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योग से प्री डायबिटीज का खतरा हो सकता है कम, शोध में खुलासा

Amar sandesh नई दिल्ली। योग से प्री डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। यह जानकारी चिकित्सीय संस्थानों के डायबिटीज सेंटर में 974 लोगों पर तीन साल तक हुए शोध में सामने आई है। यह शोध डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम में प्रकाशित हुआ है।

मानक जीवनशैली और योग अपनाकर प्री डायबिटीज के मरीज टाइप-2 डायबिटीज होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। यह जानकारी देश के पांच अलग-अलग चिकित्सीय संस्थानों के डायबिटीज सेंटर में 974 लोगों पर तीन साल तक हुए शोध में सामने आई है। यह शोध डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम में प्रकाशित हुआ है। शोध में 974 लोग शामिल किए गए थे जिनकी उम्र 30 से लेकर 77 वर्ष थी। इसमें पुरुष और महिला का अनुपात 1:1.4 रहा।

सभी लोगों को दो अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया। मानक जीवनशैली और योग वाले ग्रुप ए में 488 लोग और ग्रुप बी में योग न करने वाले 486 लोग शामिल किए गए। ग्रुप ए के लोगों को प्रणायाम सहित कई दूसरे योग 30 मिनट नियमित करने और संतुलित आहार लेने के निर्देश गए थे। योग के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया। लोगों को वजन घटाने और हफ्ते में कम से कम पांच दिन शारीरिक अभ्यास करने का परामर्श भी था।

शोध में शामिल हुए लोगों पर तीन साल के फॉलोअप के बाद सामने आया कि योग के साथ डायबिटीज का जोखिम 39.2 फीसदी कम देखने को मिला। ग्रुप ए के 56 लोगों में और ग्रुप बी के 92 लोगों में डायबिटीज देखी गई। यानि बिना योग वाले ग्रुप बी में डायबिटीज होने की दर ग्रुप ए से ज्यादा रही। ग्रुप ए में 77 फीसदी से ज्यादा लोगों ने 75 फीसदी समय तक योग किया। ट्रायल में 974 में से 774 लोग पूरे तीन साल तक ही शामिल हो सकें। ग्रुप ए वाले समूह की छोड़ने की दर 19.9 फीसदी और ग्रुप बी की 21 फीसदी थी।

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