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इन्डियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नालिस्ट का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न

सी एम पपनै
इन्डियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नालिस्ट (IFWJ) का 31वा त्रिवार्षिक प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन 9 व 10 मार्च को राजस्थान के झुंझुनू स्थित जेजेटी विश्व विद्यालय के सभागार मे फैडरेशन के अध्यक्ष के विक्रम राव की अध्यक्षता व क्षेत्र की सांसद श्रीमती संतोष अहलावत व पूर्व राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह तथा विश्वविद्यालय के चेयरमैन बालकृष्ण टिवरीवाल के सानिध्य मे सम्पन्न हुआ। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से देश के 22 राज्यो से आए पत्रकार फैडरेशनों के करीब तीन सौ प्रतिनिधियों व उपस्थित गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनन्दन किया गया।
सांसद संतोष अहलावत व पूर्व विधानसभा अध्यक्षा ने राजस्थान के झुंझुनू वीरों की धरती पर देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन से जुड़े 22 राज्यो से आए तीन सौ पत्रकारों के आगमन पर गौरवान्वित होने की बात कही। उन्होंने पत्रकारों को अवगत कराया कि देश की सेना मे सबसे ज्यादा जवानों की संख्या इसी क्षेत्र से है, साथ ही सबसे ज्यादा देश के लिए शहीद होने वाले जवानों की संख्या भी। सांसद ने अवगत कराया कि यहां कि महिलाऐ अपना काम निपुण होकर स्वयं निभाती हैं, इसीलिए झुंझनु का इलाका प्रत्येक क्षेत्र मे उन्नतिशील है। झुंझुनू के मीडिया कर्मियों की लीक से हट कर आम जन के लिए काम करने की परिपाठी को उन्होंने सराहनीय कदम बताया। कहा गया कि पत्रकारों की भूमिका देश को जागरूक करने हेतु महत्वपूर्ण है। समाज को कैसे जागरूक किया जाए, चेताया जाए यह पत्रकार अच्छी तरह जानते हैं। देश मे जो हो रहा है पत्रकारों से छिपा नही है। जनता के दुःख दर्दो से भी पत्रकार अपनी जिम्मेदारी समझ कर उन समाचारों को प्रकाशित व प्रत्यक्ष दिखा कर सरकार के नुमाइंदों तक पहुचा कर, पत्रकार के नाते अपना फर्ज निभा कर जिम्मेवार सरकार व सरकारी अधिकारियों को सचेत कर रहे हैं, यही सही अर्थों मे पत्रकारिता के मूल्य हैं।
आईएफडब्लूजे के इस सम्मेलन मे फैडरेशन के सैक्रेट्री जनरल हैडक्वाटर विपिन धूलिया, दिल्ली जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष राजीव रंजन नाग, राजस्थान आईएफडब्लूजे इकाई के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौर, विहार इकाई के सुधीर मधुकर, केरल इकाई के प्रताप चंद्र ने अपने संबोधन मे आईएफडब्लूजे के इस त्रिवार्षिक सम्मेलन मे होने जा रहे चुनाव, फैडरेशन की संघर्षशील गतिविधियों, पत्रकारिता मे आ रहे बिखराव, इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के बदलते विषय व एजेण्डे व वर्तमान में पत्रकारो के आगे खड़ी चुनोतियों व कार्यो मे आ रही दिक्कतों तथा नजदीक खड़े देश के लोकसभा चुनाव मे पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर सारगर्भित विचार रखे व पत्रकारो की क्या भूमिका होगी तथ्यो हेतु राजस्थान झुंझनु के सम्मेलन को महत्वपूर्ण बताया गया। फैडरेशन के कुछ राज्य इकाइयों के पदाधिकारियो ने अवगत कराया कि केंद्र व राज्य सरकारे पत्रकारों की समस्याओं पर ध्यान नही दे