उत्तराखण्डदिल्ली

प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपनी लोक परंपराओं की पोशाक में लाल किले पर फहराया राज्य का परचम”

“लाल किले पर उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक छाप:

नई दिल्ली: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले में उत्तराखण्ड प्रवासियों के दल ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी समृद्ध संस्कृति का भव्य प्रदर्शन किया। इस अवसर ने न केवल उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया, बल्कि देश-विदेश के लोगों के बीच राज्य की विरासत को पहचाने का भी मौका दिया।

लाल किले में हर साल आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश के सभी राज्यों के प्रवासी दलों को आमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष दिल्ली में रहने वाले उत्तराखण्डवासियों को उत्तराखण्ड स्थानिक आयुक्त कार्यालय के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला। में21 सदस्यीय दल ने उत्साह और गर्व के साथ समारोह में भाग लिया। सदस्यों ने कहा कि लाल किले जैसी ऐतिहासिक धरती पर उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व और अविस्मरणीय अनुभव है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर दिखाने का अवसर था, बल्कि देश के अन्य लोगों से जुड़ने और अपनी परंपराओं को साझा करने का भी मौका था।

कार्यक्रम में दल का नेतृत्व कुंदन कुमार, शिव गुप्ता, निवेश आयुक्त कार्यालय और उत्तराखण्ड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की अध्यक्षा संयोगिता ध्यानी ने किया। दल में रिया शर्मा, कोकिला गौड़, पुष्पा देवली, विजयलक्ष्मी शर्मा, बीना ढौंडियाल, अंजू पुरोहित, किरण, संतोष बडोनी, हिमाली, मंजू भट्ट, दीनदयाल, अंकित सिंह, रामपाल, धर्मेंद्र प्रसाद, रविन्द्र सिंह रावत आदि शामिल थे।

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