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संत निरंकारी मिशन द्वारा लगाया गया रक्तदान शिविर

पूर्वी दिल्ली। संत निरंकारी मिशन द्वारा त्रिलोकपुरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले संत निरंकारी सत्संग भवन 25 ब्लॉक त्रिलोक पुरी दिल्ली में आज एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया,

जिसमें रेडक्रॉस द्वारा आई हुई डॉक्टरों की टीम ने अपना विशेष योगदान दिया और इस रक्तदान शिविर की विशेषता यह भी रही कि यह रक्तदान शिविर रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित एक विशेष वाहन में चलाया गया जो चिकित्सकीय गुणवत्ताओं से पूर्णतः लैस था

जहां आज सारा संसार करोना महामारी से जूझ रहा है वहीं संत निरंकारी मिशन के सेवादार मानवता के कल्याण के लिए प्रशासन की तरफ से दिए गए कोविड19 के दिशनिर्देशों का पालन करते हुए अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं। अमर संदेश को यह जानकारी डॉ ब्रह्म प्रकाश
मीडिया सहायक संत निरंकारी द्धारा दी गयी।

संत निरंकारी मिशन के अनुयायियों के अनुसार बेशक आज इंसान की दिनचर्या लाकडाउन के चलते प्रभावित हुई है, लेकिन सेहत सेवाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए रक्तदाताओं की जरूरत ब्लड बैंको को बनी रहती है, आज के हालात को देखें तो अनेकों रोगी थैलासीमिया से पीड़ित हैं, अनेकों गर्भवती महिलाओं को प्रजनन के समय रक्त की जरूरत पड़ती है और कई रोगों का उपचार भी रक्त के बिना संभव नहीं है इन सभी जरूरतों को मुख्य रूप से ध्यान में रखते हुए संत निरंकारी मिशन ने इस मुश्किल दौर में मानवता के भले की हेतु आज रक्तदान शिवर का आयोजन किया गया।

इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन श्री डीएन चोपड़ा क्षेत्रीय संचालक संत निरंकारी मंडल द्वारा कराया गया!
श्री डीएन चोपड़ा जी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मानवता की सेवा ही असली धर्म है, सतगुरु माता सूदीक्षा जी महाराज का यही संदेश है कि हमें रक्तदान के माध्यम से पूरे विश्व के साथ अपना रिश्ता स्थापित करना हैं जिससे संसार में खड़ी हुई नफरत, वैर , ईर्ष्या, जात- पात और रंग नस्ल आदि के भेदभाव की दीवारें अपने आप ही गिर जाएगी और इंसान इंसान के करीब आयेगा।
इस रक्तदान शिविर के आयोजनकर्ता त्रिलोक पुरी के संयोजक श्री प्यारे लाल जी ने बताया कि यह रक्तदान शिविर “रक्त नाडियों में बहे नालियों में नहीं” के उद्देश्य को ध्यान मे रख कर लगाया गया है
उर्न्होंने बताया कि 1980 में जब निरंकारी बाबा गुरबचन सिंह जी को शहादत मिली तो सब लोगों ने बदले की भावना को जाहिर किया उस समय बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा था कि बदला तो हमें लेना है लेकिन बदलाव लाकर हमे रक्त तो बहाना है “लेकिन नालियों में नहीं, इंसान की नाडियों में” तभी से गुरु का आदेश मानकर सभी अनुयाई मिलजुल कर देश ही नही विदेशों में भी रक्तदान शिविरों का आयोजन करते आ रहे हैं
इसी श्रंखला में इस रक्तदान शिविर का प्रभार संभाल रही डॉ उर्मिला जिंदल ने बताया कि आज का समय हम देख ही रहे हैं कि पिछले डेढ़ साल से जो कोविड-19 की समस्या भारत वर्ष में बनी हुई है और जहां किसी की जिंदगी को बचाने के लिए इस रक्त की जरूरत पड़ती है चाहे वह रक्त के रूप में हो या प्लाज्मा के रूप में तो यह रक्त कहीं फैक्ट्री में उपलब्ध नहीं होता इसके लिए किसी इंसान को ही आगे आना पड़ता है ताकि वह दूसरे इंसान की जिंदगी को बचा सके
उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज यही संदेश युवाओं को दे रहे हैं कि हमें दूसरों की मदद करनी है हमें इंसानियत की कद्र करनी है और इस कद्र में अगर हम किसी इंसान को जीवन दान दे सकते हैं तो हमें अपना पूरा पूरा योगदान देना चाहिए

इस रक्तदान शिविर में आसपास के क्षेत्र से आए 75 लोगों ने पंजीकरण कराया जिनमें से 50 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया साथ ही यहां निरंकारी सेवादल यूनिट 403 के संचालक श्री अशोक डावरा , शिक्षक श्री दीवान सिंह जी सहायक शिक्षक श्री राजू एवं महिला सेवा दल की अधिकारी श्रीमती सुमन टंडन जी श्रीमती पुनीता जी सेवादल के अन्य भाई बहनों सहित अपनी सेवाओं को निभाया इस दान शिविर में मुखी विनोद जी, कमल चंद जी, प्रीतपाल जी, राजकुमार जी सहित अनेकों महानुभावों ने पहुंचकर शिरकत की
रक्तदान शिविर के अंत में श्री प्यारे लाल ने सभी रक्त दाताओं और आए हुए महानुभावों सहित डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।

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