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केन्‍द्रीय बजट में अर्थव्‍यवस्‍था और लघु तथा मध्‍यम कंपनियों में नौकरियों के सृजन के लिए भारी निवेश करने की आवश्‍यकता पर बल

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान ढांचागत संरचना में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा, जो दीर्घ अवधि की वित्त उपलब्धता के संबंध में वर्तमान स्थिति और विकास वित्त संस्थाओं के बारे में हमारे पूर्व के अनुभव का अध्ययन करेगी। समिति विकास वित्त संस्थाओं के माध्यम से कोष प्रवाह और संरचना के संबंध में अनुशंसाएं देने प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आवास क्षेत्र के दक्षता पूर्ण नियमन के लिए आवास वित्त क्षेत्र के नियमन प्राधिकरण को एनएचबी से वापस लेकर आरबीआई को पुनः सौंपा जाएगा। इस संबंध में वित्त विधेयक में आवश्यक प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट के संबंध से समान दूरी रखते हुए पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट को पृथक करने के लिए कदम उठाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके लिए उचित सांगठनिक संरचना भी गठित की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय बीमा लेन-देन और विदेशी बीमा कम्पनियों की शाखाओं को खोलने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि कुल पूंजी आवश्यकता को 5000 करोड़ रुपये से कम करके 1000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी के उच्च श्रेणी वाले सम्मिलित परिसम्पत्तियों (मूल्य चालू वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़) को खरीदने के लिए सरकार ने पहली बार 10 प्रतिशत तक के घाटे के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 6 महीने का आंशिक ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव दिया है। सरकार, देश की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्‍साहित करना चाहती है।

