आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस, नारी शक्ति को सशक्तिकरण और विश्व में भारत की सशक्त भूमिका को बताया सफलता का आधार
Amar sandesh नई दिल्ली, 20 जून।नई दिल्ली से सांसद एवं भाजपा नेत्री सुश्री बांसुरी स्वराज ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के 11 वर्षों का कार्यकाल केवल एक राजनीतिक व्याख्यान नहीं, बल्कि राष्ट्र-भाग्य निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा है। संवाददाता सम्मेलन में जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बब्बर, विधायक हरीश खुराना, रविंद्र चौधरी, अनिल शर्मा, श्रीमती शिखा राय, श्री नीरज बसोया और श्री उमंग बजाज भी उपस्थित रहे।
सुश्री स्वराज ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियानों ने यह सिद्ध कर दिया कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक रणनीति ने दुनिया को भारत की निर्णायक नेतृत्व शैली का परिचय कराया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 33 देशों में भारत के रुख की गूंज सुनाई दी।
सांसद बांसुरी स्वराज ने बताया कि कोविड महामारी के समय भारत ने 48 देशों को मुफ्त वैक्सीन भेजीं, जिससे भारत ने ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में एक नया स्थान प्राप्त किया। अफ्रीका के कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया जैसे देशों में मोदी सरकार की इस पहल की प्रशंसा हुई। उन्होंने कहा, “अब भारत केवल विश्वामित्र नहीं, बल्कि विश्वगुरु की भूमिका भी निभा रहा है।”
मोदी सरकार के नेतृत्व में विझिंजम पोर्ट प्रोजेक्ट जैसे विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और स्टार्टअप इकोसिस्टम में तीसरे स्थान पर है। यह आर्थिक नीतियों की सफलता और युवा शक्ति के भरोसे को दर्शाता है।
बांसुरी स्वराज ने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए जन धन योजना, मुद्रा लोन, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, और 33% आरक्षण जैसे निर्णय लेकर उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाया। “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” के तहत अब संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 4 करोड़ से अधिक प्रधानमंत्री आवास, और स्वनिधि योजना के तहत बिना गारंटी के स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देकर गरीबों को स्वावलंबी बनाया।
सांसद ने कहा कि 500 वर्षों के इंतजार के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा होना केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक आत्मविश्वास का प्रतीक है। काशी विश्वनाथ और महाकालेश्वर कॉरिडोर जैसे प्रकल्प भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उदाहरण हैं।
सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा, “भारत की गाथा आज हर मंच पर सुनाई दे रही है — विकास, सुशासन, सुरक्षा, संस्कृति और सम्मान की। यह सब संभव हो पाया है क्योंकि **’मोदी हैं तो मुमकिन है’।”*