“महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर बड़ा कदम: केंद्र ने महिला छात्रावासों के लिए पहली किस्त जारी की”
नई दिल्ली। कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित, संरक्षित और किफायती आवास प्रदान करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 28 राज्यों में महिला छात्रावासों के निर्माण हेतु केंद्र ने 5,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। यह पहल देश में ‘महिला नेतृत्व वाले विकास’ को मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सखी निवास योजना (डब्ल्यूडब्ल्यूएच) के तहत यह योजना कार्यान्वित की जा रही है, जो केंद्र प्रायोजित और मांग आधारित है। योजना का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं और उच्च शिक्षा अथवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान पर आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।
शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध होंगे डे-केयर की सुविधा वाले छात्रावास
जहाँ भी महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर हैं, वहाँ ऐसे छात्रावासों में बच्चों के लिए डे-केयर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल महिलाओं को पारिवारिक जिम्मेदारियों और करियर में संतुलन बनाने में मदद करेगी। हालांकि योजना के अंतर्गत नए भवन निर्माण (ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स) को पहले स्थगित किया गया था, लेकिन अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (DoE) ने विशेष सहायता योजना (SASCI) के अंतर्गत राज्यों को यह सुविधा दी है।
28 राज्यों ने भेजे निर्माण प्रस्ताव, पहली किस्त स्वीकृत
DoE को 28 राज्यों से डब्ल्यूडब्ल्यूएच के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनका मूल्यांकन करने के बाद केंद्र ने पहली किस्त जारी कर दी है। इससे इन राज्यों में महिला छात्रावासों के निर्माण को गति मिलेगी।
निर्भया फंड से भी मिल रहा सहयोग
इसके अतिरिक्त, निर्भया कोष के तहत गठित अधिकार प्राप्त समिति ने भी कई राज्यों में नए छात्रावासों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें उत्तराखंड में 7, उत्तर प्रदेश में 3, नागालैंड में 7, पंजाब में 1, तमिलनाडु में 3 और दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए 1 छात्रावास शामिल हैं।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने यह जानकारी हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत कौशल विकास और विपणन सुविधाओं का प्रावधान नहीं है, लेकिन सुरक्षित आवास की यह पहल महिलाओं को कार्यबल में मजबूती से स्थापित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।