केन्‍द्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की विकास गाथा में और विशेषकर ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में महिलाओं की भूमिका एक सुखद अध्‍याय है। वित्‍त मंत्री ने इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मूल्‍यांकन और कार्य योजना सुझाने के लिए सरकार और निजी हित धारकों के साथ विस्‍तृत आधार वाली समिति गठित करने का प्रस्‍ताव किया। श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि बजट का लिंग आधारित विश्‍लेषण बजटीय आबंटन जांच के लिए है। लैगिंक आधार दशकों से इसका पैमाना रहा है। केन्‍द्रीय बजट 2019-20 में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने की आकांक्षा को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था तथा लघु और मझौले कंपनियों में नौकरियों के सृजन के लिए भारी निवेश करने पर जोर दिया गया है। लोकसभा में बजट भाषण देते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि सरकार द्वारा की गई विभिन्‍न पहलों और सुधारों के कारण पिछले 5 वर्षों में अर्थव्‍यवस्‍था में एक ट्रिलियन डॉलर की राशि जुड़ी है और इसके वर्तमान वर्ष में 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था तक बढ़ने की संभावना है। इस लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए मेक इन इंडिया के महत्‍व पर जोर देते हुए वित्‍त मंत्री ने घरेलू और विदेशी निवेश का विशिष्‍ट दौर शुरू करने के तहत अ‍नेक पहल शुरू करने का प्रस्‍ताव रखा। विभिन्‍न प्रकार से वास्‍तविक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारों, समर्पित माल-भाड़ा गलियारों, भारतमाला, सागरमाला, जलमार्ग विकास और उड़ान जैसे कार्यक्रमों के महत्‍व की चर्चा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि इन पहलों से व्‍यवस्‍थाओं में सुधार होगा, परिवहन की लागत कम होगी और धरेलू तौर पर उत्‍पादित वस्‍तुओं की प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में सरकार भारत को विमानों के निधियन और उन्‍हें पट्टे पर देने के कार्यों केन्‍द्र बनाने के लिए नियामक रोड़ मैप के आवश्‍यक कारकों को लागू करेगी। यह भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)- अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय सेवा केन्‍द्र (आईएफएसई) में उपलब्‍ध व्‍यवसाय के अवसरों को वजन प्रदान करने के अलावा विमानन उद्योग को आत्‍मनिर्भर बनाने, विमानन निधियन में आकांक्षापूर्ण नौ‍करियों के सृजन के लिए महम्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने देश में रख-रखाव, मरम्‍मत और बदलाव (एमआरओ) उद्योग के विकास के लिए एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए उपयुक्‍त नीतिगत हस्‍तपेप को स्‍वीकार करेगी। रेलवे के क्षेत्र में, बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का इस्‍तेमाल करने का प्रस्‍ताव किया गया है, ताकि तेजी से विकास और पटरियों का निर्माण, रोलिंग स्‍टॉक निर्माण और यात्री माल-भाड़ा सेवाओं की डिलीवरी का काम पूरा किया जा सके। वित्‍त मंत्री ने बताया कि देश में 657 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क कार्य करने लगा है1 उन्‍होंने कहा कि देश में विकसित पहला और कई प्रकार के परिवहनों में इस्‍तेमाल हो सकने वाला कार्ड, जो नेशनल कॉमन मोबिलि‍टी कार्ड (एनसीएमसी) मानकों पर आधारित है, जिसकी इस वर्ष मार्च में शुरूआत की गई। उससे लोग विभिन्‍न प्रकार के परिवहनों में आसानी से यात्रा कर सकेंगे। एफएएमई योजना जो विद्युत चलित वाहनों को तेजी से अपनाने के बारे में प्रोत्‍साहित करती है, वित्‍त मंत्री ने कहा कि केवल एडवांस बैट्री और पंजीकृत ई-वाहनों को इस योजना के अंतर्गत प्रोत्‍साहन दिया जाएगा। इसमें जन सामान्‍य के लिए सस्‍ते और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक वाहन प्रदान करने पर अधिक जोर दिया जाएगा। राजमार्गों के बारे में वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार राष्‍ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम की व्‍यापक पुनर्संरचना करेगी, ताकि निधियन योग्‍य मॉडल का इस्‍तेमाल करते हुए आवश्‍यक लम्‍बाई और क्षमता का राष्‍ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित किया जा सके। भारतमाला के चरण-I को पूरा करने के बाद दूसरे चरण में राज्‍यों की सड़क नेटवर्कों का विकास करने में मदद की जाएगी। कार्गो लाने-ले जाने के लिए नदियों का इस्‍तेमाल करने की सरकार की परिकल्‍पना की चर्चा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में गंगा पर कार्गो की आवाजाही की मात्रा लगभग चार गुना बढ़ने का अनुमान है। इससे माल-भाड़ा, यात्रियों का आवागमन सस्‍ता होगा और हमारा आयात भी कम होगा। इस संबंध में उन्‍होंने गंगा की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए जलमार्ग विकास परियोजना का जिक्र किया और कहा कि साहिबगंज और हल्दिया में दो बहुमॉडल टर्मिनलों और एक नौवहन पत्‍तन का कार्य इस वर्ष पूरा हो जाएगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी और संरचना को अगले स्‍तर तक ले जाने के लिए सरकार गैस ग्रिडों, जल ग्रिडों, अंतर्देशीय जलमार्ग (आई-वेज़) और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास हेतु ब्‍लू प्रिंट उपलब्‍ध कराएगी। यह सफल एक राष्‍ट्र एक ग्रिड मॉडल पर आधारित है। जिसकी बदौलत राज्‍यों को किफायती दामों पर बिजली कनेक्टिविटी की उपलब्‍धता सुनिश्चित हो सकी है। वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि पुराने और अकुशल संयंत्रों को छोड़ने और प्रा‍कृतिक गैस की कमी के कारण गैस संयंत्र की क्षमता के अल्‍प उपयोग के समाधान से संबंधित उच्‍चस्‍तरीय अधिकार प्राप्‍त समिति (एचएलईसी) की सिफारिशों को भी अब अमल में लाया जाएगा। श्रीमती सीतारमन ने यह भी कहा कि सरकार उज्‍ज्‍वल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना (उदय) को बेहतर बनाने के लिए उसके निष्‍पादन का भी आकलन कर रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार औद्योगिक एवं बड़े बिजली उपभोक्‍ताओं के लिए ओपन एक्‍सेस सेल्‍स अथवा कैप्टिव जनरेशन पर क्रॉस सब्सिडी अधिभारों, अवांछित शुल्‍कों जैसी बाधाओं को समाप्‍त करने के लिए राज्‍य सरकारों के साथ काम करेगी। इन ढांचागत सुधारों के अलावा शुल्‍क नीति में व्‍यापक सुधार किए जाने की जरूरत है। बिजली क्षेत्र के शुल्‍क और ढांचागत सुधार जल्‍द ही घोषित किए जाएंगे।आवास क्षेत्र में वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि रैंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए जाएंगे और एक आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा जो राज्‍यों को परिचालित किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक अवसंरचना और किफायती आवास का कार्य संयुक्‍त विकास और केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा धारित भूखंडों पर छूट जैसे नवाचारी माध्‍यमों से किया जाएगा। एमएसएमई क्षेत्र के लिए नए अथवा पुराने ऋणों पर दो प्रतिशत की ब्‍याज माफी हेतु वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार एमएसएमई के लिए एक भुगतान प्‍लेटफॉर्म का सृजन करेगी। ताकि बिल प्रस्‍तुत करने और उसके भुगतान का कार्य एक ही प्‍लेटफॉर्म पर किया जा सके। वित्‍त मंत्री ने घोषणा की कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना नामक नई योजना के तहत 1.5 करोड़ से कम वार्षिक कारोबार करने वाले लगभग तीन करोड़ खुदरा व्‍यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ देने का फैसला किया है। इस योजना में नामांकन प्रक्रिया को सरल रखा जाएगा जिसमें केवल आधार और बैंक खाते ही जरूरत होगी और शेष स्‍वघोषणा पर निर्भर करेगा।  वित्‍त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की व्‍यापक भागीदारी से ही भारत तेजी से विकास कर सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में स्‍वामी रामकृष्‍ण परमहंस को स्वामी विवेकानंद द्वारा लिखे गये पत्र का उल्‍लेख करते हुए कहा, “नारी की स्थिति सुधारे बिना संसार का कल्याण नहीं हो सकता। किसी पक्षी के लिए एक पंख से उड़ना संभव नहीं है।” यह सरकार मानती है कि हम महिलाओं की और अधिक भागीदारी से ही प्रगति कर सकते हैं। वित्‍त मंत्री ने जन-धन बैंक खाताधारी प्रत्‍येक महिला एसएचजी सदस्‍य को 5,000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति देने का प्रस्‍ताव किया। उन्‍होंने कहा कि महिला स्‍व-सहायता समूहों के लिए ब्‍याज सब्सिडी कार्यक्रम का विस्‍तार सभी जिलों में करने का भी प्रस्‍ताव किया गया है। श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रत्‍येक महिला एसएचजी में एक महिला सदस्‍य को मुद्रा योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये तकका ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने मुद्रा, स्‍टैंड अप इंडिया और स्‍व-सहायता समूह (एसएचजी) के माध्‍यम से महिला उद्यमिता को प्रोत्‍साहित करने की व्‍यवस्‍था की है।

 

 

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