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उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिये सरकार ने झोंकी ताकत

नयी दिल्ली, 20 नवंबर महाबीर सिंह (अमर संदेश न्यूज) उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 से अधिक श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये राज्य सरकार के साथ साथ अब केन्द्र सरकार के स्तर पर भी प्रयास तेज हो गये हैं। भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ सिलक्यारा पहुंचे हैं। इसके अलावा समूचे अभियान में सीमा सड़क संगठन तथा कई केन्द्रीय प्रतिष्ठानों की मदद लिये जाने की जानकारी मिली है।

सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिक पिछले नौ दिन से फंसे हैं। सुरंग में मलबा गिर जाने के कारण ये श्रमिक वहां फंस गये। ताजा जानकारी के मुताबिक पहले चार इंच और अब एक नई छह इंच पाइप के जरिये श्रमिकों तक हवा, पानी और खाना आदि पहुंचाने का काम हुआ है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिये अब तक चार इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी। अब दूसरी छह इंच व्यास की पाइपलाइन मलबे के आरपार बिछा दिये जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ तथा दवायें पहुंचाने में सहूलियत होगी। इस बीच बचाव अभियान में तेजी लाते हुये सीमा सड़क संगठन और कई केन्द्रीय प्रतिष्ठानों के इसमें शामिल होने की जानकारी मिली है।

देहरादून से राज्य सरकार के सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गये हैं। अर्नोल्ड डिक्स, इंटरनेशनल टनलिंग एण्ड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसियेशन (आईटीए) के अध्यक्ष हैं। इसके बाद उत्तराखंड सरकार के केन्द्रीय संगठनों के साथ बचाव अभियान में समन्वय स्थापित करने वाले शीर्ष अधिकारी और सचिव डाॅ नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखों, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर बचाव अभियान की रणनीति पर चर्चा की।

उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान इन श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनका रहने-खाने की पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। इसके लिये वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों की कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समान्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है। घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है। वहीं से विभिन्न राज्यों के श्रमिकों के परिजनों को ताजा स्थिति की जानकारी दी जा रही है। शासन के स्तर पर वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी डाॅ नीरज खैरवाल को केन्द्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दे दी गई है। एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी को भी मौके पर पहले ही भेज दिया गया है।

राज्य सूचना केन्द्र के मुताबिक मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उत्तरकाशी आने वाले श्रमिकों के परिजनों की रहने, खाने, आवागमन से लेकर मोबाइल रिचार्ज तक की व्यवस्था की जाये। यह काम पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ होना चाहिये ताकि सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े।

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