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पेट्रोलियम डीलर अब केवल विक्रेता नहीं, भारत के ऊर्जा परिवर्तन के अग्रदूत हैं – हरदीप सिंह पुरी

डीलरों से आह्वान : खुद को केवल ‘मार्जिन’ तक सीमित न रखें, देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में निभाएं रणनीतिक भूमिका

Amar chandनई दिल्ली : देश के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित, आत्मनिर्भर और हरित बनाने के लक्ष्य के तहत केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज एक ऐतिहासिक संबोधन में पेट्रोलियम डीलरों को परिवर्तन की नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि डीलर अब केवल पेट्रोल-डीजल विक्रेता नहीं बल्कि भारत के ऊर्जा परिवर्तन अभियान के सक्रिय वाहक हैं।

श्री पुरी ने डीलरों से आग्रह किया कि वे आपदा प्रबंधन, जन स्वास्थ्य जागरूकता और मतदाता सशक्तिकरण जैसे राष्ट्रीय उद्देश्यों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि भारत का डीलर नेटवर्क दूरदराज़ इलाकों में मौजूद है और यह नेटवर्क देशहित में संवाद और सेवा का एक सशक्त साधन बन सकता है।

गैर-ईंधन सेवाओं से बढ़ेगा डीलरों का सामर्थ्य और लाभ

श्री पुरी ने विशेष रूप से एनएफआर (नॉन-फ्यूल रेवेन्यू) की महत्ता पर बल देते हुए डीलरों से कहा कि वे अपने खुदरा केंद्रों को संचार केंद्र, डिजिटल वित्तीय सेवा स्टॉल, वाटर कियोस्क, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन जैसी बहुउपयोगी सुविधाओं में बदलें। इससे न केवल जनता को लाभ मिलेगा बल्कि डीलरों की आमदनी के नए स्रोत भी खुलेंगे।

ईवी चार्जिंग और सोलर पैनल की ओर बढ़ाएं कदम, तेल विपणन कंपनियों के साथ करें सहयोग

ऊर्जा संक्रमण को साकार रूप देने के लिए मंत्री ने ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन और ऊर्जा-कुशल निर्माण को लागू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के सहयोग से ही संभव होगा और डीलर इस दिशा में आगे बढ़कर नेतृत्व करें।

डिजिटल वितरण, पारदर्शिता और निगरानी : उपभोक्ता विश्वास की रीढ़

श्री पुरी ने उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने के लिए डिजिटल वितरण प्रणाली, स्वचालित निगरानी और पारदर्शी ऑडिटिंग प्रणाली को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक आधारित पारदर्शिता से न केवल सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि जनता का भरोसा भी मज़बूत होगा।

डीलरों के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य : सुरक्षा और दक्षता का संतुलन

उन्होंने डीलर समुदाय को संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सुरक्षा मानकों और दक्षता में निरंतर सुधार लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित कार्यबल ही आधुनिक ऊर्जा ढांचे की रीढ़ है।

अपने प्रेरणादायी समापन भाषण में श्री पुरी ने कहा इस सम्मेलन को केवल डीलरों की बैठक न बनने दें – यह एक नई यात्रा का आरंभ है, जो भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी।”उन्होंने डीलरों से अपील की कि वे खुद को केवल ‘रिटेल मार्जिन’ तक सीमित न रखें, बल्कि भारत के ऊर्जा रूपांतरण के केंद्र में स्वयं को स्थापित करें। श्री पुरी ने AI-PDA के डीलर प्रतिनिधियों की उत्साही भागीदारी की सराहना करते हुए उन्हें सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया।

सरकार, डीलर और नागरिक – तीनों की भागीदारी से ही बनेगा ‘ऊर्जा समृद्ध भारत’

अंत में उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार, तेल कंपनियां, डीलर नेटवर्क और आम नागरिकों की सामूहिक प्रतिबद्धता ही भारत को आने वाले समय में ऊर्जा-समृद्ध राष्ट्र बना सकती है।

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