उत्तराखण्डी भाषा की पहली पाठय पुस्तक मौलयार का विमोचन
चडीगढ़।कौविड के कारण उत्तराखंडी भाषा की पहली पाठ्य-पुस्तक जो पिछले डेढ वर्ष से विमोचन के लिए लंबित थी उसका विमोचन कार्यक्रम गढ़वाल भवन चण्डीगढ़ से हटाकर हरियाणा माडल सीनियर सेकेंडरी स् स्कूल के विशाल सभा ग्रह में सम्पन्न हुआ।
उत्तराखण्डी भाषा की पहली पाठय पुस्तक मौलयार का विमोचन उतराखण्डी भाषा प्रचार समिति द्वारा रविवार 14 मार्च 2021 को हरियाणा माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सैक्टर-10 पंचकुला (हरियाणा) में किया गया। इसमें की मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. जगदीश प्रसाद सेमवाल राष्ट्रपति पुरस्कृत ने शिरकत की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी वह शिक्षाविद सुभाष शर्मा द्वारा की गई।
उतराखण्डी भाषा प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष डॉ. बिहारी लाल जलधरी द्वारा यह किताब लिखी गई है और उनके सहयोगी भारत सिंह नेगी व हर सिंह कुंजवाल द्वारा गढवाली व कुमाऊंनी भाषा को अपनी भाषा में सरल सहज लेखिका में लिखने में दोनों सदस्यों का विशेष योगदान दिया गया । इस बुक को आज विमोचित किया गया।
पुस्तक के लेखक डॉ बिहारीलाल जलन्धरी ने कहा कि जिस प्रकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने हिंदी खड़ी बोली के लिए पहल की थी यह यह भी उसी प्रकार उतराखण्डी भाषा के लिए एक पहल है। इस पाठ्यक्रम में गढ़वाली कुमाऊनी के समान शब्दों को समाकलित कर प्रयोग किया गया है। लोग नई भाषा की भ्रांति फैलाने वालों से बचें। यह हमारी गढ़वाली कुमाऊनी जैसी ही है केवल कुछ शब्दों और कारकों को व्याकरण के नियमों के अनुसार समाकलित किया है।
उतराखण्डी भाषा प्रचार प्रसार समिति के मीडिया प्रभारी शशि प्रकाश पाण्डे ने बताया कि इस किताब को जल्दी ही उतराखण्ड सरकार के स्कूलो में विधार्थियों को पढाई के लिए सरकार को प्रस्ताव सौंपा जाएगा । यह पाठ्यक्रम एक आप्सनल विषय के रूप में सभी विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा इससे बच्चों को अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जाऐंगा ।
कार्यक्रम में चण्डीगढ़, जीरकपुर, बलटाना, नयागांव, पंचकुला, मोहाली, एस ए एस नगर, डेराबसी आदि क्षेत्र की संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया। तथा सभी ने इस पुस्तक के आधार पर संस्था के माध्यम से पठन पाठन आरंभ करने पर बल दिया।
आज इस शुभ अवसर पर दिल्ली से डॉ बिहारीलाल जलन्धरी, प्रताप सिंह साही केन्द्रीय उपाध्यक्ष (यूकेडी) और प्रवीण चौहान केन्द्रीय में संगठन मंत्री उतराखण्ड क्रांती दल व जगदीश अशवाल, शुमन शंकर तिवारी, अशोक तिवारी, धर्मपाल रावत, अरविन्द सिंह रावत, दीपक उनीयाल, शैलेंद्र शर्मा, मेहरा जी, शशि प्रकाश पाण्डे, कुंदन लाल उनीयाल, दिनेश राणा, जितेन्द्र सिंह भण्डारी, वरिन्द्र रावत, बसंत बन्दूणी, रामप्रसाद सुण्डली, अनिल बलूनी व कई गण मान्य व्यक्ति मौजूद रहें।