उत्तराखण्ड की बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करें सरकार ः पीएन शर्मा

राजधानी दिल्ली सहित इसके आस-पास के इलाकों में उत्तराखंडी बोलियों-गढ़वाली-कुमॉउनी जौनसारी को प्रचारित-प्रसारित करने के उदेश्य से विगत कई सालों से विभिन्न विद्यालयों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे है।
इसी क्रम में पूर्वी दिल्ली स्थित मण्डावली में आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रशिक्षणार्थी बच्चों का उत्साहवद्र्धन करने के लिये समाचार पत्र अमर संदेश के सौजन्य से वरिष्ठ पत्रकार अमर चंद, समाजसेवी पीएन ‘ार्मा, संगीता रावत,देवेन्द्र सजवाण, व ‘याम लाल ‘ार्मा ने बच्चों को स्मृति चिहन भेंट किये।
गौरतलब है कि विगत कई सालों से राष्टीय राजधानी सहित इसके आस-पास के उपनगरीय इलाकों में खासकर उत्तराखण्डी प्रवासी बहुल क्षेत्रों में अनेक समाजसेवी संस्थाओं द्वारा उत्तराखंडी बोलियों को सिखाने के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। पूर्वी दिल्ली स्थित मण्डावली में आदर्श बाल विद्या मंदिर स्कूल में देवभूमि संस्कृत धार्मिक समिति द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे विद्यार्थियों को उनकी अपनी मातृभाषा सीखने के लिए मनोबल बढाने हेतू, उन्हें अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा स्मृति चिहन भेंटकर पुरूस्कृत किया गया। साथ ही भाषा-बोली का प्रशिक्षण दे रहे शिक्षकों-गोविंद सिंह रावत व शिवलाल बहुखण्डी को उनके कृतित्व के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजसेवी पीएन ‘ार्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड की बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में ‘ाामिल किया जाना चाहिए । उन्होंने उत्तराखण्ड की भाषा-बोलियों के विकास के लिए भाषा अकादमी की स्थापना की मॉग की। इस अवसर पर समिति के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार कविदयाल ने कहा कि अपनी मातृभाषा-बोली में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया काफी संप्रेषणीय और ग्राह्य होती है। इससे एक ओर जहॉ बोली-भाषा का विकास होता है, वहीं किसी विषय की जानकारी को सरलता तथा सुगमता से सिखाया जा सकता है। सम्पन्न कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए, प्रशिक्षण शिविर की आयोजक संस्था- देवभूमि संस्कृति धार्मिक समिति के संस्थापक देवेंद्र सजवाण ने आयोजन सहयोगी ज्ञानदीप कोचिंग सेंटर सहित भाषा प्रशिक्षण शिविर में ‘ाामिल सभी बच्चों तथा उनके अभिभावकों का आमंत्रित अतिथियों एवं प्रशिक्षकों से परिचय कराया। श्री सजवाण ने कहा कि उनकी संस्था समय-समय पर स्वास्थ्य जॉच शिविर, श्रीरामलीला मंचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि के आयोजन कराती है। इन आयोजनों के माध्यम से समाजसेव के साथ-साथ देवभूमि की समृद्ध संस्कृति को भी लोगों तक पहुॅचाने का प्रयास किया जाता रहा है।

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