भारत सहित पूरा विश्व कोविड -19 अर्थात कोरोना वायरस जनित महामारी की चपेट में
नई दिल्ली :- अमर चंद्र
भारत सहित पूरा विश्व कोविड -19 अर्थात कोरोना वायरस जनित महामारी की चपेट में है। ये महामारी चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी। और 31 दिसंबर 2019 को चीन की सरकार ने आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ संगठन को यह जानकारी दी थी। कि वह अपने वुहान शहर में सार्स जैसे किसी वायरस से होने वाली महामारी का सामना क्र रहा है। गौरतलब है कि 2003 में चीन में ही सार्स नाम से एक खास प्रकार के निमोनिया जैसे संक्रमण से फैलने वाली विषाणु जनित बीमारी ने काफी जन – धन का नुकसान किया था। वर्तमान में कोरोना नाम से जो वैश्विक महामारी विश्व के अधिकतर मुल्को में तबाही मचाये हुए है। , उसका वायरस सार्स बीमारी के ही वायरस का विकसित रूप माना जा रहा है।
इस महामारी को रोकने के लिए यूरोप और अमेरिका के विकसित मुल्क एड़ी – चोटी का जोर लगाए हुए है। परन्तु उन मुल्को में हालत काफी बद से बदतर होते जा रहे है। और हजारो की तादात में लोग कोरोना से सक्रमित होकर बीमार हो रहे है। और
असमय काल के गाल में समा रहे है। भारत में भी अभी तक 933 लोग कोरोना से सक्रमित पाए गए है तथा 20 लोगो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। और 80 लोग ठीक हुए इस बीमारी या महामारी को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों का देशव्यापी लॉक – डाउन घोषित किया गया है। आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी तरह के काम-काज तथा लोगो की आवाजाही पूर्णतय बंद कर दी गयी है। सबसे पहले इस बीमारी का सामना करने वाले चीन में हुए शोधो के मुताबिक इस बीमारी की चपेट में बुजुर्गो के आने की सम्भावना ज्यादा है। शोध के परिमाणों में यह भी बताया गया है कि संक्रमित होने वाले लोगो में से मरने वालो की संख्या का औसत एक से दो प्रतिशत तक है। तथा बच्चो में इस बीमारी के सक्रमण की दर काफी काम है। यह रोग मानवो को सामूहिक तौर पर सक्रमित कर रहा है।
मानवो को प्रभुप्रदत्त शरीर प्रभु की एक बेमिसाल देन है। मेडिकल साइंस भी यह स्वीकार करता है। कि मानव शरीर में घातक से घातक विषाडु के खिलाफ लड़के की झमता विधमान होने के साथ साथ ऐसे विकसित करने की ताकत भी मौजूद है उपचार विज्ञानं में एक कहावत प्रचलित है। कि डॉक्टर घाव पर पट्टी बांधता है परन्तु शरीर घाव को स्वयं भरता है। इसी सिद्धांत का अमल करके ही विभन्न उपचार तथा ओषधियाँ विकसित की जाती है। वर्तमान में हमारे देश को सर्वाधिक आवश्यकता इस बात की है। कि लॉक – डाउन का पालन हो सरकारी चिकित्सा सेवाएं यहां तक कि निजी चिकित्सा सेवाएं भी सरकार के नियंत्रण में है। प्र्तेक व्यक्ति को भोजन , पेयजल , ऊर्जा और संचार सुविधाएं सरकार के नियंत्रण में उसके आवास प्रवास पर ही उपलब्ध करा दी जाये। ताकि लोगो को एक दूसरे के सम्पर्क में आने का कम से कम मौका मिल सके। यह सर्वमान्य तथ्य है कि प्राथ्नाओ में असीम शक्ति होती है। विश्व की प्र्तेक छोटी बड़ी घटना ब्रमांड के संचालक शक्ति के अधीन है। इसलिए हमे हर हल में अपनी प्राथनाओं में मौजूदा महामारी से मुक्ति दिलाने की पुकार शामिल होनी चाहिए। अतंत ब्रहम ही है जो आज तक इस विश्व को यहां तक लाया है
ओर आगे भी ले जायेगा,अमर संदेश समाचार पत्र से में अमर चंद्र सभी देशवासियों से अपील करता हूँ भारत सरकार व राज्य सरकारो ,प्रशासन की अपील पर अमल कर इस विषाणु रोग का मुकाबला करे,अपने घरो पर ही रह कर , देश को इस मुसीबत की घटी मे सहयोग करे।