स्वच्छता अभियान को योगी सरकार ने जनांदोलन में बदला
*प्रदेश के 18 शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार मिले पुरस्कार*
लखनऊ। योगी सरकार ने जिस तरह से स्वच्छ भारत अभियान को जनांदोलन में बदला उसकी तस्वीर अब लोगों के सामने आ रही है। योगी सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश भर में दो करोड़ इक्सठ लाख शौचालय (इज्जतघर) बनाकर एक रिकार्ड बनाया तो दूसरी तरफ नगरों में 69,265 सामुदायिक शौचालय और महिला व बालिकाओं के लिए 652 पिंक शौचालयों का निर्माण कराया।
इसी का परिणाम है कि पहली बार देश के स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश के 18 शहरों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
मोदी सरकार की भारत स्वच्छ भारत अभियान को योगी सरकार ने जिस तरह से जनांदोलन में बदला उसकी सुखद परिणाम इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण में आने शुरू हो गए। योगी सरकार ने शहरों की गलियों और सड़कों को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर निकायों के 12007 वार्डों में से 11913 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था लागू की। हर दरवाजे पर नगर निगम की गाड़ियों से ‘कूड़ा वाला आया घर से कूड़ा निकाल’ के नारे को बुलंद किया गया। इसी का परिणाम रहा कि लखनऊ ने ‘कूड़ा रहित सिटी’ में एक स्टार रैकिंग से उछलकर थ्री स्टार रैकिंग की श्रेणी में शामिल हो सका।
योगी सरकार ने प्रदेश भर में दो करोड़ इक्सठ लाख से अधिक शौचालय बनाकर प्रदेश के 75 जिलों को खुले में शौचमुक्त करने का अभियान पूरा किया।
यूपी सरकार ने प्रदेश में इस अभियान पर जनमानस को जोड़ा तो प्रदेश वर्तमान में सातवीं रैंक से बढ़कर छठवें स्थान पर आ खड़ा हुआ। यही नहीं प्रदेश के 18 शहर इस अभियान के शीर्ष में पहुंच गए। प्रदेश की राजधानी लखनऊ को बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीड बैक का पुरस्कार मिला तो वाराणसी को नम्बर वन बेस्ट गंगा टाउन का पुरस्कार दिया गया। इसी के साथ मेरठ कैंट को एक लाख की आबादी वाले शहर की श्रेणी में ‘इंडियाज क्लीनेस्ट कैंटोनमेंट’ और वाराणसी को बेस्ट कैंटोनमेंट इन सिटीजन फीडबैक के पुरस्कार का सम्मान मिला है।