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प्रदेश पंचायती राज संगठन द्वारा टिहरी में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर समस्याओ पर चर्चा

उत्तराखंड राजीव गांधी पंचायत राज संगठन द्वारा पंचायत राज एक्ट में किये जा रहे संशोधन का विरोध करते हुए में हस्ताक्षर अभियान किया । इस अवसर पर  प्रताप नगर विधानसभा के पूर्व विधायक  विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि इस देश का  बड़ा दुर्भाग्य है  जहां  लोकसभा और विधानसभा में नियम कायदे कानून बनाने वाले लोग  कक्षा 8 पास भी नहीं है  वह पंचायतों में  ग्राम प्रधान के लिए  हाईस्कूल और इंटर  का नियम लागू करते हैं दो बच्चों के नियम पर  उन्होंने कहा  इस नियम को लागू करने के लिए  300 दिन का ग्रेस पीरियड मिलना चाहिए  नहीं तो इससे समाज में भ्रूण हत्या ही बढ़ेगी  और कई गांव ऐसे होंगे  जहां पंचायतों के पद रिक्त रहेंगे  खासकर अनुसूचित जाति जनजाति के गांव में आज भी लोग  कम पढ़े लिखे है । संगठन के प्रदेश संयोजक मोहित उनियाल ने कहा कि प्रदेश मे पंचायती राज एक्ट को संशोधित कर त्रिस्तरीय पंचायतों को समापत करने की साजिश की जा रही है। पूर्व मे भी ग्राम सभाओं की सहमती लिये बिना पंचायतों को भंग कर नगर निकायों में सम्मिलित किया गया । “देश के प्रधानमंत्री द्वारा जहाँ एक देश एक चुनाव की बात की जा रही है वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा एक देश एक कानून की व्यवस्था न कर पंचायतों पर जबरन कानून थोपकर संविधान की आधारभूत नींव, पंचायतो को कमजोर बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है” । गढ़वाल संयोजक राकेश राणा ने कहा की जो सदस्य विधानसभा व लोकसभा में कानून बनाते हैं और बिल पास करते हैं वो तो अशिक्षित हो सकते हैं मगर पंचायत प्रतिनिधियों को शिक्षित होना होगा । ये कैसा दोहरा मापदंड है । उत्तराखंड मे 2004 मे नगर निकाय अधिनियम मे संसोधन करते हुए 2 से अधिक संतानों वाले अभ्यर्थियों के चुनाव लड़ने  पर रोक लगाने का जो कानून बनाया गया उसमे एक्ट लागू होने के 300 दिनों के बाद तीसरा बच्चा पैदा होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई परंतु पंचायत राज एक्ट संसोधन एक्ट मे यह समयावधि एक सदस्य द्वारा विधानसभा सभा मे संसोधन प्रस्ताव लाने पर बिना चर्चा के समापत कर दी गई। टिहरी जिला संयोजक कुलदीप पंवार ने कहा की संगठन की मांग है कि दो से अधिक संतान वाले संशोधन में पुनर्विचार करते हुए कानून लागू होने के 300 दिन बाद तीसरी संतान पैदा करने वाले दंपति को चुनाव से वंचित करने का नियम पारित होना चाहिये तथा नयूनतम शैक्षिक योग्यता धारण करने के लिये कम से कम दो वर्ष का समय दिया जाना चाहिए । ताकी पंचायत चुनाव लड़ने के इछुक लोग निर्धारित शैक्षिक योग्यता प्राप्त करने के लिये प्रयास कर सके । ऐसे व्यावहारिक संशोधन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिये । इसी क्रम मे प्रदेश पंचायती राज संगठन द्वारा टिहरी में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर बैठक का आयोजन किया गया तथा पंचायत समस्याओ पर चर्चा की गई। प्रदेश के हर जिला मुख्यालय व ब्लॉक में हस्ताक्षर अभियान के द्वारा इस असंवेधानिक एक्ट का विरोध दर्ज कराया गया । इस मौके पर गढ़वाल मंडल के संयोजक राकेश राणा, टिहरी हरी जिला संयोजक कुलदीप पंवार समेत उपस्थित थे।
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