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अद्भुत उत्साह और प्रेरणा के साथ मनाया गया अंतरराष्ट्रीय उत्कर्ष योग मिशन का वार्षिक दिवस समारोह

अद्भुत उत्साह और प्रेरणा के साथ मनाया गया अंतरराष्ट्रीय उत्कर्ष योग मिशन का वार्षिक दिवस समारोह

*“योग से जीवन में अनुशासन, स्वास्थ्य और संस्कार का समन्वय आवश्यक” – डॉ. सत्येन्द्र सिंह*

Amar sandesh नई दिल्ली। उत्कर्ष योग मिशन के संस्थापक, देश के प्रसिद्ध योग गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. सत्येन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में उत्कर्ष योग मिशन का वार्षिक दिवस समारोह अत्यंत भव्यता, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन उत्कर्ष योग मिशन के उद्गम स्थल उत्कर्ष पार्क, सेक्टर-8, आर.के.पुरम (नई दिल्ली) की अगुवाई में रेवाड़ी (हरियाणा) और उदालगुरी (असम) केंद्रों पर प्रभात फेरी निकालते हुए मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक यज्ञ-हवन से हुई, जिसमें साधक-साधिकाओं और गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस समारोह में मुख्यालय देहरादून सहित फरीदाबाद, अमेठी, रेवाड़ी और अन्य केंद्रों से बड़ी संख्या में साधक-साधिकाएं उपस्थित रहीं। वातावरण में भक्ति, अनुशासन और राष्ट्रीय चेतना का अद्भुत संगम देखने को मिला। तिकोना पार्क, आर.के.पुरम में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए डॉ. सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि उत्कर्ष योग मिशन स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कार और व्यवहार के चार स्तंभों पर निरंतर कार्य कर रहा है और वर्तमान में यह मिशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से लाखों लोगों को योग से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि योग के महत्व को समझने के लिए हमें महर्षि पतंजलि के राजयोग, महात्मा बुद्ध के ‘अत्त दीपो भव’, महावीर जैन के ‘क्षमा वीरस्य भूषणम्’, गुरु नानक देव जी के ‘एक नूर ते सब जग उपजा’ और गुरु गोविंद सिंह जी के ‘रे मन ऐसा करो सन्यासा, अल्पाहार सुलभ सी निंद्रा’ जैसे संदेशों को आत्मसात करना चाहिए।

डॉ. सिंह ने युवाओं से आह्वान किया कि वे वीर शहीदों के बलिदानों को स्मरण करते हुए ‘अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज़’ के सिद्धांत को अपनाएं और महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग मार्ग को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि यदि युवा इन महान सूत्रों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो वे आज के समय में उत्पन्न होने वाले अवसाद, पीड़ा और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं से मुक्त होकर सच्ची आज़ादी प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि उत्कर्ष योग मिशन का नारा “हर घर हो स्वस्थ, शिक्षित, संगठित व संस्कारवान हमारा” केवल एक विचार नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक अभियान है जो देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्कर्ष योग मिशन सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन, सीसीआरटी, विभिन्न विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कार से जुड़े योग कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है, जिससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और अनुशासन की भावना विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे योग के प्रायोगिक और वैज्ञानिक पक्ष को आत्मसात करें और शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहते हुए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करें।

ज्ञात हो कि डॉ. सत्येन्द्र सिंह के निर्देशन में प्रत्येक दिन सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक निःशुल्क ऑनलाइन और ऑफलाइन योग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें देश-विदेश से सैकड़ों लोग नियमित रूप से जुड़कर लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें सांसदों से लेकर छात्र-छात्राओं तक सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी रहती है। विशेष रूप से छोटे विद्यार्थियों में योग के प्रति बढ़ता उत्साह प्रेरणादायक है।

उत्कर्ष योग मिशन द्वारा देहरादून स्थित भवन शांति कॉलोनी बनियावाला तथा तिकोना पार्क आर.के.पुरम सहित विभिन्न केंद्रों पर भी पिछले वर्षों की तरह भव्य आयोजन किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। समारोह का समापन यज्ञ, भजन-संकीर्तन और राष्ट्रगीत के साथ हुआ। सभी साधकों ने संकल्प लिया कि वे योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएंगे और राष्ट्र के स्वास्थ्य, चरित्र तथा संस्कार निर्माण में अपना योगदान देंगे।

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