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राज्य में टीकाकरण सेवाओं को आधार से जोडऩे की शुरूआत कर दी गई है : मनोहर लाल

चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने राष्टï्रीय स्वस्थ मिशन, स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के तीन जिलों नामत: अंबाला, पंचकूला और गुरूग्र्राम में चलाए जा रहे नेशनल प्रोग्राम फोर कंट्रोल आफ ब्लांइडनेस (एनपीसीबी) के अंतर्गत चलाए जा रहे कोर्निया इम्पलांट कार्यक्रम को पूरे राज्य में चलाया जाए ताकि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा मरीजों को कवर किया जा सकें। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने हरियाणा नेशनल हैल्थ मिशन की जनरल बॉडी की 6वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  ओम प्रकाश धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन, परिवहन मंत्री  कृष्णलाल पंवार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डा. बनवारी लाल और विधायक श्रीमती लतिका शर्मा भी उपस्थित थी। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्ष 2018-19 में हैल्थ एवं वेलनेस सेंटर के क्रियान्वयन 105 प्रतिशत की प्रगति दर्ज की गई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नेशनल हैल्थ मिशन के तहत चलाए जा रहे हैल्थ एवं वेलनेस केन्द्रों की सूची बनाई जाए और मनोनीत सदस्यों के संज्ञान में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे राज्य स्तर पर चलाई जा रही राज्य स्वास्थ्य सोसायटी की तरह जिला स्तर पर चलाई जा रही सोसायटी में गैर-सरकारी सदस्यों को भी मनोनित करें ताकि चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों की सही जवाबदेही बन सकें। बैठक में मुख्यमंत्री को संस्थागत डिलीवरी के संबंध में बताया गया कि सेंट्रल रजिस्ट्रेशन सिस्टम अप्रैल, 2019 तक 93 प्रतिशत तक उपलब्धि हासिल की है जिसके आने वाले समय में शत-प्रतिशत कवर करने के लिए प्रयास किए जाएंगें। शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में भी भारी गिरावट आई है जो एसआरएस वर्ष 2013 में 41 था जो अब एसआरएस वर्ष 2017 में 30 हो गया है। मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में गिरावट दर्ज की गई है  जो एसआरएस वर्ष 2011-13 में 127 थी, जिसमें 26 बिंदूओं की गिरावट दर्ज हुई है जो एसआरएस वर्ष 2014-16 में 101 हो गई  है। बैठक में मुख्यमंत्री ने संस्थागत डिलीवरी अभियान पर जोर देते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पिछले एक साल का डाटा उन्हें मुहैया करवाएं जिसमें घरों पर की जाने वाली डिलीवरी की विस्तृत जानकारी हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वे जब यह डाटा तैयार किया जाए तो उसमें जिलावार जानकारी होनी चािहए।
इसके अलावा, बैठक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा संस्थागत डिलीवरी को राज्य के ग्रामीण व सूदुर क्षेत्रों में प्रभावी बनाने के लिए राय दी गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वित्त मंत्री द्वारा सुझाए गए किन्हीं तीन गांवों का पूर्ण सर्वे भी इस संबंध में कराया जाए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मेवात जैसे क्षेत्रों में लोगों के बीच संस्थागत डिलीवरी को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान भी चलाए जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 65 वर्ष तक लगाए जाने वाले डाक्टरों के संबंध में निर्देश दिए कि विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि 58 वर्ष की आयु के पश्चात जिन डाक्टरों को सेवा में रखा जा रहा है उनके कार्य का हर साल मूल्यांकन करके उन्हें सेवा विस्तार दिया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में 359 एम्बलेंस संचालित है जिसमें 2018-19 के दौरान 150 नई एम्बूलेंस को पुरानी एम्बूलेंस के स्थान पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में चलाई जा रही एम्बूलेंस प्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में हरियाणा में एम्बूलेंस पहुंच का समय लगभग 15 मिनट हैं, जिसे आने वाले समय में विभाग द्वारा ओर कम किया जाना चाहिए ताकि मरीजों को त्वरित ईलाज संभव हो सकें। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि इस समय को भविष्य में कम किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे एम्बूलेंस को पुलिस विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे केन्द्रीयकृत नियंत्रण केन्द्र के साथ जोडऩे का प्रयास करें ताकि पूरे राज्य में एम्बूलेंस सेवा को एकीकृत किया जा सकें। मुख्यमंत्री ने बैठक में अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता रोटी-कपड़ा और मकान से बदलकर बिजली-सडक़ और पानी हो गई है और आने वाले समय में यह प्राथमिकता सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा होगी, इसलिए हमें आज से ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने पर जोर देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे राज्य के लोगों को स्वस्थ रखने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाए जिसमें स्वस्थ से संबंधित सभी पद्धतियों को एकीकृत किया जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि पंचकूला, पानीपत और मेवात जिलों में जच्चा-बच्चा अस्पताल बनाने पर विचार चल रहा है, तो वहीं, राज्य में टीकाकरण सेवाओं को आधार से जोडऩे की शुरूआत कर दी गई है और इस सेवा को भविष्य में आगे बढाया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि शिशु मृत्यु दर (आईएमआर),मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर), संस्थागत डिलीवरी, पूर्ण टीकाकरण के स्वस्थ बिंदूओं में गुणात्मक सुधार हुआ है। इसके अलावा, वर्ष 2017-18 व 2018-19 के बजट खर्च की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी गई।  बैठक में मुख्य सचिव  डी.एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  टी.वी.एस.एन. प्रसाद, ग्राम एवं आयोजना विभाग के प्रधान सचिव  ए.के.सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव  राजा शेखर वुंडरू, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती नीरजा शेखर, मिशन निदेशक श्रीमती अमनीत पी. कुमार, शहरी स्थानीय निकाय विभाग व सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो, आयुष निदेशक डा. साकेत कुमार, स्टेट इंस्टीटयूट हैल्थ एवं फैमिली वैलफेयर की निदेशक और हरियाणा स्टेट हैल्थ रिसोर्स सेंटर की निदेशक श्रीमती सोनिया त्रिखा, राष्टï्रीय स्वस्थ मिशन, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक एवं उपनिदेशक और स्टेट हैल्थ मिशन के गैर-सरकारी सदस्यों सहित अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।

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