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न्याय योजना से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा-कुछ दिन पहले मैं दिल्ली में था, मेरी गाड़ी रेड लाइट पर खड़ी थी, शीशा खुला था, पास में रेड लाइट पर मेरे पास में ऑटो रिक्शा वाले आए, ऑटो रिक्शा रोका, ऑटो रिक्शा के ड्राईवर की आंख में मैने देखा, मुस्कुराया, कहता है ‘चौकीदार चोर है’। सब जगह भईया, किसी भी चौराहे पर चले जाओ और ज्यादा बोलने की जरुरत नहीं है, बस बोलो चौकीदार, (जनता ने कहा, चोर है), चौकीदार, (जनता ने फिर कहा, चोर है), चौकीदार, (जनता ने फिर कहा, चोर है)। अब इलेक्शन कमीशन मुझे कह रहा है, नरेन्द्र मोदी जी ने इलेक्शन कमीशन से कहा कि देखिए, राहुल गांधी चौकीदार शब्द का प्रयोग नहीं कर सकता, अरे भाई, आपने ही बोला कि मैं चौकीदार बनना चाहता हूँ, आपने ही बोला कि 56 इंच की छाती है, इतनी बड़ी छाती है, 56 इंच की, मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लडूंगा, पहले ऐसे कहते थे, नरेन्द्र मोदी , (सीना निकालकर दिखाते हुए), भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ूँगा, कालेधन को मिटा दूँगा। अब राफेल मामले के बारे में मैंने बात उठाई, नरेन्द्र मोदी जी से पूछा, भईया बताइए, ये चौकीदारी जो आपने अनिल अंबानी की कर दी। आपने कभी किसान के घर के सामने चौकीदार देखा है, देखा है कभी? चौकीदार, (जनता ने कहा, नहीं)। मजदूर के घर के सामने चौकीदार देखा, (जनता ने फिर कहा, नहीं), बेराजगार युवा के घर के सामने देखा (जनता ने कहा, नहीं), न। अनिल अंबानी के घर के सामने कितने चौकीदार हैं! लाइन लगी हुई है, लाइन में पहले नंबर पर नरेन्द्र मोदी जी खड़े हैं, पहले नंबर पर अनिल भाई, जो चाहते हो, मांगो। भिंड में, भिंड जो है, यहाँ के युवा, यहाँ के परिवार अपने बच्चों को बॉर्डर पर भेजते हैं, आर्मी में भेजते हैं, भिंड के युवा एयरफोर्स के लिए काम करते हैं, देश की रक्षा करते हैं, आप किसी भी फोर्स में देख लीजिए, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, कहीं भी देख लीजिए, आपको भिंड का युवा हिंदुस्तान की रक्षा करते हुए मिल जाएगा। हिंदुस्तान के शहीदों की लिस्ट देखिए, कोई भी लिस्ट देखिए, किसी भी युद्ध की लिस्ट देखिए, शहीदों की बड़ी लाइन है, लाइन देखिए, और उस लाइन में आपको एक नहीं, अनेक नाम मिलेंगे, भिंड के युवाओं के नाम मिलेंगे, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी। अब चौकीदार जी, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, आपने जब 30 हजार करोड़ रुपए भिंड के युवाओं से छीने, भिंड के युवाओं से चोरी किए और आपने जब वो पैसा उस चोर, अनिल अंबानी के बैंक अकाउंट में डाला, तो आपको क्या लगा? आपके दिल में कौन सी भावना पैदा हुई कि भिंड के युवा अपनी जान दे रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री उन्हीं युवाओं से चोरी करके उस चोर को कॉन्ट्रैक्ट दे रहे हो।
