उत्तराखंड बीजेपी के कद्दावर नेता भगत सिंह कोश्यारी बने महाराष्ट्र के राज्यपाल
सी एम पपनैं
वरिष्ठ पत्रकार

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने 31 अगस्त को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री रहे 77 वर्षीय भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया है। वे सी विघासागर राव का स्थान लेंगे, जिनका 5 वर्षो का कार्यकाल 30 अगस्त 2019 को समाप्त हो गया है। उत्तराखंड की राजनीति के साथ-साथ देश की राष्ट्रीय राजनीति के अहम चेहरे भगत सिंह कोश्यारी जिन्हे लोग ‘भगत दा’ नाम से भी संबोधित करते रहे, उत्तराखंड बागेश्वर जिले के गांव नामती चेताबगड़ मे जन्मे हैं। स्कूली जीवन से ही संघ की विचार धारा से जुड़ गये थे।
1961-62 मे ‘भगत दा’ अल्मोड़ा कॉलेज छात्रसंघ के महासचिव चुने गए। आपातकाल का विरोध करने पर 3 जुलाई 1975 से 23 मार्च 1977 तक जेल की सलाखों मे रहे। 1979 से 1985 तथा 1988 से 1991 तक कुमाऊं विश्वविद्यालय इग्ज्यूक्यूटिव काउंसिल के प्रतिनिधि रहे। पार्टी के प्रति संवेदनशीलता, लोकप्रिय व्यक्तित्व व सादगी भरा जीवन यापन करने वाले ‘भगत दा’ 1997 मे उत्तरप्रदेश विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए।
सन 2000 मे उत्तराखंड की अंतरिम सरकार के गठन पर भाजपा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ नए नवेले राज्य उत्तरांचल के कैबिनेट मंत्री पद पर नवाजे गए। मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी के एक वर्ष के कार्यकाल के बाद पार्टी ने ‘भगत दा’ की कुशाग्रबुद्धि व नेतृत्व क्षमता पर विश्वास जता राज्य का दूसरा मुख्यमंत्री नियुक्त किया। कार्यकाल मात्र 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 नए विधान सभा चुनाव तक रहा।
सन 2002 विधानसभा का चुनाव ‘भगत दा’ कपकोट से जीते। प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर 2002 से 2007 तक काबिज रहे। 2007 का दूसरा विधानसभा चुनाव पुनः कपकोट से जीता। विलक्षण नेतृत्व व संगठन क्षमता को देख पार्टी नेतृत्व ने 2007 मे दूसरी बार ‘भगत दा’ को भाजपा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जिस पर 2009 तक काबिज रहे। 2008 मे राज्यसभा सांसद चुन लिए जाने के बाद राष्ट्रीय राजनीति मे कदम रखा। सन 2014 मे 16वी लोकसभा का चुनाव नैनीताल, उधमसिंह नगर से जीत कर लोकसभा मे पहुचे। 17वी लोकसभा का चुनाव आपने लड़ने से मना कर दिया था।

राष्ट्र के प्रति आपकी संवेदनशील सोच, कार्यो के प्रति प्रतिबद्धता, अनुशासन व स्वच्छ छवि को देखकर पार्टी नेतृत्व ने भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व सौपने का निर्णय लिया। रविवार 1 सितम्बर को पार्टी सदस्यता से इस्तीफा देने देहरादून पहुचे भगत सिंह कोश्यारी ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट को अपना इस्तीफा सौपा। पक्ष व विपक्षी नेताओं ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सम्मान मे आतिशबाजी की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश, उत्तराखंड के सभी लोकसभा सांसदों, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, अनेकों उत्तराखंड विधायको इत्यादि ने भगत सिंह कोश्यारी को मुबारकवाद दी।
उक्त नेताओं ने कहा, भगद दा ने सदैव संवैधानिक मूल्यों की राजनीति की है। देश की एकता, अखंडता की रक्षा के लिए संविधान के दायरे मे रह कर वे राज्यपाल के पद की गरिमा को बनाए रख कार्य करेंगे, उम्मीद करते हैं।
कोश्यारी ने पत्रकारो के बीच अपने संबोधन मे कहा, “उनके जैसे छोटे कार्यकर्ता को महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश का राज्यपाल बनाकर प्रधान मंत्री मोदी और बीजेपी पार्टी नेतृत्व ने उनका ही नही, बल्कि पूरे उत्तराखंड का सम्मान किया है। महाराष्ट्र और उत्तराखंड के संबंधों को मजबूत करने का मै कार्य करूंगा”। उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशियल मीडिया पोस्ट कर अपने सन्देश मे भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल बनने पर बधाई दी। लिखा, ‘कोश्यारी जी को राज्यपाल बनाया जाना उनकी तपस्या,योगदान व योग्यता का सम्मान है’।
भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड मूल के पांचवे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हे राज्यपाल पद पर आसीन किया गया है। इससे पूर्व भैरव दत्त पांडे, एम एम लखेड़ा, देवेन्द्र जोशी (सभी नोकरशाह) व नारायण दत्त तिवारी (राजनीतिज्ञ) इस पद का निर्वाह कर चुके हैं। स्वच्छ-साफ व वेदाग छवि के राजनीतिज्ञ ‘भगद दा’ की भाषण शैली नायाब ठेठ पहाड़ी अंदाज मे व्यंग व हंसी मजाक से ओत-प्रोत व जन को गुदगुदाने वाली रही। जिसे सुन जनता जनार्दन को आनंद की अनुभूति के साथ-साथ व्यक्त शब्दो की गहराई को जानने, समझने व सोचने को मजबूर होना पड़ा।
शिक्षा पूर्ण कर कुछ समय ‘भगत दा’ ने राजा इंटर कालेज रामपुर मे अध्यापन कार्य किया। पिथौरागढ़ से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र ‘पर्वत पीयूष’ के प्रबंध संपादक का दायित्व भी निभाया। उत्तरांचल राज्य निर्माण के दौरान ‘भगत दा’ ने बड़ी सिद्धत से दो पुस्तको उत्तरांचल प्रदेश क्यों? तथा उत्तरांचल संघर्ष एवं समाधान का लेखन कार्य भी किया।
भाजपा पार्टी संगठन के वरिष्ठ अहम चेहरे ‘भगत दा’ राज्यपाल नियुक्त होने से पूर्व केंद व राज्य सरकार की अहम योजनाओं के प्रचार-प्रसार व उपलब्धियों को पार्टी, सरकार व जन हित मे सोशल मीडिया मे ट्यूट व पोस्ट करने मे रमे हुए थे, जिससे देश का प्रबुद्ध आम नागरिक सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ उठा सके।