कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली एक मॉडल शहर के रूप में जानी जाती थी : शीला दीक्षित
उत्तर पूर्वी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती शीला दीक्षित ने घोंडा में भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए हैरानी जताई कि भारी बहुमत से दिल्ली में सत्ता में आई‘आप पार्टी’ की सरकार और केन्द्र में पूरी ताकत के साथ आई भाजपा सरकार के होते हुए भी क्षेत्र के लोग नारकीय जीवन जीने पर मजबूर क्यों हैं। भाजपा के सांसद और ‘आप पार्टी’ के विधायकों ने पिछले पांच वर्षों में केवल अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करी लगती है और बाकि बचे वक्त में अपने शीर्ष नेताओं की चापलूसी करते रहे। यकीनन क्षेत्र की बर्बादी और क्षेत्रवासियों की दुर्गति की जिम्मेवारी क्षेत्र के भाजपा सांसद और ‘आप पार्टी’की बनती है। इन चुनावों ने मौका प्रदान किया है। दिल्लीवासियों को कि सब इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों से सवाल करें और इनके निकम्मेपन के लिए इन्हें सजा दें। श्रीमति शीला दीक्षित आज गामड़ी रोड घोंड़ा में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रही थी। जिसमें जिला अध्यक्ष कैलाश जैन, पूर्व निगम पार्षद रेखा रानी,रोहताश भाई, बिजेन्द्र, बी.सी.वशिष्ठ,सुशील जालीवाला,प्रेमपाल ठाकुर, तेजपाल सिंह,गोरव शर्मा के अलावा हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक भी शामिल थे।
श्रीमती शीला दीक्षित ने अपने मुख्यमन्त्रित्व काल के पन्द्रह वर्ष की याद दिलाते हुए कहा कि दिल्ली के नागरिकों ने अवश्य महसूस करा होगा कि कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली एक मॉडल शहर के रूप में जानी जाती थी। दिल्लीवसियों के सहयोग से हमने दिल्ली का सम्पूर्ण कायाकल्प कर दिया था। हरियाली और स्वच्छ दिल्ली में आकर बसने को लोग लालायित थे। रोजगार और नौकरियों के अनेकानेक मौके उपलब्ध थे। प्रदूषण रहित दिल्ली के लोग स्वस्थ और प्रफुल्लित जीवन व्यतीत कर रहे थे। सार्वजनिक परिवहन सहजता से उपलब्ध थे। फ्लाईओवर्स के माध्यम से भीड़भाड़ वाले इलाके भी जाम मुक्त थे। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ रही थी। दिल्ली निरंतर प्रगति कर रही थी। हमने गरीब तबके और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की मदद के लिए विशेष प्रावधान किये थे। शिक्षा के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन और महिलाओं की सुरक्षा के विशेष प्रबन्ध किये थे मगर बदलाव की इच्छा के तहत और झूठे वादों तथा खोखले नारों के प्रभाव के कारण कांग्रेस के हटते ही दिल्ली और दिल्लीवासियों के दुर्दिन ही आ गये। आप पार्टी तो अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं की स्वार्थ सिद्धी में ही उलझ कर रह गई और भाजपा ने एक बार फिर साम्प्रदयिकता उन्माद फैलाने का प्रयास शुरू कर दिया और दिल्ली रुक गई। उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है कि हम सब हिन्दू या मुसलमान, अगड़े या पिछड़े, अमीर या गरीब,भाईचारे के साथ मिलकर अराजकतावादी आप पार्टी और साम्प्रदायिक भाजपा को चुनावों में सबक सिखाते हुए मुहंतोड़ जवाब दें और अपनी दिल्ली,अपना क्षेत्र तथा अपने सुनहरे भविष्य के लिए कांग्रेस को विजयी बनायें। किसी के झांसे में ना आयें और स्वार्थी-नाकारा प्रत्याशियों को हटाकर गलती से भी समर्थन तो क्या समर्थन का वायदा भी ना करें। कांग्रेस हमेशा आपके साथ थी, है और रहेगी।