दोनों मातृ शक्तियों की कथा और व्यथा सुनकर के लोग भावुक हुए
18/3/23 को उत्कर्ष योग मिशन के विशेष शिविर में आज आत्मा को विनाश की ओर ले जाने वाले तीन प्रकार के दरवाजे काम, क्रोध लोभ को कैसे त्यागें? विषय पर चर्चा हुई। आनलाइन आफलाइन कार्यक्रम में 75 से ज्यादा लिंक के माध्यम से देश विदेश से बड़ी संख्या में लोगों ने ज्वाइन किया आज के इस विशेष कार्यक्रम में दो मातृ शक्ति ने ज्वाइन किया। पहाड़ में पशु बलि प्रथा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली व शराब बंदी के लिए आंदोलन करने वाली सरिता नेगी और दूसरी बेटी कविता बिष्ट जिसके ऊपर एसिड अटैक हुआ और वह उससे भयानक मानसिक शारीरिक पीड़ा से उभर कर फिर खड़ी होकर समाज के कल्याणकारी कार्यों में लगी है। दोनों ने उत्कर्ष के आज कार्यक्रम में अपने संघर्षों की बात बताई। दोनों मातृ शक्तियों की कथा और व्यथा सुनकर के लोग भावुक हो गए थे ।उत्कर्ष अपने नारे ,”उत्कर्ष योग का एक ही नारा हर घर हो स्वस्थ्य, शिक्षित संस्कारवान हमारा संस्कारवान हमारा के साथ आगे बढ़ रहा है इसमें दिन प्रतिदिन नए-नए लोग ज्वाइन कर रहे हैं ।लोग इस कार्यक्रम में प्रतिदिन 50 मानसिक शारीरिक और आत्म उत्थान की क्रियाओं को करते हैं। ज्ञात हो डॉक्टर सत्येंद्र सिंह द्वारा पिछले कई वर्षों से योग के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है जो कि आज देश-विदेश में भी कराया जा रहा है।