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चाहे सड़क हो, रेलवे हो, आवास हो या तेल और गैस- हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण अभूतपूर्व गति से हो रहा है–प्रधान

दिल्ली।केन्द्रीय इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज भारतीय इस्पात संघ द्वारा “निर्माण और बुनियादी ढांचे में इस्पात के लिए नए अवसर” विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया।
श्री प्रधान ने इस अवसर पर इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों से उद्योग को निर्यात-उन्मुख बनाने और वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ एक मजबूत घरेलू बाजार बनाने और घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के बाद वैश्विक बाजारों तक पहुंचने से सम्बंधित हैं। कोविड-19के दौरान पीपीई किट विनिर्माण एक उदाहरण है, जिसमें भारत पहले शुद्ध आयातक था और अब देश, पूरी दुनिया में पीपीई किट का निर्यात कर रहा है। वैक्सीन उत्पादन में हमारी अंतर्निहित क्षमता इस तरह का एक और उदाहरण है। हमारा इस्पात क्षेत्र अधिक जीवंत, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और निर्यात केंद्रित होने की ओर अग्रसर है।”

बुनियादी ढांचे के निर्माण के बारे में श्री प्रधान ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री ने भारत को5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस यात्रा में बुनियादी ढांचे के विकास की अहम भूमिका होगी। हमारी सरकार 21 वीं सदी के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चाहे सड़क हो, रेलवे हो, आवास हो या तेल और गैस- हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण अभूतपूर्व गति से हो रहा है। 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर पैकेज बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर विशेष जोर देता है। इन सभी से इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।”
मंत्री श्री प्रधान ने यह भी कहा कि इस्पात लोगों की बेहतरी के लिए एक उत्प्रेरक हो सकता है और इसे पसंदीदा सामग्री बनाने से समाज अधिक मज़बूत होगा।
इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश में प्रति व्यक्ति इस्पात उपयोग, वैश्विक औसत का लगभग एक-तिहाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस अंतर को पाटने और देश में इस्पात के उपयोग को अगले स्तर तक ले जाने की तत्काल आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात के उपयोग को बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ” हमारी सरकार ने मिश्रित विशिष्ट इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत6322 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। मुझे उम्मीद है कि भारतीय इस्पात संघ अधिक मूल्य संवर्धन पर काम करेगा और इस्पात क्षेत्र में अधिक से अधिक आत्मनिर्भरता लाने के लिए मिश्रित विशिष्ट इस्पात पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
वेबिनार में इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, बड़े उपयोगकर्ताओं और नियामकों ने भी भाग लिया। यह भारतीय इस्पात संघ द्वारा आयोजित दूसरा वेबिनार है।

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