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“खेत में पसीना, नेतृत्व में प्रतिबद्धता: सीएम धामी ने खटीमा में धान रोपाई कर कृषकों को दिया सम्मान”

किसान हमारे समाज और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं Pushkar Singh Dhami

Amar sandesh दिल्ली/खटीमा । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खटीमा के नगरा तराई स्थित अपने पैतृक खेत में स्वयं धान की रोपाई कर न केवल अन्नदाताओं के परिश्रम को सलाम किया, बल्कि प्रदेश की कृषि संस्कृति से अपनी गहरी आत्मीयता भी दर्शाई। अपने हाथों में धान के नन्हें पौधे लेकर की गई यह पहल आम जनता के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बनी।

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा, “किसान हमारे समाज और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। खेत में उतरना मेरे लिए केवल स्मृतियों को जीना नहीं था, यह हमारे सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को पुनः आत्मसात करने का अवसर था।”

अपने खेत में कार्य करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की लोक सांस्कृतिक परंपरा “हुड़किया बौल” का गायन करते हुए भूमि देवता भूमियां, जल देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की वंदना की। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि एक गहन संदेश भी था — कि आधुनिक नेतृत्व को अपनी जड़ों से कटना नहीं चाहिए, बल्कि वहीं से ऊर्जा ग्रहण करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री का यह कार्य प्रदेश के हर किसान को सम्मान देने का संदेश देता है। यह एक उदाहरण है कि जनप्रतिनिधियों को नीतिगत चर्चाओं से आगे बढ़कर धरातल पर भी सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। उनके इस प्रयास ने यह स्पष्ट किया कि केवल नीति बनाना पर्याप्त नहीं, अपितु जीवन की मिट्टी को स्पर्श करना और किसानों के श्रम में सहभागी बनना ही सच्ची जनसेवा है।

मुख्यमंत्री धामी की यह प्रेरणादायक पहल उत्तराखंड की ग्रामीण जीवनशैली, कृषकों के योगदान और लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर है।

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