देश में किफायती आवास में निरंतर वृद्धि होगी : मुख्य कार्यकारी अधिकारी,नेशनल हाउसिंग बैंक
नई दिल्ली। संस्थागत वित्तपोषण, वाह्य व्यापारिक ऋण (इसीबी ) पर आसान और समर्पित पहुंच की वजह से निवेश बढ़ेगा और भारत में किफायती आवास में निरंतर वृद्धि होगी और यह रियल एस्टेट के क्षेत्र का अभिन्न अंग बन जाएगा। नेशनल हाउसिंग बैंक के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम कल्याणरमण ने यह बात नई दिल्ली में आयोजित एसोचैम के एक आयोजन में कही।
‘सब के लिए वित्तीय सहायता विषय’ पर एसोचैम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिखर सम्मलेन में नेशनल हाउसिंग बैंक के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याणरमण ने कहा कि घरों की संख्या में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों की बुनियादी परियोजनाओं को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेशकों से काफी बल मिलेगा।
रविंद्र सुधालकर, सह अध्यक्ष, एसोचैम नेशनल कौंसिल ऑफ अफोर्डेबल हाउसिंग और कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रिलायंस होम फाइनेंस ने कहा,” आवासीय क्षेत्र में प्रगति सराहनीय है लेकिन इसकी प्रगति को गति प्रदान करने की जरूरत है। हम वित्तदाताओं, बिल्डरों और बैंकों को इसमें गति प्रदान करने की जरूरत है ताकि सबके लिए आवास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।”
श्रीराम कल्याणरमण ने कहा, “दूसरी ओर कम दरों पर वित्त प्रदान करने से डेवलपर की निर्माण लागत में कमी आएगी जिसका फायदा ग्राहक को मिलेगा। इसके अलावा भारत में रिज़र्व मॉर्गेज बैकड सिक्योरिटीज या कवर्ड बांड्स जैसे माध्यमिक मॉर्गेज को विकसित करने की जरूरत है। वाह्य व्यापारिक ऋण (इसीबी) के दिशानिर्देशों में सरलीकरण से विदेशों से उधार की ताजा संभावनाओं में वृद्धि हुई है।”
श्रीराम कल्याणरमण ने आगे कहा कि रियल इस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरइआईटी) में इतनी संभावनाएं हैं कि वह भारतीय रियल इस्टेट क्षेत्र, खास तौर पर व्यापारिक रियल इस्टेट और रेंटल हाउसिंग में बदलाव ला सके। कल्याणरमण ने आगे कहा कि भारत में आरइआईटी के आगमन को बाजार के कई खिलाड़ियों ने इसका गर्मजोशी से स्वागत किया है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बजट 2018- 2019 में किफायती आवासीय परियोजनाओं पर काफी बल दिया गया है। इसके लिए सरकार ने नेशनल हाउसिंग बैंक में पूरी तरह समर्पित अफोर्डेबल हाउसिंग फंड की घोषणा की है। यह किफायती आवास के लिए कम कीमत पर लंबे समय के लिए उपलब्ध होगा।