विएना में 9वें ओपेक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दौरान हरदीप सिंह पुरी ने भारत की ऊर्जा साझेदारियों को और गहराया, वैश्विक कंपनियों और देशों के साथ कीं रणनीतिक बैठकें
Amar sandesh दिल्ली/विएना, जुलाई ।— भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने विएना में आयोजित 9वें ओपेक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं, अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) योजनाओं तथा हरित ऊर्जा परिवर्तन के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कई द्विपक्षीय और व्यावसायिक बैठकें कीं। इन बैठकों में मंत्री श्री पुरी ने ऊर्जा क्षेत्र की वैश्विक ताकतों से संवाद करते हुए भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत करने, दीर्घकालिक साझेदारियाँ स्थापित करने तथा प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया।
श्री पुरी की पहली प्रमुख बैठक कुवैत के तेल मंत्री एवं कुवैत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष महामहिम तारिक सुलेमान अल-रूमी के साथ हुई, जहाँ दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र में जारी सहयोग को और विस्तार देने पर चर्चा की। कुवैत, भारत के लिए कच्चे तेल का छठा सबसे बड़ा स्रोत, एलपीजी का चौथा सबसे बड़ा स्रोत और समग्र हाइड्रोकार्बन व्यापार में आठवां सबसे बड़ा साझेदार है, जो इस संबंध की रणनीतिक गहराई को दर्शाता है।
इसके बाद श्री पुरी ने नाइजीरिया के पेट्रोलियम संसाधन राज्य मंत्री महामहिम सीनेटर हेनेकेन लोकपोबिरी से मुलाकात की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने कच्चे तेल व्यापार को बढ़ाने और भारत-नाइजीरिया के ऊर्जा संबंधों को दीर्घकालिक साझेदारी में बदलने के संभावित उपायों पर विचार किया।
श्री पुरी ने वैश्विक ऊर्जा कंपनी शेल के सीईओ श्री वाल सावन से भी एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें भारत की महत्वाकांक्षी अन्वेषण एवं उत्पादन योजनाओं पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि भारत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में अपतटीय और तटीय अन्वेषण के लिए तैयार है, जो विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा ब्लॉक ऑफरिंग्स में से एक है। उन्होंने भारत द्वारा प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6% से बढ़ाकर 15% तक ले जाने के प्रयासों का भी उल्लेख किया और इस दिशा में अत्याधुनिक तकनीक आधारित वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
ओपेक महासचिव महामहिम हैथम अल ग़ैस से बातचीत में श्री पुरी ने भारत और ओपेक के बीच लंबे समय से चले आ रहे विश्वास और सहयोग को मजबूत करने तथा वैश्विक तेल बाजार को संतुलित, स्थिर और पूर्वानुमानित बनाए रखने के साझा प्रयासों पर विचार साझा किया। उन्होंने खासतौर पर वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों के संदर्भ में हरित ऊर्जा परिवर्तन को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) के सीईओ मरे औचिनक्लॉस से श्री पुरी की बैठक में भारत में ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में बीपी की दीर्घकालिक सहभागिता और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा हुई। बीपी, भारत में ईएंडपी, गैस व्यापार, कंप्रेस्ड बायोगैस, खुदरा और हरित ऊर्जा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पुणे में स्थापित बीपी का वैश्विक व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र भी इस सहयोग का उदाहरण है।
विटॉल के समूह सीईओ श्री रसेल हार्डी से हुई बैठक में श्री पुरी ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की वर्तमान चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत द्वारा अन्वेषण, शोधन और गैस-आधारित ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास, वैश्विक साझेदारों के लिए भी नए अवसर खोल रहे हैं।
रूस से तेल खरीद के सवाल पर प्रेस वार्ता में श्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि भारत ने कभी कोई प्रतिबंधित तेल नहीं खरीदा है। रूस पर कोई वैश्विक प्रतिबंध नहीं थे, केवल मूल्य सीमा लागू की गई थी, जिससे वैश्विक आपूर्ति बाधित नहीं हो। उन्होंने कहा कि अगर रूस की 90 लाख बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति अचानक हटती, तो दुनिया को अपनी खपत में 10% से अधिक की कटौती करनी पड़ती और कीमतें 130–200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं। भारत की ऊर्जा नीति व्यावहारिक, जिम्मेदार और वैश्विक मूल्य स्थिरता को समर्थन देने वाली रही है।
श्री पुरी ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल घरेलू ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित किया है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा स्थिरता में भी सक्रिय योगदान दिया है। उन्होंने उदाहरण दिया कि वैश्विक LPG कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सबसे सस्ती दरों पर रसोई गैस मिलती रहे।