रही हैं, उन्हे उनकी राह पर छोड़ दिया गया है। ग्रामीण व शहरी पत्रकारों के प्रोफैशन पर हमले बढ़ रहे हैं, उनके अधिकार सीमित कर दिए गए हैं। इन्डियन मीडिया के अधिकार दर किनार कर दिए गए हैं। छोटे व मझोले अखबारी संस्थानो सहित अनेकों अन्य बड़े अखबारी संस्थान सरकारी भेदभाव पूर्ण नीतियों से बंद हो गए हैं। भेदभाव व द्वैषतापूर्ण तऱीको को अपना कर पत्रकारिता समूहों पर छापे पड़ रहे हैं, दुर्व्यवहार किया जा रहा है, जो निंदनीय है। प्रिंटमीडिया दवाब मे है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया चैनल बेकार की बहसो मे उलझा हुआ है। पैड न्यूज के बाद खबरो की दशा -दिशा व समस्याए बढ़ी
हैं। सोशल मीडिया के दुसप्रभाव से आम जन उलझे व असमंजस मे हैं। जो खबरे परोसी जा रही हैं वे समाज की भावनाओं का हरण करने के लिए, जिससे लोगो मे खबरो के प्रति गम्भीरता की सोच बंद हो गई है। मीडिया संस्थानों से भारी तादात मे पत्रकारों व अन्य मीडिया कर्मियों को निकाला जा रहा है, मीडिया कर्मियों को इकठ्ठा नही होने दिया जा रहा है, जिससे पत्रकार संगठन व यूनियने कमजोर हुई हैं। प्रैस क्लब व पीआईबी मे सरकार का नजरिया भेदभावपूर्ण रहा है। वेजबोर्ड की सिफारिस लागू नही हो रही है, जो नवम्बर 2011 से लंबित है। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्षा सुमित्रा सिंह के हाथों सम्पादक-शिरोमणी, स्वाधीनता सेनानी एवं सांसद रहे कोटमराजू रामा राव ‘मिसाल अदम्य पत्रकार की’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया। पुस्तक की प्रति सभी पत्रकारों को भेट की गई। सम्मेलन संयोजक उपेंद्र राठौर ने प्रकाशित पुस्तक के पत्रकारिता से जुड़े महत्वपूर्ण अंशो को पढ़ कर सुनाया।आईएफडब्लूजे सम्मेलन के दूसरे दिन ‘फेक न्यूज व पेड न्यूज’ विषय पर वक्ताओं प्रताप चंद्र (केरल), चंद्रमोहन पपनैं (दिल्ली), डॉ विजय शर्मा ( हैड जेजेटी विश्व विद्यालय झुंझुनू), मोहन कुमार (पटना), विपिन धूलिया (दिल्ली) संजय श्रीवास्तव (उत्तराखंड)व पी आनंदम (तेलंगाना) ने साफगोई से आगामी केंद्र के लोकसभा चुनाओ के मध्यएनजर सारगर्भित विचार व्यक्त किए। उपस्थित पत्रकारों, विश्व विद्यालय पत्रकारिता छात्रों व अन्य उपस्थित प्रबुद्ध जनों ने विद्वान पत्रकारिता से जुड़े वक्ताओं के चुनाव से जुड़े सियासी दलों के हथकंडो, वोटरों को प्रभावित करने वाले उनके गलत तौर तरीको व बयान बाजी पर जागरूकता पूर्ण सारगर्भित विचार रखे। वक्ताओं ने ग्रामीण पत्रकारों का अखबार मालिकों द्वारा किए जा रहे शोषण पर गहरी चिंता व्यक्त की। बताया कि ग्रामीण पत्रकारों से ही अखबार के विज्ञापन इकठ्ठा करवाए जाते हैं, उसी आधार पर विज्ञापन दाताओं की फेक न्यूज प्रकाशित करवाई जाती है, पेड न्यूज को प्रमुखता दी जाती है। शहरी व महानगरीय पत्रकार भी इससे अछूते नही रहे हैं। देश को मिली आजादी के बाद की पीढ़ी के अखबारी मालिको, पत्रकारो व संपादको की कार्यशैली व उनके द्वारा देश, समाज व जन हित में की गई स्वच्छ पत्रकारिता का बखान भी वक्ताओं द्वारा किया गया। उनकी तुलना आज के चंद धंधेबाज अखबार मालिकों, पत्रकारों व संपादको की कार्यशैली से किया गया, जिनके द्वारा पत्रकारिता को धंधे के रूप मे तब्दील कर इस स्वस्थ परंपरा के पेशे व जनून को कलंकित किया जा रहा है। फेक न्यूज व पेड न्यूज फल-फूल रही है। जिसके बल सियासत मे गलत लोग चुन कर आ रहे हैं, सत्तासीन