नरेन्द्र मोदी आप मुझे बताइए, देश को बताइए, आपके दिल में कौन सी भावना जागी थी, आपने क्या सोचा था, जब मैं आपके बारे में कहता हूँ कि चौकीदार चोर है, मैं सबूत लेकर बोलता हूँ। फ्रांस के राष्ट्रपति ने बोला कि हिंदुस्तान के चौकीदार ने, हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने मुझे बोला, मीटिंग में बोला कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलना है, मीटिंग में बोला कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, सरकारी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नहीं देना है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, नरेन्द्र मोदी ने उनको बोला, 526 करोड़ का हवाई जहाज नहीं खऱीदा जाएगा, 1,600 करोड़ रुपए का हवाई जहाज खरीदा जाएगा, फ्रांस के राष्ट्रपति ने बोला कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने उन्हें कहा कि हवाई जहाज हिंदुस्तान में नहीं बनेगा, फ्रांस में बनेगा, हिंदुस्तान के युवाओं को राफेल कॉन्ट्रैक्ट से रोजगार नहीं मिलेगा। दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है, लाखों करोड़ रुपए का डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है, अनिल अंबानी ने भाईयो और बहनों, जिंदगी में हवाई जहाज नहीं बनाया। 45 हजार करोड़ रुपए का बैंक का कर्जा है उस पर। उसके भाई ने उसे जेल में जाने से बचाय़ा। अब आप मुझे बताइए, नरेन्द्र मोदी जी, इस चोर को आपने क्यों चुना? इस चोर को हिंदुस्तान के चौकीदार ने क्यों चुना? आप भिंड के युवाओं को बताओ कि जब मैंने आपसे लोकसभा में ये सवाल पूछे, जब कांग्रेस पार्टी के एमपीज ने आपसे ये सवाल पूछे आपने डेढ़ घंटा लंबा भाषण दिया, आपने इंदिरा गांधी की बात की, जवाहर लाल नेहरु की बात की, कांग्रेस पार्टी की बात की मगर आपने राफेल हवाई जहाज, अनिल अंबानी, फ्रांस के राष्ट्रपति, हिंदुस्तान के एयरफोर्स के लोगों की बात नहीं की, जब आप लोकसभा में जवाब दे रहे थे। पूरे देश ने देखा, भिंड के युवाओं ने देखा कि जिसकी 56 इंच की छाती हुआ करती थी, उसने जवाब आंख में आंख मिलाकर नहीं दिया, नरेन्द्र मोदी जी ने जवाब दिया तो ऐसे दिया, कभी इधर देखें, कभी नीचे देखें, कभी यूं देखें, (दाईं और इशारा करते हुए), कभी ऊपर देखें, कभी यूँ करें, (दांय हाथ से चेहरा छिपाने का इशारा करते हुए) कभी यूँ करें, (बांए हाथ से चेहरा छिपाने का इशारा करते हुए), आंख में आंख चौकीदार नहीं मिला पाया। भिंड के युवाओं, क्योंकि चौकीदार ने सिर्फ शहीदों से चोरी नहीं की, चौकीदार ने भिंड के युवाओं से भी चोरी की है। आपको रोजगार मिलना था, देश के युवाओं को रोजगार देना था, राफेल कॉन्ट्रैक्ट में, राफेल हवाई जहाज बनाने में, लाखों युवाओं को हिंदुस्तान में रोजगार मिल सकता था। हाई टेक्नोलॉजी की नौकरियाँ क्योंकि राफेल सिर्फ एक हवाई जहाज नहीं है, राफेल वेपन सिस्टम है, उसमें रडार है, उसमें हथियार हैं, उसमें रेडियो टेक्नोलॉजी है, उसमें कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी है। लाखों युवाओं को इस कॉन्ट्रैक्ट से रोजगार मिलता, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने, भिंड के युवाओं आप अच्छी तरह सुनिए, नरेन्द्र मोदी ने राफेल हवाई जहाज का