कोरोना महामारी को हराने के लिए हम सबको प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा—-सजय शर्मा दरमोड़ा
दिल्ली। देश व उत्तराखंड प्रदेश कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हो रखा है, और उसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार और सामाजिक संस्थाएं एक होकर इस महामारी को मात देने में लगे हुए हैं।
वही डॉक्टर नर्स अस्पताल का स्टाफ पुलिसकर्मी भी इस महामारी के समय रात दिन अपनी सेवाएं देकर लोगों के जीवन बचाने के लिए काम कर रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड के मूल निवासी और देश और विश्व मे अपनी एक पहचान रखने वाले हंस फाउंडेशन के माता श्री मंगला जी श्री भोले जी महाराज वैसे तो देश हर कोने में समाज के लोगों की मदद के लिए हमेशा मदद करते रहते है,
हंस फाउंडेशन स्वास्थ्य सेवाओं में शिक्षा के क्षेत्र में और जरूरतमंदों की मदद के लिए सदैव तत्पर कार्य करता रहता है। पिछले कोरोना काल से आज तक जब देश में दूसरी लहर ने अपना प्रकोप मचाया हुआ है,इस मुश्किल समय मे माता श्री मंगला वाह भोले जी महाराज हर संभव समाज लोगों की मदद कर रहे हैं। उत्तराखंड और दिल्ली प्रवासी उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व समाज हितेषी संजय शर्मा दरमोडा़ ने बताया कि उत्तराखंड प्रदेश को इस समय महामारी से मात देने के लिए हंस फाउंडेशन ने 14 करोड़ के स्वास्थ्य सेवाएं उपकरण उपलब्ध कराए हैं। ज्ञात हो कि संजय शर्मा दरमोड़ा भी हर समय समाज के लोगों की सेवा के लिए आगे आकर कार्य करते रहते हैं। पिछले कोरोना काल से इस दूसरी लहर में संजय शर्मा दरमोडा़ जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं, और लोगों को अस्पतालों में जगह दिलाना हो किसी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना हो, या किसी को दवाइयां खाद्य सामग्री देनी हो, हर संभव रात दिन सेवा में लगे रहते हैं। आज उत्तराखंड प्रदेश जब इस महामारी को मात देने में लगा हुआ है। ,इस समय माता श्री मंगला जी भोले जी महाराज और प्रदेश की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि इस महामारी को प्रदेश से शीघ्र मात दी जाए। ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा दिल्ली एनसीआर व प्रदेश के अनेक गांव में जरूरतमंद की सेवा के लिए हमेशा खड़े रहते हैं। जब भु sandesh.com उनसे बात करता है तो वह कहते है प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा शिक्षा के क्षेत्र में एवं पलायन को रोकने के लिए चर्चा करते रहते हैं वह कहते हैं किसी तरह से भी प्रदेश में अधिक से अधिक विकास हो और लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध हो उनके जीवन का यह मूल मकसद है।