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हमें हमारी शिक्षण व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना होगा : ‘निशंक’

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री  रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री  संजय धोत्रे की उपस्थिति में नई दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं नवोदय विद्यालय समिति के उपायुक्तों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर केंद्रीय मन्त्री ने PISA 2021 की तैयारियों की समीक्षा की और सभी उपायुक्तों को इस परीक्षा में भारत को सफलता दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त  संतोष कुमार मल्ल एवं नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त  विश्वजीत सिंह भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री निशंक ने कहा कि भारत 2021 में होने वाली पिसा (PISA) की प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहा है। यह परीक्षा भारतीय प्रतिभा को वैश्विक पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। हमारे विद्यार्थियों में योग्यता, अनुशासन एवं प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस आवश्यकता इस बात की है कि उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन मिले।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें संकल्प लेना है कि इस परीक्षा में हमें दुनिया भर में अव्वल स्थान पर आना है और इसके लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी। हमें हमारी शिक्षण व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना होगा तभी हमारे विद्यार्थी वैश्विक परीक्षाओं में अपना बेहतर स्थान सुनिश्चित कर पाएंगे। हमें किताबी ज्ञान के साथ-साथ अनुभवात्मक शिक्षा पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है तभी हम इस कठिन परीक्षा में सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएंगे। श्री निशंक ने कहा कि पिसा (PISA) परीक्षा अब बहुत दूर नहीं है इसलिए इसकी तैयारी अब युद्ध स्तर पर की जाएगी। उन्होंने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री  संजय धोत्रे की अध्यक्षता में प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक करने का निर्देश दिया। मंत्री  ने आशा जताई कि श्री धोत्रे के नेतृत्व में पिसा परीक्षा की तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ेंगी एवं इस कठिन परीक्षा में देश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पायेगा। श्री निशंक ने सभी उपायुक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम संकल्प ले लें तो 2021 की पिसा परीक्षा में इतिहास रच सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सफलता के लिए समय का प्रबंधन एवं अनुशासन जरूरी है और ये दोनों गुण हमें विद्यार्थियों में विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए हमें विद्यार्थियों में गहन सोच की क्षमता विकसित करने की जरूरत है। इस अवसर पर श्री धोत्रे ने कहा कि हम एक बार पुनः पिसा (PISA) की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और इस बार पूरी तैयारी के साथ इसमें शामिल होना है। हमें वैश्विक मानकों के हिसाब से अपने बच्चों को तैयार करना है ताकि हमें इस बार बेहतर परिणाम मिलें। हमें रटने वाली शिक्षा की जगह अनुभव आधारित शिक्षा पर बल देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमें सिर्फ इस बार PISA के लिए चुने हुए विद्यालयों और विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि धीरे-धीरे पूरे देश के विद्यालयों को उच्चस्तरीय शिक्षण उपलब्ध कराना होगा ताकि हमारी शिक्षा व्यवस्था पूरे विश्व की श्रेष्ठ शिक्षा प्रणालियों में शामिल हो सके। पिसा (PISA) आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी मूल्यांकन कार्यक्रम है, जिसमें विश्व के अनेक देश भाग लेते हैं। भारत ने 2021 में इस परीक्षा में भाग लेने का निर्णय लिया है। इस परीक्षा में केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के विद्यार्थी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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