कॉन्ट्रैक्ट आपसे छीना, रोजगार आपसे छीना और अनिल अंबानी के हवाले किया। हिंदुस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ने, श्री पर्रिकर , जो बीजेपी के डिफेंस मिनिस्टर थे, प्रेस के मित्रों ने उनसे पूछा, भईया, बताइए, आपको नए कॉन्ट्रैक्ट के बारे में क्या लगता है, अनिल अंबानी को जो कॉन्ट्रैक्ट दिया गया उसके बारे में आपको क्या लगता है। हिंदुस्तान का डिफेंस मिनिस्टर कहता है, मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता, ये तो काम नरेन्द्र मोदी ने किया है, आप उनसे जाकर पूछिए। डिफेंस मिनिस्ट्री के लोगों ने डॉक्यूमेंट में लिखा कि नरेन्द्र मोदी पैरलल नेगोसिएशन कर रहे हैं, नरेन्द्र मोदी डायरेक्ट फ्रांस की सरकार से, राफेल बनाने वाली दसॉल्ट कंपनी से डायरेक्ट सौदा कर रहे हैं। चौकीदार जी, आप देश को समझाइए कि आपने चोरी क्यों की और जब आपने ये चोरी की थी, तब आपके दिल में कौन सी भावना थी, तब आपने सोचा कि आप भिंड के युवाओं से रोजगार छीन रहे हो? नहीं। तब आपने सोचा कि क्यों आप शहीदों का अपमान कर रहे हो? नहीं, ये बातें आपने नहीं सोची मगर नरेन्द्र मोदी जी न्याय से कोई नहीं बच सकता। अब नरेन्द्र मोदी ने अन्याय किया तो हमने सोचा कि ठीक है, पांच साल नरेन्द्र मोदी ने किसानों के साथ अन्याय किया, युवाओं के साथ अन्याय किया। 5 लाख 55 हजार करोड़ रुपए नरेन्द्र मोदी जी ने 15 लोगों का कर्जा माफ किया है, 5 लाख 55 हजार करोड़ रुपए। तो पांच महीने पहले मैंने कांग्रेस पार्टी के सबसे सीनियर बेहतर इकॉनमिस्ट्स को बुलाया, मैंने उनसे कहा, देखिए, मैंने मन बना लिया है, ये नरेन्द्र मोदी ने अन्याय किया, मैं और कांग्रेस पार्टी न्याय करना चाहते हैं, क्योंकि हर एक्शन का रिएक्शन होता है, अगर नरेन्द्र मोदी अन्याय करेंगे, कांग्रेस पार्टी न्याय करेगी। मैंने उनसे कहा देखिए, सीधी सा बात है, कांग्रेस पार्टी ने मन बना लिया है कि हम गरीब लोगों के बैंक अकाउंट में, भिंड के किसानों के बैंक अकाउंट में, भिंड के युवाओं के बैंक अकाउंट में, गरीब परिवारों के बैंक अकाउंट में हम डायरेक्ट सीधा पैसा डालना चाहते हैं, हिल गए वो, हिल गए। राहुल जी ये आप क्या कह रहे हो, कितने लोगों की बात कर रहे हो, मैंने कहा 25 करोड़ लोगों की बात कर रहा हूँ, अरे ये आपने क्या कह दिया, ऐसे थोड़े ही होता है, सरकार बैंक अकाउंट में पैसा थोड़े ही डाल सकती है, मैंने कहा, अच्छा, नहीं डाल सकती क्या? अच्छा, चिदम्बरम जी मुझे बताइए, ये जो अनिल अंबानी के बैंक अकाउंट में 45 हजार करोड़ रुपए नरेन्द्र मोदी जी ने डाला, ये क्या फ्रांस की सरकार ने डाला, क्या जापान की सरकार ने डाला या हिंदुस्तान की सरकार ने डाला? और ये 5 लाख 55 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया, ये अमेरिका की सरकार ने इनको पैसा देकर माफ किया क्या, बैंक अकाउंट में पैसा नहीं गया क्या?, कहते हैं, हां, गया तो है, तो मैंने कहा, ठीक है, अब आप मेरे लिए एक काम कीजिए पता लगाइए कितना पैसा भारत के गरीबों के बैंक अकाउंट में डाला जा सकता है, कहते हैं, ठीक है, आपने कहा, पता लगता हूँ, गए, चिदम्बरम जी गए, पांच महीने बाद वापस आते हैं, पूरी रिसर्च की, हिंदुस्तान के सबसे बेहतर इकॉनमिस्टस से बात की, दुनिया के सबसे बेहतरीन इकॉनमिस्ट्स से बात की, वापस आते हैं, पैन लेकर कागज पर एक नंबर लिख देते हैं, यूँ (कागज पर नंबर लिखकर दिखाते हुए) मैंने कहा ये क्या है? 