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प्रधानमंत्री ने ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ का शुभारम्भ किया

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ का शुभारम्भ करते हुए कहा की कि केन्द्रीय बजट 2018-19 में प्रस्तावित देश के 02 डिफेन्स काॅरिडोर में से एक, उत्तर प्रदेश में स्थापित किया जाएगा। बुन्देलखण्ड के विकास को विशेष तौर पर ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश में डिफेन्स इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर का विस्तार आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, झांसी और चित्रकूट तक होगा। इसके तहत 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश के साथ-साथ ढाई लाख रोजगार सृजित होने की सम्भावना है।
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने राज्य में हो रहे परिवर्तन को रेखांकित करते हुए कहा कि जब परिवर्तन होता है तो वह सामने से दिखायी देता है। प्रदेश में इतने व्यापक स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट होना, इतनी विशाल संख्या में निवेशकों और उद्यमियों का एकजुट होना अपने आप में एक बड़ा परिवर्तन है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  उनके मंत्रिमण्डल के सहयोगियों, वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह परिवर्तन अत्यन्त सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अत्यन्त कम समय में समृद्धि और विकास के रास्ते पर अग्रसर है।
  श्री मोदी ने कहा कि पहले भय व अस्थिरता के कारण उत्तर प्रदेश में जीवन दूभर था। श्री योगी  की सरकार ने पूर्व के ‘नेगेटिविटी’ भरे उस माहौल से राज्य को ‘पाॅज़िटिविटी’ की तरफ लाने और हताशा-निराशा को अलग करके उम्मीद की किरण जगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ‘न्यू यू0पी0’ की बुनियाद अब रखी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में संसाधनों और सामथ्र्य की कोई कमी नहीं है। जहां एक ओर लखनऊ की चिकनकारी, यहां का दशहरी आम, मुरादाबाद का पीतल, फिरोजाबाद का कांच, आगरे का पेठा, कन्नौज का इत्र जैसे अद्भुत उत्पाद राज्य में मौजूद हैं, वहीं ताजमहल और सारनाथ जैसी धरोहर भी यहां मौजूद है। साथ ही, अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे प्राचीन नगर भी यहां मौजूद हैं। इस प्रदेश को गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियों का आशीर्वाद भी प्राप्त है।
प्रधानमंत्री  ने कहा कि यह प्रदेश, देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि गेहूं, गन्ना, दूध, आलू के उत्पादन में यह प्रदेश प्रथम स्थान पर है, जबकि सब्जियों के उत्पादन में यह प्रदेश दूसरे नम्बर पर है। फलोत्पादन में यह प्रदेश तीसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘वैल्यूज़ और वर्चूज़’ की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता वैल्यू एडिशन की है।
श्री मोदी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के त्वरित विकास के दृष्टिगत तेजी से निर्णय ले रही है और आवश्यक नीतियों का निर्माण भी कर रही है। राज्य में अलग-अलग सेक्टर्स की नीतियां बनाकर काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को रोजगार सृजन से जोड़ते हुए नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पूरी गम्भीरता से किसानों, महिलाओं, नौजवानों की आकांक्षाओं को पूरा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘पोटेन्शियल’, ‘पाॅलिसी’, ‘प्लानिंग’ और ‘परफाॅर्मेन्स’ से ही ‘प्रोगे्रस’ आती है। उन्होंने कहा कि योगी  के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ‘सुपर हिट परफाॅर्मेन्स’ देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य की सरकारें ‘जाॅब सेन्ट्रिक’ होने के साथ ही ‘पीपुल सेन्ट्रिक ग्रोथ’ पर जोर दे रही हैं।
प्रधानमंत्री  ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार उद्यमियों के लिए ‘रेड टेप’ नहीं ‘रेड कार्पेट’ की व्यवस्था कर रही है। निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि उन्हें अपने उद्योग स्थापित करने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि आज के इस सत्र में जिस ‘निवेश पोर्टल’ का शुभारम्भ किया गया है, उससे निवेशकों को सभी सुविधाएं, क्लियरेन्सेज़, पेमेण्ट्स इत्यादि की सुविधा आॅनलाइन मिलेगी। यह देश का पहला औद्योगिक पोर्टल है। उन्होंने कहा कि यह ‘ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस’ की तरफ एक कदम राज्य में आई0टी0, इलेक्ट्राॅनिक्स, काॅन्स्ट्रक्शन और इलेक्ट्राॅनिक मैन्युफैक्चरिंग का बहुत स्कोप है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में स्मार्ट सिटीज़ स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री  ने प्रदेश की कृषि का जिक्र करते हुए कहा कि खेती से जुड़ी एक बड़ी चुनौती है, फसल को खेत से बाजार पहुंचाने की, क्योंकि इस दौरान बड़ी मात्रा में फसल और सब्जियां खराब हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत पूरी सप्लाई चेन और इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एग्रीकल्चर बाई प्रोडक्ट्स, एग्रीकल्चर वेस्ट से वेल्थ की भी असीम सम्भावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर गन्ने के उत्पादन में उत्तर प्रदेश के सबसे आगे रहने की वजह से यहां एथेनाॅल प्रोडक्शन का बहुत पोटेन्शियल है।
मोदी  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जो इस राज्य को 21वीं सदी में नई बुलन्दियों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत में प्रयाग में कुम्भ का आयोजन किया जाएगा। कुम्भ को यूनेस्को द्वारा ‘मानवता की अमूल्य धरोहर’ की मान्यता दी जा चुकी है।
   इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालकर एक समृद्ध राज्य बनाए जाने की कड़ी में ही ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ का आयोजन किया गया है। पिछले 11 महीनों के अंदर राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के सम्बन्ध में उन्हें प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन मिलता रहता है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि विकास का कोई विकल्प नहीं है, इसके लिए सुशासन आवश्यक है।
श्री योगी  ने कहा कि किसी भी भू-भाग को विकसित करने के लिए सुदृढ़ कानून व्यवस्था, गुणवत्तापूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर जिसमें बिजली, सड़कें, परिवहन और सिंचाई प्रमुख हैं, उद्योंगों को बढ़ावा तथा स्वस्थ, शिक्षित एवं कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता बुनियादी आवश्यकतायें हैं। इसके साथ ही सरकार की नीतियों को धरातल पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी, जागरूक और जवाबदेह बनाए जाने की भी आवश्यकता है।
  श्री योगी ने कहा कि प्रदेश के जनपदों में पारम्परिक शिल्पों एवं लघु उद्यमों के संरक्षण के लिए तथा उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने एवं उनकी आय में वृद्धि के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना लाॅन्च की जा चुकी है। इस योजना के तहत विभिन्न जनपदो के चयनित स्थानीय उत्पादों के लिए मार्केटिंग, तकनीकी उन्नयन, कौशल एवं उद्यमिता प्रशिक्षण तथा आसान ऋण की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टार्ट-अप नीति लागू की गयी है। यह नीति विभिन्न औद्योगिक सेक्टर्स में इनोवेशन के लिए एक मजबूत धरातल नये उद्यमियों को प्रदान करेगी। इस नीति के माध्यम से स्टार्ट-अप्स के लिए आई0आई0टी0 कानपुर, बी0एच0यू0 सहित प्रदेश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों को जोड़ा जाएगा। उद्योगों के विकास के लिए उत्कृष्ट परिवहन सुविधाआंे का होना अत्यन्त आवश्यक है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लोगों को त्वरित आवागमन के साधन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी कराया जाएगा।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश से गुजरने वाले ‘वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर’ तथा ‘ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर’ से राज्य से माल ढुलाई के समय में बेहद कमी आएगी। ‘ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर’ प्रदेश के उद्यमियों को पूर्वी भारत के बन्दरगाहों तक सुगम पहुंच उपलब्ध कराने में सहायक होगा। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर’ के दोनों तरफ विकसित की जा रही ‘अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर’ परियोजना को केन्द्रित करते हुए, उत्तर प्रदेश में 02 नेशनल इन्वेस्टमेन्ट एण्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन्स तथा इण्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स विकसित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण शहरों को वायुयान सुविधा से जोड़ने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम बनायी गयी है। जेवर में अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना करायी जा रही है, जिससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश तथा नागरिक विमानन सेवाओं में वृद्धि होगी। प्रदेश में विद्युतीकरण और विद्युत संयोजन के कार्य में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है। प्रदेश में घर-घर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से हमारी सरकार द्वारा भारत सरकार के साथ पावर फाॅर आॅल योजना प्रदेश में क्रियान्वित किए जाने हेतु समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। भारत सरकार की सौभाग्य योजना प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग डेढ़ करोड़ घरों को मार्च, 2019 तक विद्युत संयोजन दिये जाने का लक्ष्य है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों को दी गई आपूर्ति में लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
श्री योगी  ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण हितैषी विकास की पक्षधर है। राज्य सरकार ‘ग्रीन ग्रोथ’ को प्रोत्साहित कर रही है। जैव ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए राज्य सरकार ने ‘जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम’ लागू करने का निर्णय भी लिया है। इसमें बायो एथेनाॅल उत्पादन, बायो डीजल उत्पादन तथा बायो गैस आदि के उत्पादन से जुड़े उद्यमों के लिए विशेष प्राविधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महत्वपूर्ण धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। नई पर्यटन नीति में पर्यटन क्षेत्र की सभी गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक सृजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज टूरिज्म तथा ईको-टूरिज्म के प्रोत्साहन के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के उपरान्त समिट स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने इस अवसर पर निवेश मित्र पोर्टल को लाॅन्च भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  द्वारा प्रधानमंत्री  को एक प्रतीक चिन्ह और शाॅल भी भेंट किया गया।
समिट के दौरान राज्यपाल राम नाईक जी, केन्द्रीय गृह मंत्री  राजनाथ सिंह, अन्य मंत्रिगण, उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डाॅ0 दिनेश शर्मा, राज्य मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, बड़ी संख्या में उद्योगपति तथा अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
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