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हिंदी अब रोजगारोन्मुखी वैश्विक भाषा बन चुकी है: —-डॉ. दयानंद वत्स

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के तत्वावधान में आज संघ के रोहिणी स्थित मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद.वत्स के सान्निध्य में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. वत्स ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में हिंदी अब रोजगारोन्मुखी वैश्विक भाषा बन चुकी है।
हिंदी अब आत्मनिर्भर भाषा है।
विश्व भर के विकसित और विकासशील देशों के भारत के साथ बढ रहे व्यापारिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों ने सभी देशों के नागरिकों को हिंदी सीखने पर विवश कर दिया है। भारत आज विश्व की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। कल तक जो हिंदी बोलने वाले हिंदी भाषी अपने को हीन भावना से ग्रस्त महसूस करते थे वह आज गर्वित अनुभव करते हैं। आज वही लोग हीन भावना से ग्रस्त हैं जिन्हें हिंदी नहीं आती। सिक्का बदल चुका है।
वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा आज हिंदी भाषा के लिए वैश्विक गौरव का प्रतीक बन गयी है। यह एक शुभ संकेत है।

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