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सरकार  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के बारे में काम कर रही है :गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री  नितिन गडकरी ने यहां 39वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन किया। उनके साथ वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी थे। व्यापार मेले के इस संस्करण की थीम ‘कारोबार को आसान बनाना’ है। यह थीम विश्व बैंक की कारोबार आसान बनाने के सूचकांक में विशिष्ट उपलब्धि से प्रेरित है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भारत कारोबार आसान बनाने की रैंकिंग में 142वें पायदान पर था जो अब 63वें पायदान पर आ गया है। उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि देश ने एमएसएमई के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के कुल निर्यात में एमएसएमई का योगदान 29 प्रतिशत है। इस क्षेत्र ने अभी हाल ही में एक करोड़ से अधिक रोजगारों का सृजन किया है। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को भारत की प्रगति का विकास इंजन बताया।

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श्री गडकरी ने उद्यमियों का आह्वान किया कि वे डिजाइन में सुधार करने, लागत घटाने और व्यापार से लाभ कमाने के नए विचारों के साथ आगे आएं। उन्होंने कहा कि अनेक राज्य खनिजों और कच्ची सामग्रियों के मामले में समृद्ध है। इन्हें व्यापार और औद्योगिक अवसर में परिवर्तित करने की जरूरत है। उन्होंने दर्शकों को बताया कि सरकार  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य गुणवत्ता युक्त उत्पादन के लिए नए प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के बारे में काम कर रही है।

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वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री  सोम प्रकाश ने अपने संबोधन में 39वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले  की थीम ‘कारोबार को आसान बनाना’ के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। व्यापार मेले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन ‘ब्रांड इंडिया’ को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में मदद करते हैं। उन्होंने आईआईटीएफ  2019 में एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के विचार की भी प्रशंसा की। आईआईटीएफ बड़े निगमों, एमएसएमई, गैर-सरकारी एजेंसियों, दस्तकारों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) आदि को अपने उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में संभावित ग्राहकों के सामने प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। यह मेला विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभागों और एजेंसियों के लिए सतत सुधारों, नई योजनाओं और पहलों के बारे में सूचना के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण मंच है। यह मेला देश के विकास उद्देश्यों के साथ इन गतिविधियों में शामिल सरकारी एजेंसियों, , निजी क्षेत्र के उद्यमों और गैर-सरकारी संस्थानों के एक समावेशी केंद्र के रूप में भी कार्य करता है। ऑस्ट्रेलिया, ईरान, ब्रिटेन, वियतनाम, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, चीन, मिस्र, हांगकांग और इंडोनेशिया सहित अन्य कई देश इस 14 दिवसीय व्यापार मेले में भाग ले रहे हैं। इस साल अफगानिस्तान को भागीदार देश का दर्जा दिया गया है।  जबकि बिहार और झारखंड ध्यान केंद्रित राज्य हैं। आईआईटीएफ का इतिहास सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और औद्योगीकरण के लिए भारत के संघर्ष और सर्वाधिक तेजी से उभरती तथा प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरने से जुड़ा है। यह मेला भारत के लोगों के उद्यमशील कौशल और सरलता के प्रदर्शन के लिए एक अनूठा मंच रहा है।

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