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विलमिंगटन घोषणा” को मिला समुद्री विस्तार: ‘क्वाड एट सी शिप ऑब्जर्वर मिशन’ से समुद्री सुरक्षा सहयोग के नए युग की शुरुआत

Amar sandesh नई दिल्ली, 30 जून।हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, क्वाड देशों—भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया—की कोस्ट गार्ड एजेंसियों ने एक बहुपक्षीय अभियान “क्वाड एट सी शिप ऑब्जर्वर मिशन” प्रारंभ किया है। इस रणनीतिक पहल के तहत, प्रत्येक देश के दो अधिकारियों (जिसमें महिला अधिकारी भी शामिल हैं) को अमेरिका के कोस्ट गार्ड कट्टर (USCGC Stratton) पर तैनात किया गया है, जो वर्तमान में गुआम (सं.रा.अमेरिका) की ओर अग्रसर है।

यह मिशन सितंबर 2024 में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में पारित “विलमिंगटन घोषणा” में वर्णित साझा दृष्टिकोण को मूर्त रूप देता है, जो मुक्त, समावेशी, नियम-आधारित एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में चारों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल से समुद्री डोमेन की जागरूकता, परिचालन समन्वय और अंतरसंचालनीयता को नई मजबूती मिलेगी।

यह पहली बार है जब क्वाड की चारों समुद्री एजेंसियां—भारतीय तटरक्षक बल (ICG), जापान कोस्ट गार्ड (JCG), संयुक्त राज्य अमेरिका कोस्ट गार्ड (USCG) और ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फोर्स (ABF)—सीधे समुद्र में संयुक्त रूप से एक अवलोकन मिशन में भाग ले रही हैं।

भारतीय तटरक्षक बल की सक्रिय भागीदारी भारत की समुद्री रणनीतिक सोच ‘सागर’ (SAGAR – क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) को प्रतिबिंबित करती है और हिंद-प्रशांत महासागरीय पहल (IPOI) के तहत किए जा रहे प्रयासों को बल प्रदान करती है। यह भारत की क्षमता-विकास, मानवीय सहायता और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

‘क्वाड एट सी शिप ऑब्जर्वर मिशन’, क्वाड कोस्ट गार्ड बलों के बीच एक “समुद्री हैंडशेक” की शुरुआत है, जो संचालनिक एकजुटता, विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देता है। जैसे-जैसे समुद्री चुनौतियां जटिल होती जा रही हैं, यह पहल साझा सुरक्षा, सामूहिक तत्परता और क्षेत्रीय लचीलापन की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

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