धीरेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय इंटर कॉलेज बड़खेत के आगामी बोर्ड परीक्षा (2019) में उत्तम प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की
चद्रमोहन जदली
बड़खेत, रिखणीखाल (पौड़ी गढ़वाल) भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग–अलग देशों में देव-भूमि उत्तराखंड एवं हिंदुस्तान की सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार–प्रसार करने तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेको सामाजिक कार्यो में अपनी अहम् भूमिका अदा करने, खाड़ी देश (कुवैत) में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता व राजकीय इंटर कॉलेज बड़खेत के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह रावत जिन्होंने पिछले साल (2018) में भी राजकीय इंटर कॉलेज बड़खेत के छात्रो के बीच स्वयं पहुंचकर बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के उपलक्ष में नगद राशि से छात्रो को सम्मानित किया था, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए श्री रावत ने इस वर्ष भी बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले सभी छात्रों को एक–एक हजार रुपये की नगद राशि, 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को पांच–पांच हजार रुपये की नगद राशि, 95% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बीस–बीस हजार रुपये की नगद राशि और 97% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को पचास-पचास हजार रुपये की प्रोत्साहन नगद राशि से सम्मानित करने का संदेश भेजा हैं. उन्होंने छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भी मदद का वादा किया, क्योकि श्री रावत दुनिया के अनेको चैरिटेबल संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं, जो कि उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रो को इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं अनेको छेत्रों में मुप्त शिक्षा भी दिलाते हैं. श्री रावत के मुताबिक, उनका मकसद छात्रो की प्रतिभा को धन से तोलना बिलकुल भी नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से सभी छात्रों को परीक्षा में अधिक से अधिक अंक प्राप्त करके जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना हैं. उन्होंने समस्त छात्रों को आगामी परीक्षा में सफल होने की ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं भी भेजी हैं.
धीरेन्द्र सिंह रावत ने सभी अभिभावकों का आह्वान भी किया कि वे अपने बच्चों में परीक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल बनाएं। परीक्षार्थी स्वछंद मन से परीक्षा की तैयारी कर सकें, उसके किसी भी दैनिक क्रिया पर पाबंदी लगाने जैसी बात न करें, जिससे कि उसके मन में विषमताएं पैदा हों। श्री रावत ने बताया कि पहले के बालक–बालिकाएं अभावों में अध्ययन कर कठिन परिश्रम से परीक्षा उत्तीर्ण करते थे। वहीं वर्तमान में प्रतिस्पर्धा का युग है और सभी सुविधाएं हाईटेक रूप से मिल रही हैं। ऐसे में बालकों में संस्कार का बीजारोपण करने के साथ साथ उन्हें परीक्षा संबंधी तैयारियों में पूरा सहयोग करें। उन्होंने बच्चों को भी तनाव मुक्त परीक्षा देने की बात कही और कहा कि परीक्षा को तनाव में रहकर देने से नुकसान होता है। उन्होंने बच्चों को रूटीन दिनचर्या के आधार पर पढ़ते हुए परीक्षा देने की बात कही। आईक्यू और ईक्यू में अंतर समझाते हुए कहा की बच्चों में आईक्यू अर्थात मानसिक समझ, अलग–अलग होती है। वहीं ईक्यू अर्थात आपसी समझ होती है। ऐसे में बच्चों के आईक्यू लेवल को बढ़ाने के लिए ईक्यू लेवल को समझना जरूरी होता है।
सभी छात्रों को सन्देश दिया की अपना आत्मबल बढ़ाएं और परीक्षा में अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर बड़ी से बड़ी सफलता हासिल करके भविष्य में छेत्र, राज्य एवं देश की बागडौर सँभालने में सक्षम हो. आज का विद्यार्थी ही कल के भारत का शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, बैज्ञानिक, नेता, अभिनेता, राजनयिक, पत्रकार, व्यवसायी, समाजसेवी और हर कोई उस पद को हासिल करने वाला नागरिक हैं, जिसको हिंदुस्तान की दिशा और दशा को निर्धारित करना हैं.