के इतिहास, किए गए कार्यो, मिली सफलता व भविष्य के क्रिया-कलापो के बावत अवगत कराया गया। सभा की 100 वर्ष की यात्रा पर वृतचित्र का प्रस्तुतिकरण, सभा द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘विरासत’ का लोकार्पण तथा मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया। सम्मान स्वरूप सभी अतिथियों, व कलाकारों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा आयोजित महोत्सव के इस अवसर पर जिन अति विशिष्ट अतिथियों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुधांशु धुलिया की उपस्थिति मे सम्मानित किया गया उनमे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, किशोर उपाध्याय (विधायक), मोहन सिंह बिष्ट (विधायक) जुबिन नोटियाल (गायक), अनिल कुमार भट्ट, के डी थपलियाल इत्यादि इत्यादि के साथ-साथ गढ़वाल हितैषिणी सभा पूर्व अध्यक्ष व महासचिवो मे क्रमश: विक्रम सिंह अधिकारी, गम्भीर सिंह नेगी, सूरत सिंह नेगी व पवन मैठाणी तथा प्रभात डबराल के साथ-साथ अन्य सम्मानित किए गए प्रबुद्ध जनो व समाज सेवियों मे हरपाल रावत,दुर्गा सिंह भंडारी, बच्चन सिंह रावत, वीना बोरा, संजय दरमोड़ा, रामशरण नौटियाल, रोशन धस्माना, गजेद्र भंडारी, डाॅ मधुकर द्विवेदी, एच एस परिहार, जे एस रावत, रवि घिन्डियाल, इंद्रेश जी, टी पी राय, विनोद शर्मा, संजय शर्मा, जीत राम भट्ट व गणेश नेगी इत्यादि इत्यादि प्रमुख रहे।

आयोजित महोत्सव के इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आन लाइन लाइव संदेश देकर सभा के सौ वर्ष पूर्ण होने पर हर्ष व्यक्त कर सभा कार्यकारिणी व जुड़े सभी सदस्यों व उपस्थित अपार जन समूह को बधाई देकर व्यक्त किया गया, “मुझे महोत्सव में शामिल होना था 41 श्रमिक टनल के अंदर हैं, तमाम ऐजेंसिया राहत मे लगी हुई हैं, श्रमिक बाहर आऐ। प्रधान मंत्री जी समय-समय पर श्रमिको की कुशल ले रहे हैं। केन्द्रीय ऐजेंसिया सहयोग कर रही हैं। कठिन परिस्थितियों मे काम चल रहा है। दिल्ली मे बसे सभी उत्तराखंड वासियो का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करता हूं। गढ़वाल हितैषिणी सभा का अभिनंदन हुआ है, खुशी की बात है। सभा द्वारा जनहित व समाज हित के कई प्रयास व प्रोत्साहन के लिए काम किया जा रहा है, जितने कार्य किए जा रहे हैं आप सभी को साधुवाद। सभी माताओ को प्रणाम जिनके प्रयास से लोक संस्कृति का संवर्धन हो रहा है। गढ़वाल सभा की स्थापना 1923 लाहोर मे हुई थी, सभी संगठन के लिए काम कर रहे हैं। संगठन मे शक्ति होती है। देवभूमि मे संस्कृति व साहित्य में काम हो रहा है। राज्य की सांस्कृतिक विशेषता सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है, जो और कही नहीं है। हम सभी का अपनी लोक संस्कृति से भानात्मक लगाव है। इस प्रकार के कार्यक्रमो मे जब भाग लेता हूं, अच्छा लगता है। जितना भी विकास हो रहा है, उच्च स्तरीय हो रहा है। केन्द्र के सहयोग से काम किए जा रहे हैं। ….प्रयास तभी सफल होंगे जब सबका योगदान मिलेगा। सभी अतिथियों, कलाकारों का धन्यवाद सभी को बधाई।”

शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 के इस अवसर पर उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों मे
अद्वितीय कार्य कर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय क्षितिज पर‌ जिन विभूतियों ने मान-सम्मान बढ़ाया है उनमे पर्यावरण के क्षेत्र मे वृक्षमित्र गौरा देवी ‘पर्यावरण प्रहरी’ सम्मान सच्चीदा नंद भारती को, खेल के क्षेत्र मे पद्मश्री बछे‌न्द्री पाल ‘खेल’ सम्मान कीर्ति गुसाई को, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र मे विश्व मोहन बडोला ‘कला एवं संस्कृति’ सम्मान डाॅ माधुरी बर्थवाल को, कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र मे गोबिंद चंदोला स्मृति सम्मान गोपाल उप्रेती को तथा स्वरोजगार के क्षेत्र मे वीर सिंह कंडारी ‘कर्मवीर’

दस घण्टो तक आयोजित यादगार महोत्सव का प्रभावशाली मंच संचालन हेमंत बिष्ट व पुष्पू जोशी द्वारा बखूबी किया गया।
इस अवसर परओएनजीसी की निदेशक सुषमा रावत भी समारोह में पहुंची। उन्होंने गढ़वाली भाषा में अपने संबोधन की शुरूआत कर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ओएनजीसी उत्तराखंड में अपनी गतिविधियां लगातार आगे बढ़ा रही है। वहां भू-तापीय उर्जा का पता लगाकर उसका दोहन करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं से कहा कि वह अपनी जड़ों को नहीं भूलें। अपनी जन्मभूमि को याद रखें। उत्तराखंड आज भी देश को बेहतर मानव संसाधन उपलब्ध करा रहा है

‘गढ़वाल हितैषिणी सभा’ सदस्यों द्वारा शताब्दी वर्ष महोत्सव ‘विरासत’ 2023 समाज के सभी प्रबुद्ध जनों के सहयोग से अति उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उत्तराखंडी समाज के लोगों का रचनात्मक सहयोग शताब्दी वर्ष मे बढ़चढ़ कर मिला जो सराहनीय रहा है। जिस सोच व कार्य के प्रतिफल दिल्ली प्रवास मे ‘गढ़वाल हितैषिणी सभा’ उत्तराखंड व अन्य प्रवासी समाजों व संस्थाओ के मध्य, रचनात्मक कार्यो के क्षेत्र में एक मुख्य प्रतिनिधि संस्था के रूप मे विगत दस दशकों से नामचीन संस्थाओ मे सुमार रही है अन्य गठित संस्थाओ के लिए प्रेरणादायी बनी रही है। सभा द्वारा निरंतर वर्ष भर जन सरोकारों से जुडे कार्यक्रम न सिर्फ दिल्ली महानगर मे उत्तराखंड के गांव देहात मे भी आयोजित किए जाते रहे हैं। चाहे वह कार्यक्रम नोनिहालो की शिक्षा से जुड़ा हुआ रहा हो या जन की स्वास्थ सुविधाओ से या प्राकृतिक आपदा के समय राहत कार्यो से ही क्यों न हो।
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