उत्तराखंड प्रवासी युवा उघमियों का सफल आयोजन ‘बिजनेस उत्तरायणी 2019’ सियासी दलों के लिए चुनोती
सी एम पपनैं
नई दिल्ली।
हिमालयन हाइट्स बिजनेस उत्तरायणी 2019 का पहला ‘उघमिता, विकास और उत्तराखंड के युवा उघमियों का कार्यक्रम’ 18 फरवरी को विश्व युवक केंद्र चाणक्यपुरी मे उत्तराखंड के प्रबुद्ध प्रवासी बन्धुओ की भारी उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ। आयोजंन का उद्देश्य था, उत्तराखण्ड मे उत्पादित कृषि उत्पादों व स्थानीय अन्य उघमो मे युवाओं की रुचि बढ़ाना, पहाड़ो से दिन पर दिन बढ़ते पलायन की रफ्तार पर लगाम लगाना व देश के विभिन्न नगरों व महानगरों मे निवासरत पहाड़ के प्रवासी बन्धुओ की अपने मूल गांवो की ओर वापसी की राह बनाना। आयोजन मे उत्तराखंड के प्रबुद्ध प्रवासी छोटे-बड़े उघमियों, व्यवसाइयों, देश के विख्यात प्रतिष्ठानों मे कार्यरत उच्च प्रतिष्ठित प्रबंधकों, अधिकारियों, समाजसेवियों व युवाओं की भारी मौजूदगी रही।
मुख्य प्रतिष्ठित प्रवासी जनो मे पद्मश्री अनूप साह, डॉ गुसाईं सिंह, कर्नल डी पी डिमरी, डॉ हरिसुमन बिष्ट, दिवान सिंह नयाल, सुरेंद्र सिंह हालसी, चन्दन डांगी, सूर्यप्रकाश सेमवाल, एस एस गुसाईं, ब्रिज मोहन उप्रेती, कमल सिंह, रानू बिष्ट, मनोज चंदोला, दिनेश फुलारा, विनोद बछेती, सी बी टम्टा, बहुगुणा, दयाल पांडे, शिवदत्त पंत, गोपाल उप्रेती, प्रताप सिंह शाही, विनोद बिष्ट इत्यादि मुख्य थे। प्रबुद्ध वक्ताओं ने भरे सभागार मे अपने जीवन के गहन अनुभवो, स्वयं की उन्नति की राह मे आई जटिलताओं व मिली सफलताओं, उत्तराखंड के संवेदनशील पहाडी जनजीवन मे उपजी कृषि व पलायन की दयनीय व गम्भीर स्थिति, उत्तराखंड की उघमिता से जुड़े युवाओं को प्रोत्साहन देने तथा व्यवसाय बढाने के गुरो की बारीकी व सफल डगर की बानगी पर मुखर होकर सारगर्भित गूढ़ विचार रखे। वक्ताओं ने व्यक्त किया, वर्तमान मे उत्तराखंड के उत्थान व संवर्धन हेतु उघमिता का विषय गहन, गंभीर व विचारणीय है, क्योकि उत्तराखंड के उघमिता विकास व उसके संवर्धन हेतु कोई कार्य नही हुआ है, न ही सियासी दलों व स्थापित सरकारों की कोई रूचि स्थानीय जनो के जनसरोकारों के हितार्थ रही है। कृषि कार्यो, बागवानी व अन्य कृषि उत्पादों मे बन्दरो, लंगूरों व सुअरो के बढ़ते उत्पातो के परिणाम स्वरूप पहाड़ के मूल निवासियों ने मैदानी क्षेत्रो को भारी तादात मे पलायन कर अपना ठिया बदलने का क्रम जारी रखा है। नतीजन गांव के गांव पूर्णतया खाली हो गए है। खेत खलिहान बंजर हो गए हैं। सीमान्त मध्य हिमालय का यह क्षेत्र असुरक्षित हो गया है।
अनुभवी वरिष्ठ वक्ताओं ने स्पष्ट तौर पर व्यक्त किया कि अब वक्त आ गया है कि हम सभी उत्तराखंड के प्रबुद्ध प्रवासी जनों को उत्तराखंड के स्थानीय लोगों, युवाओं, लोकसंस्कृति व हिमालय से जुडी विभिन्न संस्थाओं, समाज सेवियों, लेखको, साहित्यकारो, पत्रकारों इत्यादि के साथ मिल बैठकर एक मत होकर हिमालय से जुड़े अन्य व्यवसायिक सरोकारों, स्वरोजगार व उघमिता विकास हेतु योजनाबद्ध तरीके से उत्तराखंड के समुचित उत्थान व संवर्धन की नींव रखनी होगी, सियासी दलों के लारे- लप्पो व निजी स्वार्थो को परे रख कर।इस अवसर पर आयोजकों द्वारा अनेको प्रबुद्ध युवाओं को अतिथि वक्ताओं के हाथों प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। त्रैमासिक पत्रिका ‘द हिमालयन हाइट्स’ का विमोचन अतिथि वक्ताओं द्वारा किया गया।निष्कर्ष स्वरूप नीरज बवाड़ी के अथक प्रयासों, सूत्र संयोजन और मोटिवेशन के परिणाम स्वरूप द हिमालयन हाइट्स टीम का यह पहला भव्य व सफल ‘बिजनेस उत्तरायणी 2019’ का आयोजन उत्तराखंड के प्रवासी युवाओं के लिए उत्साहवर्धक व प्रेरणादायी साबित हुआ, उत्तराखंड राज्य के भावी उज्जवल भविष्य के हितार्थ।सभागार मे उमड़े प्रबुद्ध श्रोता जनों का कथन था, काश! उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार व अन्य सियासी दलो की उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के गावों के उत्थान व संवर्धन हेतु सन 2000 उत्तराखंड राज्य के नव निर्माण की स्थापना व अपने ही क्षेत्र विशेष के लोगो के सत्तासीन होने के बाद उघमिता विकास व स्थानीय लोगो व युवाओं के लिए विभिन्न जनसरोकारों से जुडी योजनाओ के बावत सोच जागृत हुई होती, जो इन 18 वर्षो के अंतराल मे धरातल पर दिख कर व क्रियान्वित होकर फलदायी साबित हो रही होती। विषम भौगोलिक पहाड़ो की कृषि व बागवानी मे किसानों की आर्थिक स्थिति व उघमियो को अपनी जटिल मेहनत, मजदूरी का लाभ मिल कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही होती, पलायन का दंश त्याग कर।