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स्विगी और श्रम मंत्रालय की ऐतिहासिक साझेदारी: गिग क्षेत्र में लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार

 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और देश के अग्रणी ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

यह समझौता राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल के माध्यम से गिग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में रोजगार अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। डॉ. मांडविया ने कहा कि यह साझेदारी न केवल नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के बीच की दूरी को कम करेगी, बल्कि लाखों युवाओं को स्थान-आधारित और समय-उपयुक्त कार्य अवसर भी उपलब्ध कराएगी।

एनसीएस पोर्टल की भूमिका

डॉ. मांडविया ने बताया कि एनसीएस पोर्टल पहले ही 1.25 करोड़ नौकरी चाहने वालों और 40 लाख नियोक्ताओं को जोड़ चुका है। स्विगी के साथ यह साझेदारी इस प्लेटफॉर्म की पहुंच को और विस्तारित करेगी। साथ ही, अगले 2-3 वर्षों में 12 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न करने का लक्ष्य भी रखा गया है।

स्विगी के रोजगार अवसर अब एनसीएस पर

समझौता ज्ञापन के तहत स्विगी अब एनसीएस पोर्टल पर नियमित रूप से डिलीवरी, लॉजिस्टिक्स और सहायक भूमिकाओं से जुड़ी नौकरियां पोस्ट करेगा। एपीआई आधारित एकीकरण की सहायता से यह पोर्टल वास्तविक समय में रोजगार के अवसरों को दिखाएगा, जिससे शहरी और अर्ध-शहरी युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

समावेशी विकास की दिशा में कदम

स्विगी के कॉर्पोरेट मामलों के प्रमुख श्री दिनकर वशिष्ठ ने कहा कि यह साझेदारी डिजिटल उद्यमिता और समावेशी विकास के हमारे दृष्टिकोण को और सशक्त बनाएगी। इससे खासकर महिलाओं, युवाओं और काम की तलाश कर रहे श्रमिकों को सशक्त किया जा सकेगा।

मुख्य विशेषताएँ:

  • सत्यापित नौकरियों की पोस्टिंग और ट्रैकिंग की सुविधा

  • डिजिटल सशक्तिकरण के साथ कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया

  • श्रमिक कल्याण योजनाओं की जानकारी और भागीदारी में वृद्धि

सरकार की प्रतिबद्धता

श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह एनसीएस पोर्टल के माध्यम से रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के साथ समन्वय करता रहेगा, जिससे भारत के विविध कार्यबल के लिए एक सक्षम और समावेशी रोजगार पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित किया जा सके।यह समझौता ज्ञापन केवल एक रोजगार साझेदारी नहीं, बल्कि एक नवाचार और सहयोग की मिसाल है, जिससे डिजिटल भारत की परिकल्पना और आत्मनिर्भर युवाओं का सपना एक कदम और करीब आएगा।

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