हो रहे हैं। लोकतंत्र की जड़े कमजोर व खोखली हो रही हैं। देश की अर्थ व्यवस्था दिन पर दिन हास के कगार पर जा रही है। सियासत सुख भोगने का माध्यम बन गया है। जनता त्रस्त है। वक्ताओं ने कहा, मीडिया का जो स्वरूप होना चाहिए था वह बिगड़ रहा है, सुधार की गुंजाइश धूमिल पड़ गई है। अखबार व टीवी चैनल जो परोस रहे हैं, गलत है, स्वार्थपरक है। कौन सा चैनल देखै या कोन सा अखबार पढ़े, प्रश्न खड़ा हो गया है। इस पर सुधार के लिए देश व समाज हित मे पत्रकारों को निःस्वार्थ भाव से आगे आना होगा। व्यक्त किया गया, पत्रकारों की बिरादरी मे अच्छे व बुरे दोनो तरह के लोगो का बाहुल्य है। ये लोग कहते कुछ हैं, लिखते कुछ हैं। जिससे पत्रकारिता व पत्रकारों का स्तर व महत्व घटता जा रहा है। छोटे अखबार व पत्र-पत्रिकाए बंद होने के कगार पर हैं। पत्रकार मालिको के दबाव से हट कर देश, समाज व जन हित मे बड़े व छोटे बैनर के पत्रकार एक साथ मिलजुल कर स्वछ पत्रकारिता के आयामो की नींव को बहाल कर पाठको मे विश्वास जगा, लोकतंत्र की मजबूती को बल प्रदान करे। वक्ताओं ने कहा फेक न्यूज व पेड न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून लाया जाए। फैडरेशन अध्यक्ष के विक्रम राव ने व्यक्त किया कि चुनाव आयोग की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी। पत्रकारों के आगे चुनोती खड़ी हो जाएगी। उन्होंने चिता जताई, जनमत व जनादेश विक्रत न हो। जवाब पत्रकारों को देना होगा। लोकतंत्र को सही दिशा देने होगी। भारत के पत्रकार जहां गलत होगा अधिकारियो को अवगत करायेंगे। रपट पर जागरूक रहे, गलत का तटस्थ होकर विरोध करे। राष्ट्रवाद का दुरूपयोग न हो, सच्चाई सामने आए। आपातकाल मे पत्रकारों ने प्रैस सेंसरशिप का विरोध किया था, जेल गए थे। पत्रकार जागरूक बन, जिम्मेवारी निभा, फैंक न्यूज व पेड न्यूज का विरोध करे। बेमानी से कोई भी सरकार न बने। सम्मेलन के अंतिम चरण मे आईएफडब्लूजे के मुख्य चुनाव अधिकारी वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन नाग ने फैडरेशन के संविधान के अनुरूप फैडरेशन के त्रिवार्षिक चुनाव 2019-2022 में जिन प्रत्यासियो के नामांकन सही पाए गए उन्हे निर्विरोध विभिन्न पदों पर चुना घोषित किया। चुने गए पदाधिकारियो मे चार उपाध्यक्ष गोपाल मिश्रा (दिल्ली), मोहन कुमार (बिहार), वी प्रताप चन्द्रन (केरल) व उपेंद्र सिंह राठौड़ (राजस्थान)। सचिव पांच पदो पर पी आनंदम (तेलंगाना), शांता कुमारी (कर्नाटक), नमिता वोरा (असम), सन्तोष चतुर्वेदी (उत्तर प्रदेश) व मुकेश सिंह (महाराष्ट्र)। कोषाध्यक्ष आर पी यादव (दिल्ली)। वर्किंग कमैटी सदस्यों मे विपिन धूलिया (दिल्ली), हरिओम पांडे (मध्य प्रदेश), मोहम्मद सलीम (केरल) व साधना शर्मा (उत्तराखंड) मुख्य रहे। सर्वसम्मति से दिल्ली के वर्किंग कमेटी सदस्य वरिष्ठ पत्रकार विपिन दलिया को फैडरेशन का सैक्रेट्री जनरल चुना गया, जिसकी घोषणा फैडरेशन अध्यक्ष के विक्रम राव ने की। चुने गए सभी पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों को सभागार मे उपस्थित 22 राज्यो से आए प्रतिनिधि पत्रकारों ने तालियों की गड़गड़ाहट कर बधाई दी। आई एफ डब्लू जे के इस चुनाव के साथ ही राजस्थान के झुंझुनू मे आयोजित 31वे त्रिवार्षिक सम्मेलन के समापन की घोषणा फैडरेशन के अध्यक्ष के विक्रम राव ने की।

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