दूरदर्शन देहरादून से प्रसारित होगा पहला गढ़वाली बोली-भाषा टीवी सीरियल ‘भागीरथ प्रयास’
सी एम पपनैं
नई दिल्ली। दूरदर्शन देहरादून से पहली बार, 31 जनवरी से प्रत्येक रविवार रात्रि आठ बजे से, एक घंटे का, गढ़वाली बोली-भाषा मे निर्मित सीरियल, ‘भागीरथ प्रयास’ का प्रसारण किया जायेगा। उक्त प्रसारित होने जा रहे सीरियल की औपचारिक शुरुआत की घोषणा, देहरादून मे राज्य कैबिनेट व पर्यटन मंत्री, सतपाल महाराज द्वारा, 29 जनवरी को, सीरियल से जुडे सभी कलाकारों, तकनीकी सहायको व निर्माता, निर्देशिका की उपस्थिति मे की गई।
रिवर्स पलायन की पृष्ठ भूमि पर, ‘जोधा फिल्मस’ के बैनर तले निर्मित, ग्यारह एपिसोड के इस सीरियल की निर्देशिका, संवाद व पटकथा लेखिका, सुशीला रावत, निर्माता संजय जोशी व सहायक जगदीश तिवारी हैं। आंचलिक बोली-भाषा मे निर्मित इस सीरियल का फिल्मांकन, उत्तराखंड के पहाडी इलाको, भिक्यासैण, त्रिकोट, माझरी गांव, मानिला (सल्ट) तथा दिल्ली मे, मात्र पन्द्रह दिन मे पूर्ण किया गया है। सीरियल मे आंशिक रूप से कुमांऊनी व हिंदी भाषा का प्रयोग, पटकथा के मुताबिक किया गया है।
उक्त सीरियल मे, उत्तराखंड के पन्द्रह पुरुष व महिला कलाकारों मे, खुशाल सिंह बिष्ट, बृजमोहन शर्मा, राजेश मालगुडी, गौरी रावत, रमेश परदेशी, गणेश रोतेला, सुधीर धर, संजय जोशी, सुमन खंडूरी, सुशीला रावत, कुसुम चौहान, कुसुम बिष्ट, संयोगिता ध्यानी, पुष्पा जोशी व बाल कलाकार पार्थ नेगी द्वारा विभिन्न पात्रों की भूमिका का निर्वाह किया गया है।
उत्तराखंड रंगमंच व आंचलिक फिल्मों की सु-विख्यात अदाकारा, सुशीला रावत का नाम, इस सीरियल के प्रसारण के बाद, पहली महिला गढ़वाली टीवी सीरियल निर्देशिका के रूप मे दर्ज हो जाऐगा। बहुविधाओं में निपुण, सुशीला रावत, चार लघु हिंदी फिल्मों का निर्देशन व गढ़वाली वीरांगना ‘रानी कर्णावती’ नाटक की स्क्रिप्ट भी लिख चुकी हैं। उक्त नाटक का सफल मंचन दिल्ली मे, हरि सेमवाल के निर्देशन मे हो चुका है।
गढ़वाली बोली-भाषा के करीब एक दर्जन नाटकों, दो दर्जन फिल्मों, दो एल्बम के साथ-साथ दो हिंदी नाटको तथा कई हिंदी फिल्मों मे, सुशीला रावत अपनी दमदार व प्रभावशाली बहुआयामी उपस्थिति एक अदाकारा, संवाद व पटकथा लेखिका तथा निर्देशिका के रूप मे दर्ज करा, ख्याति अर्जित कर चुकी हैं।