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उत्तराखंड में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव के मसले में जल्द निर्णय होने के आसार -धीरेंद्र प्रताप

पार्टी में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के नाम पर नए गुटों पर आधारित विधायक दल में विभाजन की खबरों को उन्होंने निराधार

दिल्ली। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद पर नियुक्ति का मामला जल्द हल किए जाने के आसार हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 4 दिनों में पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और पार्टी के केंद्रीय प्रभारी देवेंद्र यादव ने दिल्ली में विस्तार से मंथन किया है और उन्हें उम्मीद है कि इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को सौंपा गये पत्र पर जल्द से जल्द फैसला हो जाएगा ।
पार्टी में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के नाम पर नए गुटों पर आधारित विधायक दल में विभाजन की खबरों को उन्होंने निराधार और राजनीति से प्रेरित बताते हुए बताया कि श्री प्रीतम सिंह, श्री हरीश रावत को अपना बड़ा भाई मानते हैं और दोनों नेताओं में किसी भी पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पार्टी नेता समाज के तमाम वर्गों को साथ लेकर चलना चाहते हैं जो कि लोकतंत्र का एक सुंदर लक्षण है ।उन्होंने कहा अन्यथा कांग्रेस पार्टी जातिवाद संप्रदाय और धर्म पर आधारित राजनीति के विरुद्ध है और व्यक्तियों की योग्यता के आधार पर उन्हें पार्टी में निर्धारित जिम्मेदारियां दी जाती है।प्रताप ने कहा कि पंजाब के बदले में भी व्यस्त होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व को फैसला लेने में थोड़ी देरी हो रही है लेकिन उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत से पहले उत्तराखंड में विधायक दल के नेता का फैसला आम सहमति से हो जाएगा।
धीरेंद्र प्रताप ने इस बीच रामनगर में हो रही भारतीय जनता पार्टी की मंथन बैठक को ढकोसला बताते हुए कहा कि भाजपा द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़े जाने की घोषणा से बड़ा कोई मजाक नहीं हो सकता । उन्होंने कहा कि शीशे के घरों में रहने वाले लोगों को दूसरों के घरों में पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि साढे 4 साल के कार्यकाल में भाजपा के काले कारनामों की पोल खुल गई है और राज्य के विकास के सवालों से लेकर कोरोना की चुनौतियों से मुकाबला करने तक हर मामले में भाजपा के फजीहत हुई है। यदि भाजपा साडे 4 साल के कार्यकाल में विफल ना होती तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से क्यों हटाया गया भाजपा इसका जवाब दें। उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी नौसिखिया बताते हुए कहा कि उनमें भी शासन का कोई अनुभव दिखाई नहीं देता और राजनीति के लिए आवश्यक दूरदर्शिता और कार्य कौशल तो दूर-दूर तक नहीं है ।
प्रताप ने कहा कि कांग्रेस के राज्य भर में पर्यवेक्षक विभिन्न विधानसभाओं के दौरे पर हैं और पार्टी लगातार आगामी 2022 के चुनाव के लिए अपनी कमर कस रही है । यद्यपि उन्होंने स्वीकार किया श्रीमती इंदिरा हृदयेश के निधन से पार्टी को भारी धक्का लगा है और उनकी रिक्तिता को भरने में समय लगेगा।

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