प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” का करेंगे शुभारंभ– शिवराज सिंह चौहान
Amar sandesh नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर 2025 को पूसा, नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम में महत्वाकांक्षी “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” की शुरुआत करेंगे। यह जानकारी आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दी।
श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री जी इस अवसर पर कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इस आयोजन के माध्यम से प्रधानमंत्री जी देश के लाखों किसानों से सीधे संवाद करेंगे। कार्यक्रम से 731 कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर के 113 संस्थान, किसान समृद्धि केंद्र, मंडियां, पंचायतें, और राज्यों के प्रमुख केंद्रों को जोड़ा जाएगा। लगभग एक करोड़ किसान सीधे और सवा करोड़ किसान ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़कर प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा प्राप्त करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ की जा रही ये दोनों योजनाएं “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” देश की कृषि उत्पादकता, आत्मनिर्भरता और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम सिद्ध होंगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक देश के खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और आज भारत गेहूं एवं चावल के उत्पादन में आत्मनिर्भर है। देश अब तक 4.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कृषि उत्पादों का निर्यात कर चुका है, किंतु दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना अब अगला बड़ा लक्ष्य है।
श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में देश में दालों का उत्पादन लगभग 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2030-31 तक दलहन बुवाई क्षेत्रफल को 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता को 880 किलोग्राम से बढ़ाकर 1130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। इस दिशा में अनुसंधान, उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का विकास, और किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के माध्यम से बेहतर बीज वितरण पर विशेष बल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देशभर में 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए जाएंगे और 88 लाख नि:शुल्क बीज किट किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, दलहन उत्पादकता वाले क्षेत्रों में 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिन पर 25 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को उत्पादन के उचित मूल्य प्राप्त होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य एक “राष्ट्र–एक कृषि–एक टीम” के भाव से काम करना है, जहां केंद्र और राज्य मिलकर कृषि विकास के लक्ष्य हासिल करें। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत देश के कम उत्पादकता वाले 100 जिलों की पहचान की गई है। इन जिलों में सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधिकरण जैसी पहल के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। यह योजना आकांक्षी जिलों के मॉडल पर आधारित होगी और इसकी निगरानी नीति आयोग के डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को, जो कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती है, कृषि एवं ग्रामीण विकास से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी रेखांकित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), सहकारी समितियों और नवाचार करने वाले किसानों को सम्मानित भी करेंगे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में देशभर के 10,000 FPOs से 50 लाख से अधिक किसान जुड़े हैं, जिनमें से 1,100 FPOs “करोड़पति एफपीओ” हैं, जिनका वार्षिक कारोबार ₹1 करोड़ से अधिक है। इसके साथ ही राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों का जैविक प्रमाणीकरण किया गया है। 10,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का कंप्यूटरीकरण (e-PACS) किया जा चुका है, जिन्हें अब जन सेवा केंद्र (CSC), प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) और उर्वरक विक्रेताओं के रूप में विकसित किया जा रहा है।
श्री चौहान ने बताया कि 10,000 नई बहुउद्देशीय PACS के माध्यम से डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना, तथा 4,275 ग्रामीण एआई तकनीशियन (MAITRIs) का प्रमाणन जैसे कार्य कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सशक्त बना रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र एक नए युग में प्रवेश कर चुका है जहाँ परंपरा और तकनीक का संगम किसानों के भविष्य को समृद्ध बना रहा है। आने वाला दशक भारतीय कृषि के लिए आत्मनिर्भरता, नवाचार और समृद्धि का दशक होगा।