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जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए, किसानों और विद्यालयों में फलदार पौधे का वितरण किया गया 

चौबट्टाखाल। मध्य हिमालय क्षेत्र में सूखे की समस्या लगातार गहराती जा रही है। बारिश और बर्फबारी में आई गिरावट के कारण जंगलों में समय से पहले आग लगने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों से निपटने और मछलाड गाड़ के पुनर्जीवन के उद्देश्य से देहरादून स्थित थिंक टैंक फ्रेंड्स ऑफ हिमालय और स्थानीय संस्था भलु लगद/फीलगुड ट्रस्ट ने क्षेत्र में बंजर खेतों को आबाद करने, फलदार वृक्षारोपण और सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है।

इसी कड़ी में चौबट्टाखाल क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों और विभिन्न विद्यालयों में फलदार पेड़ों का वितरण किया गया। भलु लगद/फीलगुड ट्रस्ट के संस्थापक सुधीर सुंदरियाल ने बताया कि प्रोजेक्ट नयार के तहत जल संरक्षण, प्रकृति आधारित रोजगारोन्मुख कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के साथ-साथ जलस्रोतों के पुनर्जीवन पर कार्य किया जा रहा है। इस अभियान में छात्रों, युवाओं और सेवानिवृत्त बुजुर्गों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है।

फ्रेंड्स ऑफ हिमालय के संस्थापक डॉ. प्रेम बहुखंडी ने बताया कि नदी पुनर्जीवन के लक्ष्य के साथ-साथ इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में बंजर खेतों को फिर से उपजाऊ बनाना, आजीविका के नए अवसर पैदा करना और स्थानीय लोगों के आहार में पोषणयुक्त फलों को शामिल करना है। इस अभियान के तहत 30 ग्राम सभाओं के विद्यालयों, कॉलेजों और किसानों को साथ लेकर जल एवं पर्यावरण संरक्षण पर कार्य किया जाएगा।

फरवरी के प्रथम सप्ताह में प्रगतिशील किसानों और विद्यालयों में 800 से अधिक फलदार पौधों का वितरण किया गया, जिनमें आड़ू, पुलम, खुबानी, सेब और अखरोट प्रमुख थे। इस दौरान चौबट्टाखाल, देवराजखाल, कुटियाखाल, लियाखाल और कमलपुर सहित कई विद्यालयों में विद्यार्थियों को जल, पर्यावरण और पोषण की महत्ता समझाते हुए वृक्षारोपण करवाया गया।

संस्था से जुड़े संजय नवानी, दिब्या बुड़ाकोटी, जयपाल नेगी और अभिषेक रावत इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वृक्षारोपण अभियान वर्ष में दो बार – शीतकाल और वर्षाकाल में संचालित किया जाएगा।

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