“विज़न ऑफ इंडिया” कार्यक्रम में अभिनेता अभिनव चौहान को मिला सम्मान
Amar sandesh,नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित पंचसितारा होटल में आयोजित भव्य समारोह “विज़न ऑफ इंडिया” के अंतर्गत “विकसित भारत 2047” कार्यक्रम में उत्तराखंड के उभरते हुए अभिनेता अभिनव चौहान को उनकी जौनसारी फिल्म “मैरै गाँव की बाट” में बेहतरीन अभिनय के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा, “अभिनव चौहान ने फिल्म ‘मैरै गाँव की बाट’ में अत्यंत सराहनीय अभिनय किया है। उनके माध्यम से जौनसार-बावर की अद्भुत लोक संस्कृति को देशभर में एक नई पहचान मिली है। यह फिल्म उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाला एक प्रभावशाली माध्यम बनी है।”
उल्लेखनीय है कि ‘मैरै गाँव की बाट’, जौनसारी बोली में बनी पहली फिल्म है, जिसमें अभिनव चौहान ने मुख्य भूमिका निभाई। इससे पहले वे सुपरहिट गढ़वाली फिल्म “असगार” में भी अपनी दमदार अदायगी से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं। इन दोनों फिल्मों की सफलता ने अभिनव को बॉलीवुड के दरवाज़े तक पहुंचा दिया है और अब उन्हें बड़े प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव मिलने लगे हैं।
देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट जूडस से शिक्षा की शुरुआत करने वाले अभिनव ने आगे की पढ़ाई ऐन मेरी स्कूल से की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन ऑनर्स किया। यहीं उनके अभिनय करियर की नींव पड़ी, जब उन्होंने एक सामाजिक मुद्दे पर शॉर्ट फिल्म बनाकर अभिनय और निर्देशन दोनों में खुद को साबित किया और विश्वविद्यालय में प्रथम पुरस्कार भी जीता।
इसके बाद MTV के रियलिटी शो “Mr. & Miss 7 States”, Jiocinema की Fun se Fantasy, Voot की Doon Kaand, MX Player की Peshawar और Doordarshan की Eklavya जैसी चर्चित वेब सीरीज़ में काम करके अभिनव ने अपनी अभिनय प्रतिभा को निखारा।
दिल्ली में कुछ वर्ष बिताने के बाद अभिनव ने मायानगरी मुंबई का रुख किया। वहाँ उन्होंने The Actors Truth Acting School के संस्थापक सौरभ सचदेवा के साथ कई वर्कशॉप्स में भाग लिया और अभिनय को एक नए स्तर पर पहुंचाया।
गायन में भी चमके अभिनव
केवल अभिनय ही नहीं, गायकी में भी अभिनव ने अपनी अलग पहचान बनाई है। सुप्रसिद्ध गायिका वंदना श्रीवास्तव से प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने Thandi Thandi Hawa, Ram Ki Kasam, Meri Sheela और Haripur Me Anand Sajega जैसे कई लोकप्रिय म्यूजिक वीडियो में अपनी आवाज़ दी। उनका गाया हुआ Kodo Ka Kodua गीत भी जबरदस्त हिट रहा है। यही नहीं, उन्हें नई दिल्ली में आयोजित 73वें गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखंड की ओर से गीत ‘देवभूमि की पावन धरती’ प्रस्तुत करने का अवसर मिला, जिसे खूब सराहना मिली।
सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से मील का पत्थर
यह फिल्म जहां एक ओर जौनसार-बावर की लोकसंस्कृति को राष्ट्रीय पटल पर प्रस्तुत कर रही है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को रोजगार सृजन और व्यवसायिक संभावनाओं से भी जोड़ रही है।
गांव से उठकर राष्ट्रीय मंच तक
अभिनव चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र के छोटे से गांव फटेऊ के निवासी हैं। उनका यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाता है कि प्रतिभा, समर्पण और मेहनत के बल पर कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय पहचान बना सकता है।