72 हजार, मैंने कहा, ये क्या है? कहते हैं, आपने कहा था, मैंने कहा क्या, 72 हजार रुपए, मैंने कहा, कितने लोगों को, कहते हैं, 25 करोड़ लोगों को, मैंने कहा कितने समय के लिए, कहते हैं, एक साल के अंदर, मैने कहा कितने साल चलेगा? उस दिन तक चलेगा, जब तक हिंदुस्तान से गरीबी मिट नहीं जाएगी। चिदम्बरम जी, आप क्या कह रहे हैं, मैंने बोला आप क्या कह रहे हैं? मैं हिल गया, जब ये नंबर मेरे सामने आया, मैं हिल गया, पांच करोड़ परिवारों को हिंदुस्तान की सरकार का, साल का 72 हजार रुपए, 5 साल का 3 लाख 60 हजार रुपए दे सकती है, मैं चौंक गया। मैंने कहा भाई, कैसी बात कर रहे हो, कहते हैं, हां। मैंने कहा ये पैसा कहाँ है? कहते हैं, ये पैसा नरेन्द्र मोदी अनिल अंबानी को दे रहे हैं, मेहुल चौकसी को दे रहे हैं, नीरव मोदी को दे रहे हैं, ललित मोदी को दे रहे हैं, विजय माल्या को दे रहे हैं। फिर मैंने उनसे सवाल पूछा, नुकसान तो नहीं होगा? मैं नोटबंदी जैसा काम नहीं करना चाहता, 72 हजार रुपए कम पैसा नहीं है, काफी पैसा है, जिंदगी बदल जाएगी। पांच करोड़ लोगों को 3 लाख 60 हजार रुपए पांच साल का, आप सोचिए, मतलब यहाँ कोई शहीद का परिवार हो, विधवा हो, 3 लाख 60 हजार रुपए, बैंक अकाउंट में हर महीना, 6 हजार रुपए, 6 हजार रुपए, 6 हजार रुपए, 6 हजार रुपए, साल के 72 हजार रुपए, पांच साल के 3 लाख 60 हजार रुपए। मैंने कहा है चिदम्बरम जी से कि भई, नुकसान तो नहीं होगा, इतना पैसा लाखों करोड़ रुपए हम ऐसे दे दें, मध्यम वर्ग का क्या होगा, दुकानदारों का क्या होगा, छोटे बिजनेस वालों का क्या होगा? कहते हैं, राहुल , अजीब सी बात है, मगर फायदा होगा। फायदा क्यों होगा? राहुल जी सिचुएशन ऐसी बन गई है, मैंने कहा क्या हुआ? कहते हैं, राहुल जी, नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की, गब्बर सिंह टैक्स लागू किया, हर व्यक्ति की जेब से उन्होंने पैसा निकाल दिया। किसानों की जेब से, माताओं-बहनों की जेब से, सबकी जेब से पैसा निकाल दिया। जैसे ही उन्होंने पैसा निकाला, हिंदुस्तान की जनता ने माल खरीदना बंद किया, पैसा ही नहीं था, आपने जो शर्ट खरीदी है, पैसे से खरीदी है न! नोटबंदी गब्बर सिंह टैक्स ने पैसा निकाल दिया, तो जो आप पहले खरीद रहे थे, आपने बंद किया, एक शर्ट से काम चलाइए, अब। साबुन, टुथ पेस्ट, टुथ ब्रश, काले चश्मे, फोन, जो पहले खरीदा जाता था, वो सब बंद हो गया। नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को डिमोनेटाइज कर दिया, पैसा निकाल दिया, सिस्टम से। जैसे ही माल खरीदना बंद हो गया, दुकानें बंद हो गईं। दुकानों का जो धंधा थो, वो जाम हो गया। जैसे ही दुकानें जाम हुईं, दुकानदारों को नुकसान हुआ, छोटे बिजनेसवालों, मिडिल साइज बिजनेस वालों ने कहा, भईया, फैक्ट्री बंद