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15 अप्रैल को श्री डांडा नागराजा मेले का आयोजन

जगमोहन डांगी
पौडी गढवाल। 15 अप्रैल को श्रीडांडा नागराजा मंदिर में लगने वाला एतिहासिक कंडार मेला इस वर्ष 15 अप्रैल को होना सुनिशचित हुआ है। इस प्रकृतिक के मनोहर पवित्र तीर्थ स्थल दर्शनार्थियों को आकर्षित करने वाला पौराणिक मेला एक विहंगम अवलोकन करवाने वाला धार्मिक स्थल हिमालय से हिमाछदित पर्वत मालाएं दूसरी ओर पवित्र घाटी ब्यासाश्रम मां गंगा एवं नयारनदी की संगम स्थली मनमोहक दर्शन होते है। मंदिर पौड़ी मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी पर हैं। वही सतपुली के 30 किलोमीटर है । वही देवप्रयाग से 28 किलोमीटर हैं। यह पुजारी सिलसू गाँव के होते है।

यह ठहरने की ब्यवस्था लॉज और धर्मशालाए भी हैं। कभी गढ़वाल की राजधानी पौड़ी नगरी में व्रक्षो की सुरम्य चोटियों बीचो- बीच स्थापित सिद्धपीठ श्रीडांडानागराजा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पवित्र स्थली को सरकारी उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं पर्यटन मंत्री स्थानीय होने बावजूद यह पवित्र धाम आज भी उपेक्षा झेल रहा हैं। प्रसाशन एवं जनप्रतिनिधियो ने इस धर्म क्षेत्र पर अपेक्षा के अनुरूप इस धार्मिक तीर्थ ओर ध्यान नही दिया जा रहा है, हालांकि यह रोज देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता हैं। मंदिर परिसर में जो भी विकास हुआ उसमे अधिकतर मंदिर के प्रति आस्था रखने वालों भक्तो ने किया 15 अप्रैल को मेला को भब्य बनाने के लिए मंदिर समिति के अध्यक्ष शशिकांत चमोली के अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मेला स्थल में यातायात ब्यवस्था एवं शांति ब्यवस्था के लिए समिति द्वारा मंदिर जिला प्रसाशन को ज्ञापन दिया गया हालांकि मंदिर में सबसे बडी समस्या पेयजल की होती थी लेकिन हाल में ब्यासचट्टी पम्पिंग योजना का पानी मंदिर पहुच चुका हैं।

जिससे श्रद्धालुओं एवं स्थानीय गांवो को इसका लाभ मिल रहा हैं। बैठक में सचिव देवेन्द्र कुकरेती, बीरेंद्र प्रसाद भट्ट, राजेंद्र प्रसाद बिजल्वाण, पुजारी किशोर देशवाल,विनोद देशवाल,आदि लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्य पुजारी किशोर देशवाल,एवं मंदिर समिति अध्यक्ष शशिकांत चमोली डांडानागराजा मंदिर से विशेष रिपोर्ट जगमोहन डांगी मेले के दिन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शुभारम्भ भजन सांध्य गायक मुकेश कठैत व उनकी टीम द्वरा किया जाएगा। ज्ञात हो पिछले कुछ वर्षों से अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा मेले में सहयोग करने वाले समाजसेवियों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया जाता है। इस वर्ष भी अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए जाएंगे।

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