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जयपुर में उत्तराखंडी भाषा जागरुकता कार्यक्रम संपन्न

जयपुर ।: जयपुर में उत्तराखंडी भाषा प्रसार समिति दिल्ली की ओर से स्थानीय गढ़वाल सभा भवन जयपुर में अपणी बोली अपणी भाषा कार्यक्रमा का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम में जयपुर महा नगर की 6 उत्तराखंडी संगठनों का उत्साहजनक सहभागिता रही। जिसमें गढ़वाल सभा, पर्वतीय समाज, उत्तराखण्ड समाज प्रताप नगर, उत्तरांचल कल्चरल सोसाइटी और राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा (राजस्थान प्रदेश), रॉयल हिमालियन सेवा समिति आदि संस्थाओं के पदाधिकारी समाज का गण्यमान्य लोग, बुद्धिजीवी और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

जयपुर के संगठनों ने डॉ बिहारीलाल जलंधरी को समर्थन पत्र दिए गए। कार्यक्रम में समाज के पाँच वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित हुए। डॉ जलंधरी ने उन सभी पत्रकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में समाजा के हर आयुवर्ग के लोग और मातृशक्ति उपस्थिति रही। उत्तराखण्ड समाज प्रतापनगर के अध्यक्ष हरि सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड के हर शहर की संस्थाओं को इस पवित्र कार्य में बढ-चढ़ कर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मातृभाषा की अनदेखी करने का अर्थ है अपनी माँ का अपमान करना। कार्यक्रम में सभी संगठनों के अध्यक्षों ने अपना सम्बोधन किया। उत्तराखंडी भाषा प्रसार समिति के सचिव भारत सिंह नेगी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की कुछ झलकी इस प्रकार हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष श्री बी एस रावत ने की। अधिकांश वक्ताओं ने उत्तराखंड सरकार द्धारा उतराखण्डी भाषा अकादमी और केन्द्र सरकार को उत्तराखंड की भाषा को संविधान की अष्टम सूची में दर्ज कराने के लिए प्रस्ताव भेजने की मांग की।
इस अवसर पर गढ़वाल सभा के मुख्य पदाधिकारियों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। सभी संस्थाओं ने पदाधिकारियों ने एक साथ घोषणा की कि डॉ जलंधरी आप संघर्ष कारो हम तुम्हरे साथ हैं। निन्दा की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहो पीछे मत देखो।

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