करो, नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी कर दी, गब्बर सिंह टैक्स लागू कर दिया, चलो, ब्रेक लगाओ, चलो युवाओं बाहर जाओ, तुम्हारी कोई जरुरत नहीं, फैक्ट्री बंद हो गई, तुम सब बेरोजगार। किसानों के पास गए, एक किसान ने जबरदस्त सवाल पूछा, आप हिल जाओगे, ये पूरा का पूरा तंबू हिल जाएगा, कहता है, राहुल जी एक बात समझाइए, हमें बात समझ नहीं आई। क्या हुआ, भाई, राहुल जी मैं अखबार पढ़ रहा था, मैंने ये नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का नाम पढ़ा, मैंने अखबार में पढ़ा ये 35 हजार करोड़ रुपए बैंक का पैसा लोन में लिए, इन्होंने वापस नहीं किया, राहुल जी मुझे समझाइए, ये नीरव मोदी लंदन में कैसे, अच्छा नीरव मोदी तो छोड़िए, ये अनिल अंबानी तो दिल्ली में घूम रहा है, इसने 45 हजार करोड़ रुपए लिए, इसने वापस नहीं किए, राहुल जी एक बात समझाइए, जब किसान बैंक का 20 हजार रुपए का लोन लेता है, वापस नहीं देता, उसको जेल में डाल देते हैं, मंदसौर में उसको गोली मारते हैं, मगर ये अनिल अंबानी आजाद घूम रहा है, 45 हजार करोड़ रुपए लेकर, राहुल जी ये कैसे हो रहा है? राहुल जी, अमीर लोगों को कर्जा न लौटाने के लिए कोई सजा नहीं होती, मगर हिंदुस्तान के किसान को कर्जा न लौटाने के लिए पहले दो लाठी लगती हैं, फिर जेल होती है, कमाल की बात, ये आपको सही लगता है क्या? (जनता ने कहा, नहीं), आपको सही लगता है? (जनता ने फिर कहा, नहीं), ऐसा होना चाहिए क्या, (जनता ने फिर कहा, नहीं), होना चाहिए? अगर चाहते हो छोड़ दो फिर, क्या करना है, नहीं होना चाहिए न (जनता ने फिर कहा, नहीं)। अब सुनिए, मैनिफेस्टो में लाइन कांग्रेस पार्टी ने डाल दी, एक किसान की सोच थी, एक किसान की सोच हमारे मैनिफेस्टो में आ गई, एक लाइन, हिंदुस्तान में किसी भी किसान को कर्जा न लौटाने के लिए जेल में नहीं डाला जा सकेगा। मालिक आप हो, मालिक आप हो, ऑर्डर आपको देना है, हमें सुनना है। हमारा काम आपको अपने मन की बात बताने का नहीं है। भाईयो और बहनों, हमारा काम आपके मन की बात सुनने का है, ऑर्डर लेने का है, काम करने का है। अब आपने नरेन्द्र मोदी के वायदे सुन लिए, आपने नरेन्द्र मोदी से दो करोड़ युवाओं को दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वायदा सुन लिया, मैं आपको सच्चाई बता देता हूँ, झूठ नहीं बोलूँगा, न्याय योजना से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा, मगर मैंने पता लगाया है, 22 लाख सरकारी नौकरियाँ खाली हैं, एक साल के अंदर कांग्रेस पार्टी वो 22 लाख सरकारी नौकरियाँ आपके हवाले कर देगी। मैं आपको 25 लाख, 30 लाख, 50 लाख, 60 लाख नहीं बोलूँगा, आंकड़े हैं मेरे पास, लिखा हुआ है। 22 लाख सरकारी नौकरियाँ खाली हैं, 22 लाख आपके हवाले कर दूँगा, मगर 24 लाख नहीं बोलने वाला मैं। अगर आप मुझे कहोगे, भईया, 25 लाख बोलो, मैं नहीं बोलूँगा, अरे साहब बोलो, 15 लाख बैंक अकाउंट में डाल दो, मैं नहीं बोलूँगा, मर जाऊँगा, झूठ नहीं बोलूँगा, मगर मैं 3 लाख 60 हजार रुपए बैंक अकाउंट में डालकर दिखा दूँगा।

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