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दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को जीवंत बनाए रखने का संकल्प: सुरकंडादेवी संस्कृति मंच का

Amar sandesh दिल्ली।दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को जीवंत बनाए रखने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से सुरकंडादेवी संस्कृति मंच के नेतृत्व में भव्य संगीतमयी प्रस्तुतियों का आयोजन किया जा रहा है। इस मंच का नेतृत्व श्रीमती लक्ष्मी नौड़ीयाल कर रही हैं, जो उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित हैं।

मंच के द्वारा कथा, कीर्तन, भजन संध्या, मंगल गीत, नृत्य नाटिका आदि का सुंदर संगीतमयी प्रस्तुतिकरण किया जाता है। इन प्रस्तुतियों में उत्तराखंड की पारंपरिक धुनों, लोकगीतों और सांस्कृतिक विरासत को विशेष रूप से उभारा जाता है।

 

उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को जीवंत बनाए रखने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से सुरकंडादेवी संस्कृति मंच
उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को जीवंत बनाए रखने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से सुरकंडादेवी संस्कृति मंच

 

मंच से जुड़ी प्रमुख कलाकार एवं लोकगायिकाएँ

इस मंच में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोकगायिकाएँ और सांस्कृतिक कलाकार शामिल हैं, जो अपनी मधुर आवाज़ और प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मंच से जुड़ी प्रमुख कलाकारों में शामिल हैं: श्रीमती लक्ष्मी लेखवार नौडियाल,
श्रीमती रोशनी लेखवार,श्रीमती सुशीला देवी डबराल,श्रीमतीआनन्दी लेखवार,
श्रीमती प्रमिला लेखवार,
श्रीमती अनीता सिल्सवाल,
श्रीमती मधु भट्ट बहुखंडी
श्रीमती. रेखा भट्ट शर्मा
इसके अलावा, मंच से स्वतंत्र रूप से जुड़ी रंगकर्मी और लोकगायिकाएँ भी हैं, जो अपनी प्रस्तुतियों से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत बना रही हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

श्रीमती सविता पन्त ,श्रीमती लक्ष्मी थपलियाल ,इन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत आधी शक्ति मेला विशेष रूप से दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहता है। इसमें उत्तराखंड की देवी-शक्ति परंपराओं, भक्ति संगीत और लोककथाओं का सुंदर समावेश किया जाता है।

श्रीमती लक्ष्मी नौड़ीयाल
श्रीमती लक्ष्मी नौड़ीयाल

उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प

सुरकंडादेवी संस्कृति मंच के कलाकार न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक लोकसंस्कृति को मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए भी प्रयासरत हैं। इनकी प्रस्तुतियों में पारंपरिक भजनों, कीर्तनों और लोकनाट्य का विशेष समावेश रहता है, जिससे दर्शकों को उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है।

आगामी कार्यक्रमों की तैयारी

दिल्ली-एनसीआर में इस मंच द्वारा कई भव्य सांस्कृतिक आयोजनों की योजना बनाई जा रही है, जिनमें उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और लोकगीतों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। यदि आप उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ना चाहते हैं या इन आयोजनों का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो सुरकंडादेवी संस्कृति मंच से संपर्क कर सकते हैं।

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